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किसान ऐसे करेंगे धान की रोपाई तो होंगे मालामाल, एक्सपर्ट ने बताई खास तकनीक - Paddy Transplanting Technology - PADDY TRANSPLANTING TECHNOLOGY

Paddy Transplanting Technology: कृषि वैज्ञानिकों ने अच्छे किस्म के धान उत्पादन की सलाह दी है. कृषि तकनीकी सहायक प्रबंधक ने बेहतर उत्पादन के लिए बासमती धान की बुवाई करने का सुझाव दिया है. इस वक्त अगर बासमती धान की बुवाई करते हैं, तो किसानों को अच्छा लाभ होगा.चलिए हम आपको बताते हैं कि हरियाणा में लगने वाली बासमती धान की उन्नत किस्म कौन-कौन सी है. धान की रोपाई करने का वैज्ञानिक तरीका क्या है और उसका प्रबंधन कैसे किया जाता है.

Paddy Transplanting Technology
Paddy Transplanting Technology (ईटीवी भारत करनाल रिपोर्टर)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Jun 21, 2024, 2:55 PM IST

Updated : Jun 21, 2024, 5:26 PM IST

Paddy Transplanting Technology (ईटीवी भारत करनाल रिपोर्टर)

करनाल: हरियाणा में धान की रोपाई पूरे जोरों पर है. फिलहाल किसान ज्यादातर मोटी और हाइब्रिड धान की रोपाई कर रहे हैं. लेकिन अब किसानों का बासमती धान रोपाई का समय भी शुरू होने वाला है. हरियाणा राज्य के 14 जिलों धान की फसल की रोपाई की जाती है. जिसके लिए उतरी हरियाणा के कई जिले सबसे ज्यादा मशहूर है. हरियाणा की बासमती धान भारत ही नहीं विदेशों में भी प्रमुख है. क्योंकि हरियाणा की बासमती धान के चावल का स्वाद और खुशबू अलग ही होती है. लेकिन कुछ किसान बासमती धान की उन्नत किस्म का चयन नहीं कर पाते. जिसके चलते वह अच्छा उत्पादन नहीं ले पाते.

बासमती धान की उन्नत किस्म: डॉक्टर करमचंद जिला कृषि उपनिदेशक कुरुक्षेत्र ने बताया कि हरियाणा में बड़े स्तर पर बासमती धान की खेती की जाती है. हमारा बासमती चावल विदेश में भी लोकप्रिय है. लेकिन कुछ किसान भाई उचित किस्म का चयन नहीं कर पाते जिसके चलते उत्पादन प्रभावित होता है. हरियाणा में बासमती धान की प्रमुख तौर पर चार किस्म लगाई जाती है. हरियाणा में मुख्य तौर पर बासमती धान की रोपाई 25 जून से शुरू 15 जुलाई तक सही मानी जाती है.
हरियाणा में लगने वाली बासमती की प्रमुख चार किस्म
1. पूसा बासमती 1692
2. पूसा बासमती 1509
3. पूसा बासमती 1121
4. सीएसआर 30

धान रोपाई का वैज्ञानिक तरीका: डॉ. करमचंद जिला कृषि उपनिदेशक कुरुक्षेत्र ने बताया कि उन्नत किस्म का सही तरीके से चयन करने के बाद किसानों के सामने धान रोपाई सही तरीके से कैसे करें यह भी एक समस्या होती है. ऐसे में उन्होंने बताया कि अपने खेत को अच्छे से तैयार कर लें. ट्रैक्टर के साथ खेत जोतने के बाद 4 घंटे तक खेत को ऐसे ही पानी से भरा हुआ छोड़ दें. ताकि उसमें जो भी कंकड़ पत्थर खास इत्यादि होती है, वह सभी नीचे बैठ जाएं.

Paddy Transplanting Technology
Paddy Transplanting Technology (ईटीवी भारत करनाल)

जब नीचे गीली मिट्टी दिखने लग जाए तब धान की रोपाई करनी चाहिए. धान की नर्सरी से पानेरी उखाड़ते समय किसान भाई ध्यान रखें की नर्सरी उखाड़ते समय उसे खेत में पानी भरा होना चाहिए. क्योंकि अगर सुख में नर्सरी को उखाड़ते हैं, तो पौधे के नीचे वाले हिस्से में जहां पर जड़ होती है. वहां पर इंजरी हो जाती है और इससे कई प्रकार के रोग उत्पन्न हो जाते हैं. जिनमें से झंडा एक प्रमुख रोग है. नर्सरी को उखाड़ने के बाद ट्राइकोडर्मा नामक दवाई का घोल बनाकर उसमें कुछ समय के लिए नर्सरी के पौधों को रखें. जिसे उसके फंगस इत्यादि सभी प्रकार के रोग दूर हो जाते हैं और पौधे की खेत में लगने के साथ अच्छी पैदावार होती है.

