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हिमाचल में पहली बार पहाड़ी गायों की होगी गणना, GPS सिस्टम के तहत होगी काउंटिंग - Pahari cow counting

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 16, 2024, 3:41 PM IST

Pahari cow counting: हिमाचल में पशुओं की गणना शुरू हो गई है. अंतिम बार साल 2019 में पशुओं की गणना हुई थी. उस समय हुई गणना में प्रदेश में कुल 59 लाख से ज्यादा पशु पाए गए थे. डिटेल में पढ़ें खबर...

PAHARI COW COUNTING
हिमाचल पहाड़ी गायों की होगी गणना (ETV Bharat)

मंडी: पूरे देश सहित हिमाचल प्रदेश में पशुओं की 21वीं गणना शुरू हो गई है. हिमाचल में इस बार पहाड़ी गायों की अलग से गणना की जाएगी. इसके लिए सरकार ने विशेष प्रावधान किया है. इससे पहले प्रदेश में कभी भी पहाड़ी गायों की अलग से गणना नहीं की गई है.

इसी कारण प्रदेश सरकार के पास पहाड़ी गायों का कोइ डाटा मौजूद नहीं है. विभाग द्वारा पहले गाय की सिर्फ देसी और विदेशी नस्लें ही काउंट की जाती थीं. 21वीं गणना में एक खास बात और है कि इस बार मोबाइल के जीपीएस सिस्टम के माध्यम से पशुओं की यह गणना की जा रही है.

इस पशु गणना में सड़कों व गलियों में घूम रहे आवारा कुत्तों व बेसहारा पशुओं को भी शामिल किया गया है. जीपीएस सिस्टम के माध्यम से होने वाली इस गणना में सरकार व विभाग के पास पशुओं का इस बार रियल टाइम डाटा सामने आएगा.

पशुपालन विभाग जिला मंडी के उपनिदेशक डॉ. अतुल पुरी ने जानकारी देते हुए बताया इस बार नस्ल विशेष की गणना को प्रमुखता दी गई है ताकि हर नस्ल का अलग से डाटा तैयार किया जा सके. पहाड़ी गायों को पहली बार अलग नस्ल में शामिल किया गया है जिससे उनका पूरा डाटा एकत्रित होगा.

इस गणना के बाद जो डाटा तैयार होगा फिर भविष्य में उसी के तहत सरकार द्वारा पहाड़ी गायों के लिए विशेष प्रकार की योजनाएं बनाई जाएंगी. डॉ. पुरी ने बताया कि पहाड़ी गाय के अलावा अन्य पशुओं की भी जो स्थानीय नस्लें होंगी उनका डाटा भी अलग से बनाया जाएगा. इसके लिए गणना में इस बार विशेष प्रावधान किया गया है.

वहीं, डॉ. अतुल पुरी ने बताया कि इस बार की गणना जीपीएस आधारित हो रही है इसलिए इस बात की कोई शंका नहीं रहेगी कि पशुओं की गणना मौके पर जाकर नहीं की गई है. जीपीएस के तहत गणना के लिए जाने वाली हर टीम की लोकेशन ट्रैक की जा रही है और मौके से ही यह सारा डाटा एकत्रित किया जा रहा है.

इस बार की गणना से स्टीक आंकड़े आएंगे. इस कार्य के लिए पशुपालन विभाग ने जिलाभर में 65 सुपरवाइजर और 522 फार्मासिस्टों को तैनात किया है जो घर-घर जाकर पशु गणना का कार्य कर रहे हैं. यह गणना 31 दिसंबर तक हर हाल में पूरी कर ली जाएगी. बता दें कि विभाग की अधिकारिक वैबसाइट से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में वर्ष 2019 में हुई 20वीं पशु गणना के आधार पर 59 लाख से ज्यादा पशु हैं.

ये भी पढ़ें: मंडी में HRTC कर्मी के घर बाहर दिखा तेंदुआ, CCTV कैमरे में कैद हुई चहलकदमी, अब तक 6 कुत्तों को बना चुका है निवाला

मंडी: पूरे देश सहित हिमाचल प्रदेश में पशुओं की 21वीं गणना शुरू हो गई है. हिमाचल में इस बार पहाड़ी गायों की अलग से गणना की जाएगी. इसके लिए सरकार ने विशेष प्रावधान किया है. इससे पहले प्रदेश में कभी भी पहाड़ी गायों की अलग से गणना नहीं की गई है.

इसी कारण प्रदेश सरकार के पास पहाड़ी गायों का कोइ डाटा मौजूद नहीं है. विभाग द्वारा पहले गाय की सिर्फ देसी और विदेशी नस्लें ही काउंट की जाती थीं. 21वीं गणना में एक खास बात और है कि इस बार मोबाइल के जीपीएस सिस्टम के माध्यम से पशुओं की यह गणना की जा रही है.

इस पशु गणना में सड़कों व गलियों में घूम रहे आवारा कुत्तों व बेसहारा पशुओं को भी शामिल किया गया है. जीपीएस सिस्टम के माध्यम से होने वाली इस गणना में सरकार व विभाग के पास पशुओं का इस बार रियल टाइम डाटा सामने आएगा.

पशुपालन विभाग जिला मंडी के उपनिदेशक डॉ. अतुल पुरी ने जानकारी देते हुए बताया इस बार नस्ल विशेष की गणना को प्रमुखता दी गई है ताकि हर नस्ल का अलग से डाटा तैयार किया जा सके. पहाड़ी गायों को पहली बार अलग नस्ल में शामिल किया गया है जिससे उनका पूरा डाटा एकत्रित होगा.

इस गणना के बाद जो डाटा तैयार होगा फिर भविष्य में उसी के तहत सरकार द्वारा पहाड़ी गायों के लिए विशेष प्रकार की योजनाएं बनाई जाएंगी. डॉ. पुरी ने बताया कि पहाड़ी गाय के अलावा अन्य पशुओं की भी जो स्थानीय नस्लें होंगी उनका डाटा भी अलग से बनाया जाएगा. इसके लिए गणना में इस बार विशेष प्रावधान किया गया है.

वहीं, डॉ. अतुल पुरी ने बताया कि इस बार की गणना जीपीएस आधारित हो रही है इसलिए इस बात की कोई शंका नहीं रहेगी कि पशुओं की गणना मौके पर जाकर नहीं की गई है. जीपीएस के तहत गणना के लिए जाने वाली हर टीम की लोकेशन ट्रैक की जा रही है और मौके से ही यह सारा डाटा एकत्रित किया जा रहा है.

इस बार की गणना से स्टीक आंकड़े आएंगे. इस कार्य के लिए पशुपालन विभाग ने जिलाभर में 65 सुपरवाइजर और 522 फार्मासिस्टों को तैनात किया है जो घर-घर जाकर पशु गणना का कार्य कर रहे हैं. यह गणना 31 दिसंबर तक हर हाल में पूरी कर ली जाएगी. बता दें कि विभाग की अधिकारिक वैबसाइट से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में वर्ष 2019 में हुई 20वीं पशु गणना के आधार पर 59 लाख से ज्यादा पशु हैं.

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