कोरिया: धान खरीदी केंद्र के बाहर रखे धान अब अंकुरित होने लगे हैं. खराब मौसम और बारिश के चलते पहले तो बोरियों में नमी आई गई फिर बोरियों में रखे अनाज में अंकुरन शुरु हो गया. धान अंकुरित होने पर समिति प्रबंधक और स्टाफ दोनों परेशान हैं. समिति प्रबंधकों का कहना है कि सरकार ने तय समय पर अगर धान का उठाव कर लिया होता तो ये दिन नहीं देखना पड़ता.
धान हुआ अंकुरित: खरीदी केंद्र के बाहर जहां धान रखा गया है वो इलाका खुले आसमान के नीचे है. बीते दिनों हुई बारिश और नमी के चलते धान तेजी से अंकुरित होने लगे. अनाज को अगर तिरपाल से ढंकने की भी व्यवस्था होती तो धान का बचाव किया जा सकता था. समिति प्रबंधक और स्टाफ की दलील है कि खरीदी पूरी होने के बाद धान का उठाव नहीं किया गया. तय समय पर अगर धान का उठाव कर लिया गया होता तो अनाज को अंकुरित होने से बचाया जा सकता था.
बेमौसम हुई बारिश ने किया बर्बाद: समिति प्रबंधक का कहना है कि अभी भी खुले आसमान के नीचे सैकड़ों क्विंटल धान पड़ा है. सरकार की ओर से प्लास्टिक तक की व्यवस्था नहीं की गई है. समय रहते अगर धान को उठाया नहीं गया तो नीचे की बोरियों के बाद ऊपर की बोरियों में भी अंकुरन शुरु हो जाएगा.
12 लाख 42 हजार 653 क्विंंटल धान की खरीदी: कोरिया जिले में 12 लाख 42 हजार 653 क्विंंटल धान की खरीदी हुई है. अब तक 8 लाख 17 हजार 642 क्विंटल धान का उठाव हो सका है. 4 लाख 25 हजार 10 क्विंटल धान खरीदी केंद्रों में पड़ा खराब हो रहा है, जबकि दूसरी ओर मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले की बात करें तो यहां उठाव की स्थिति कोरिया जिले से बेहतर है. एमसीबी जिले के 24 केंद्रों पर 8 लाख 65 हजार 431 क्विंटल धान खरीदी हुई, जिसमें 8 लाख 35 हजार 710 क्विंटल धान का उठाव हो गया. 2 लाख 9 हजार 721 क्विंटल धान केंद्रों में अभी भी पड़ा है जिसका उठाव होना बाकी है.