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गिरिडीह के बगोदर में 6 महीने से पैक्स का कामकाज बंद, खाताधारकों को हो रही परेशानी - PACS operations stopped in Giridih

PACS operations stopped in Giridih. गिरिडीह के बगोदर में 6 महीने से पैक्स का कामकाज बंद हैं. इससे खाताधारकों को परेशानी हो रही है. उनमें इसे लेकर काफी आक्रोश है.

PACS operations stopped in Giridih
PACS operations stopped in Giridih
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Mar 17, 2024, 12:39 PM IST

6 महीने से पैक्स का कामकाज बंद

गिरिडीह: जिले के बगोदर प्रखंड के अटका पूर्वी पैक्स में 6 महीने से काम पूरी तरह ठप है. इससे पैक्स खाताधारकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. किसानों के बीच नकली खाद बांटने के आरोप में पैक्स प्रबंधक को निलंबित किये जाने के बाद पूर्वी पैक्स में पिछले छह माह से खाता संचालन बंद है. इसके कारण पैक्स खाताधारक अपना जमा पैसा नहीं निकाल पा रहे हैं. इससे खाताधारकों में आक्रोश है. पूर्व पैक्स प्रबंधक जीवन मेहता के निलंबन के बाद पैक्स में नये प्रबंधक का चयन नहीं हो सका है. इसके चलते खाता संचालन पूरी तरह से ठप हो गया है.

एक ओर विभाग का कहना है कि प्रबंधक के चयन की जिम्मेवारी पैक्स अध्यक्ष की है, वहीं पैक्स अध्यक्ष रंजीत कुमार मेहता का कहना है कि खाताधारकों ने पैक्स में करीब 70 लाख रुपये जमा किये हैं, लेकिन पैक्स में मात्र 10 लाख रुपये ही बचे हैं. ऐसे में शेष राशि का हिसाब पूर्व प्रबंधक द्वारा चेयरमैन को नहीं दिया गया है. इस कारण प्रबंधक की जिम्मेदारी कोई नहीं लेना चाहता. पैक्स अध्यक्ष ने विभाग से पूर्व प्रबंधक से पैक्स में जमा की गयी राशि का हिसाब उपलब्ध कराने की मांग की है.

सदस्यों ने जताई नाराजगी

इस बीच पैक्स अध्यक्ष समेत कार्यकारिणी सदस्यों ने इस बात पर नाराजगी जताई है कि नकली खाद मामले में विभाग ने अब तक कोई जांच नहीं की है. पैक्सों में अब भी करीब 125 पैकेट नकली खाद पड़ा हुआ है. खाद ऐसी है जो न तो पानी में पिघलती है और न ही मिट्टी में घुलती है. इस बीच बगोदर प्रभारी बीसीओ प्रभाष कुमार गुप्ता ने पूर्वी पैक्स में बंद पड़े खाते को चालू कराने का प्रयास किया है. इसके लिए उन्होंने पैक्स अध्यक्ष रंजीत कुमार मेहता, अटका पूर्वी मुखिया संतोष प्रसाद व कार्यकारिणी सदस्यों के साथ बैठक भी की और खाता संचालन की जिम्मेवारी अध्यक्ष और कार्यकारिणी सदस्यों को सौंपी. हालांकि इस दौरान प्रभारी बीसीओ को पैक्स अध्यक्ष व कार्यकारिणी सदस्यों के गुस्से का भी सामना करना पड़ा. बीसीओ पर पूर्व प्रबंधक को बचाने का आरोप लगाया गया.

यह भी पढ़ें: अब साहिबगंज के लैंपस और पैक्स में भी खुलेंगे पीएम जन औषधि केंद्र, ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को मिलेगी सस्ती दवाएं

यह भी पढ़ें: देवघर में पैक्स भवन निजी स्कूल में तब्दील, डीसीओ ने कहा- मामले की होगी जांच

यह भी पढ़ें: Giridih News: पैक्स की आड़ में डुप्लीकेट खाद बेच रहा था प्रबंधक, ग्रामसभा ने किया निलंबित

6 महीने से पैक्स का कामकाज बंद

गिरिडीह: जिले के बगोदर प्रखंड के अटका पूर्वी पैक्स में 6 महीने से काम पूरी तरह ठप है. इससे पैक्स खाताधारकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. किसानों के बीच नकली खाद बांटने के आरोप में पैक्स प्रबंधक को निलंबित किये जाने के बाद पूर्वी पैक्स में पिछले छह माह से खाता संचालन बंद है. इसके कारण पैक्स खाताधारक अपना जमा पैसा नहीं निकाल पा रहे हैं. इससे खाताधारकों में आक्रोश है. पूर्व पैक्स प्रबंधक जीवन मेहता के निलंबन के बाद पैक्स में नये प्रबंधक का चयन नहीं हो सका है. इसके चलते खाता संचालन पूरी तरह से ठप हो गया है.

एक ओर विभाग का कहना है कि प्रबंधक के चयन की जिम्मेवारी पैक्स अध्यक्ष की है, वहीं पैक्स अध्यक्ष रंजीत कुमार मेहता का कहना है कि खाताधारकों ने पैक्स में करीब 70 लाख रुपये जमा किये हैं, लेकिन पैक्स में मात्र 10 लाख रुपये ही बचे हैं. ऐसे में शेष राशि का हिसाब पूर्व प्रबंधक द्वारा चेयरमैन को नहीं दिया गया है. इस कारण प्रबंधक की जिम्मेदारी कोई नहीं लेना चाहता. पैक्स अध्यक्ष ने विभाग से पूर्व प्रबंधक से पैक्स में जमा की गयी राशि का हिसाब उपलब्ध कराने की मांग की है.

सदस्यों ने जताई नाराजगी

इस बीच पैक्स अध्यक्ष समेत कार्यकारिणी सदस्यों ने इस बात पर नाराजगी जताई है कि नकली खाद मामले में विभाग ने अब तक कोई जांच नहीं की है. पैक्सों में अब भी करीब 125 पैकेट नकली खाद पड़ा हुआ है. खाद ऐसी है जो न तो पानी में पिघलती है और न ही मिट्टी में घुलती है. इस बीच बगोदर प्रभारी बीसीओ प्रभाष कुमार गुप्ता ने पूर्वी पैक्स में बंद पड़े खाते को चालू कराने का प्रयास किया है. इसके लिए उन्होंने पैक्स अध्यक्ष रंजीत कुमार मेहता, अटका पूर्वी मुखिया संतोष प्रसाद व कार्यकारिणी सदस्यों के साथ बैठक भी की और खाता संचालन की जिम्मेवारी अध्यक्ष और कार्यकारिणी सदस्यों को सौंपी. हालांकि इस दौरान प्रभारी बीसीओ को पैक्स अध्यक्ष व कार्यकारिणी सदस्यों के गुस्से का भी सामना करना पड़ा. बीसीओ पर पूर्व प्रबंधक को बचाने का आरोप लगाया गया.

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