खेत में पौधों की संख्या हो पूरी: जिला कृषि उपनिदेशक ने बताया कि खेत तैयार करने के बाद 4 घंटे के बाद धान की रोपाई करनी चाहिए. क्योंकि अगर खेत तैयार करने के तुरंत बाद धान की रोपाई करते हैं, तो पौधा गहरा चला जाता है. जिसे पौधे में फुटाव होने में टाइम लगता है और पौधे की पत्तियों की संख्या भी कम हो जाती है. जिसे उत्पादन भी प्रभावित होता है. इसलिए 4 घंटे के बाद खेत में धान की रोपाई करें. खेत में धान के पौधे लगाते समय उसकी संख्या पूरी होनी चाहिए ताकि उत्पादन पर कोई असर न पड़े. इसमें पौधे से पौधे की दूरी 15 सेंटीमीटर की रखें और लाइन से लाइन में पौधा लगाना चाहिए ताकि जब फसल कुछ महीने की हो जाती है तब उसमें हवा आर पार क्रॉस होती रहे इसे बीमारियां लगने का काम खतरा होता है और उत्पादन अच्छा होता है.

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Paddy Transplanting Technology (ईटीवी भारत करनाल)

खरपतवार और अन्य प्रबंधन कैसे करें : जिला कृषि उपनिदेशक ने बताया बासमती धान की हरियाणा में मुख्य तौर पर चार किस्म लगाई जाती है. लेकिन यह अलग-अलग श्रेणी में आती है. इनमें से कुछ किस्म लंबी होती है तो कुछ किस्म का पौधा छोटा रहता है जिसे बोनी बासमती कहा जाता है. दोनों के लिए अलग-अलग खाद की मात्रा डाली जाती है. बोनी बासमती के लिए 36 किलोग्राम शुद्ध नाइट्रोजन, 80 किलोग्राम यूरिया खाद, 12 किलोग्राम फास्फोरस और 10 किलोग्राम जिंक की मात्रा प्रति एकड़ डालें.

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Paddy Transplanting Technology (ईटीवी भारत करनाल)

खाद की मात्रा का रखें ख्याल: लम्बी किस्म वाली बासमती धान में 24 किलोग्राम शुद्ध नाइट्रोजन, एक बैग यूरिया खाद और 12 किलोग्राम फास्फोरस 10 किलोग्राम जिंक प्रति एकड़ डाले. जिंक को रोपाई के समय डालें, जबकि 80 किलोग्राम यूरिया खाद को तीन भागों में कुछ-कुछ समय के अंतराल पर डालें. यह उसमें खाद की मात्रा होती है, खरपतवार नियंत्रण के लिए धान रोपाई के 72 घंटे के अंदर ब्यूटाक्लोर (मिचेटी) नामक दवा खेत में डालें. खाद की इस मात्रा से किसान बंपर पैदावार बासमती धान की ले सकता है.

ये भी पढे़ं: किसान भाईयों के लिए काम की खबर! धान की सीधी बिजाई पर हरियाणा सरकार दे रही सब्सिडी, फायदे का सौदा है DSR मशीन - Subsidy On Dsr Paddy Cultivation

ये भी पढे़ं: किसानों के लिए आज बड़ा दिन, PM मोदी काशी से देंगे सौगात, जारी करेंगे 20,000 करोड़ रुपये - PM KISAN 17th Installment

Paddy Transplanting Technology (ईटीवी भारत करनाल रिपोर्टर)

करनाल: हरियाणा में धान की रोपाई पूरे जोरों पर है. फिलहाल किसान ज्यादातर मोटी और हाइब्रिड धान की रोपाई कर रहे हैं. लेकिन अब किसानों का बासमती धान रोपाई का समय भी शुरू होने वाला है. हरियाणा राज्य के 14 जिलों धान की फसल की रोपाई की जाती है. जिसके लिए उतरी हरियाणा के कई जिले सबसे ज्यादा मशहूर है. हरियाणा की बासमती धान भारत ही नहीं विदेशों में भी प्रमुख है. क्योंकि हरियाणा की बासमती धान के चावल का स्वाद और खुशबू अलग ही होती है. लेकिन कुछ किसान बासमती धान की उन्नत किस्म का चयन नहीं कर पाते. जिसके चलते वह अच्छा उत्पादन नहीं ले पाते.

बासमती धान की उन्नत किस्म: डॉक्टर करमचंद जिला कृषि उपनिदेशक कुरुक्षेत्र ने बताया कि हरियाणा में बड़े स्तर पर बासमती धान की खेती की जाती है. हमारा बासमती चावल विदेश में भी लोकप्रिय है. लेकिन कुछ किसान भाई उचित किस्म का चयन नहीं कर पाते जिसके चलते उत्पादन प्रभावित होता है. हरियाणा में बासमती धान की प्रमुख तौर पर चार किस्म लगाई जाती है. हरियाणा में मुख्य तौर पर बासमती धान की रोपाई 25 जून से शुरू 15 जुलाई तक सही मानी जाती है.
हरियाणा में लगने वाली बासमती की प्रमुख चार किस्म
1. पूसा बासमती 1692
2. पूसा बासमती 1509
3. पूसा बासमती 1121
4. सीएसआर 30

धान रोपाई का वैज्ञानिक तरीका: डॉ. करमचंद जिला कृषि उपनिदेशक कुरुक्षेत्र ने बताया कि उन्नत किस्म का सही तरीके से चयन करने के बाद किसानों के सामने धान रोपाई सही तरीके से कैसे करें यह भी एक समस्या होती है. ऐसे में उन्होंने बताया कि अपने खेत को अच्छे से तैयार कर लें. ट्रैक्टर के साथ खेत जोतने के बाद 4 घंटे तक खेत को ऐसे ही पानी से भरा हुआ छोड़ दें. ताकि उसमें जो भी कंकड़ पत्थर खास इत्यादि होती है, वह सभी नीचे बैठ जाएं.

Paddy Transplanting Technology
Paddy Transplanting Technology (ईटीवी भारत करनाल)

जब नीचे गीली मिट्टी दिखने लग जाए तब धान की रोपाई करनी चाहिए. धान की नर्सरी से पानेरी उखाड़ते समय किसान भाई ध्यान रखें की नर्सरी उखाड़ते समय उसे खेत में पानी भरा होना चाहिए. क्योंकि अगर सुख में नर्सरी को उखाड़ते हैं, तो पौधे के नीचे वाले हिस्से में जहां पर जड़ होती है. वहां पर इंजरी हो जाती है और इससे कई प्रकार के रोग उत्पन्न हो जाते हैं. जिनमें से झंडा एक प्रमुख रोग है. नर्सरी को उखाड़ने के बाद ट्राइकोडर्मा नामक दवाई का घोल बनाकर उसमें कुछ समय के लिए नर्सरी के पौधों को रखें. जिसे उसके फंगस इत्यादि सभी प्रकार के रोग दूर हो जाते हैं और पौधे की खेत में लगने के साथ अच्छी पैदावार होती है.

खेत में पौधों की संख्या हो पूरी: जिला कृषि उपनिदेशक ने बताया कि खेत तैयार करने के बाद 4 घंटे के बाद धान की रोपाई करनी चाहिए. क्योंकि अगर खेत तैयार करने के तुरंत बाद धान की रोपाई करते हैं, तो पौधा गहरा चला जाता है. जिसे पौधे में फुटाव होने में टाइम लगता है और पौधे की पत्तियों की संख्या भी कम हो जाती है. जिसे उत्पादन भी प्रभावित होता है. इसलिए 4 घंटे के बाद खेत में धान की रोपाई करें. खेत में धान के पौधे लगाते समय उसकी संख्या पूरी होनी चाहिए ताकि उत्पादन पर कोई असर न पड़े. इसमें पौधे से पौधे की दूरी 15 सेंटीमीटर की रखें और लाइन से लाइन में पौधा लगाना चाहिए ताकि जब फसल कुछ महीने की हो जाती है तब उसमें हवा आर पार क्रॉस होती रहे इसे बीमारियां लगने का काम खतरा होता है और उत्पादन अच्छा होता है.

Paddy Transplanting Technology
Paddy Transplanting Technology (ईटीवी भारत करनाल)

खरपतवार और अन्य प्रबंधन कैसे करें : जिला कृषि उपनिदेशक ने बताया बासमती धान की हरियाणा में मुख्य तौर पर चार किस्म लगाई जाती है. लेकिन यह अलग-अलग श्रेणी में आती है. इनमें से कुछ किस्म लंबी होती है तो कुछ किस्म का पौधा छोटा रहता है जिसे बोनी बासमती कहा जाता है. दोनों के लिए अलग-अलग खाद की मात्रा डाली जाती है. बोनी बासमती के लिए 36 किलोग्राम शुद्ध नाइट्रोजन, 80 किलोग्राम यूरिया खाद, 12 किलोग्राम फास्फोरस और 10 किलोग्राम जिंक की मात्रा प्रति एकड़ डालें.

Paddy Transplanting Technology
Paddy Transplanting Technology (ईटीवी भारत करनाल)

खाद की मात्रा का रखें ख्याल: लम्बी किस्म वाली बासमती धान में 24 किलोग्राम शुद्ध नाइट्रोजन, एक बैग यूरिया खाद और 12 किलोग्राम फास्फोरस 10 किलोग्राम जिंक प्रति एकड़ डाले. जिंक को रोपाई के समय डालें, जबकि 80 किलोग्राम यूरिया खाद को तीन भागों में कुछ-कुछ समय के अंतराल पर डालें. यह उसमें खाद की मात्रा होती है, खरपतवार नियंत्रण के लिए धान रोपाई के 72 घंटे के अंदर ब्यूटाक्लोर (मिचेटी) नामक दवा खेत में डालें. खाद की इस मात्रा से किसान बंपर पैदावार बासमती धान की ले सकता है.

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Last Updated : Jun 21, 2024, 5:26 PM IST
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