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पचमढ़ी की रोज सेंटेड लीची के 17 पेड़ों की कीमत लाखों में, स्वाद ऐसा कि लोग हो रहे दीवाने - Pachmadhi Rose scented Lichi

मध्यप्रदेश का प्रसिद्ध हिल स्टेशन पचमढ़ी इन दिनों पर्यटन के साथ-साथ यहां पैदा होने वाली लीची से चर्चा में है. यहां पैदा होने वाली रोज सेंटेड लीची का स्वाद लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है. बिहार के बाद एमपी के पचमढ़ी की लीची पर्यटकों को खासी पसंद आ रही है.

PACHMADHI ROSE SCENTED LICHI
पचमढ़ी की रोज सेंटेड लीची की भारी डिमांड (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 30, 2024, 8:00 AM IST

Updated : May 30, 2024, 11:44 AM IST

नर्मदापुरम. प्रदेश के हिल स्टेशन पचमढ़ी के पोलो गार्डन में लगने वाली रोज़ सेंटेड लीची पर्यटकों को लुभा रही है. पचमढ़ी पहुंचने वाले पर्यटक लीची लेने पोलो ग्राउंड पहुंच रहे हैं. उद्यानिकी विभाग के पोलो ग्राउंड में लगी लीची का स्वाद दूर-दूर से पहुंचे पर्यटकों को लुभा रहा है. उद्यानिकी विभाग की मानें तो बिहार, मुजफ्फरपुर की लीची तो देश भर में प्रसिद्ध है लेकिन पचमढ़ी की लीची रोज सेंटेंड होने के कारण पर्यटकों को ज्यादा पसंद आ रही है.

पचमढ़ी की रोज सेंटेड लीची की भारी डिमांड (Etv Bharat)

3 लाख में नीलाम हुए लीची के पेड़

इस बार मौसम अच्छा होने से पचमढ़ी की लीची पैदावार और डिमांड दोनों बढ़ी है. यही वजह है कि इस बार 17 लीची के पेड़ों की नीलामी 3 लाख रुपए में हुई है. पचमढ़ी के उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक रामशंकर शर्मा ने कहा, '' लीची के लिए साल का शुरुआती मौसम अच्छा था जिससे लीची की पैदावार अच्छी हुई है. 30 अप्रैल को लीची के सभी पेड़ों की नीलामी की गई है. 17 पेड़ 3 लाख एक हजार रु में नीलाम किए गए हैं. पिछले साल की तुलना में इस बार लीची की अच्छी कीमत प्राप्त हुई है.''

PACHMADHI ROSE SCENTED LICHI
पचमढ़ी की रोज सेंटेड लीची की भारी डिमांड (ETV BHARAT)

बिहार की लीची से काफी बेहतर

उन्होंने बताया कि पूरे हिंदुस्तान में लीची बिहार के मुजफ्फरपुर में सबसे ज्यादा होती है. पूरे देश में सबसे ज्यादा लीची की सप्लाई वहीं से होती है. लेकिन पचमढ़ी में जो ठंडक है उससे और यहां के वातावरण की वजह से यहां की लीची में गुलाब की खुशबू आती है. यह सेंटेड किस्म की लीची बिहार की लीची से बेहतर मानी जाती है. यहां पर्यटकों भी भारी तादाद में आते हैं, इसलिए यहां लीची की कीमत भी अच्छी मिल जाती है.

किसान भी कर सकते हैं लीची की खेती

उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक रामशंकर शर्मा आगे कहाते हैं, '' जहां पानी का साधन किसान के पास है, जमीन अच्छी है, जहां पाला नहीं गिरता है ऐसी जगह पर लीची लगा सकते हैं. लेकिन ह्यूमिडिटी को देखना पड़ेगा, ड्राई और हॉट समर में थोड़ी दिक्कत होती है. बाकी कोई समस्या नहीं है. किसान अगर लीची की खेती करें तो उन्हें काफी फायदा हो सकता है. आप समझ सकते है कि 17 पेड़ 3 लाख एक हजार रुपए में नीलाम हुए हैं, तो इस हिसाब से अगर लीची की बड़ी फसल लगाई जाए तो किसान को अच्छा पैसा मिल सकता है.''

PACHMADHI ROSE SCENTED LICHI
पचमढ़ी की रोज सेंटेड लीची की भारी डिमांड (ETV BHARAT)

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लीची बन सकती है किसानों की आय का नया साधन, जबलपुर के सुधीर को लीची ने दिलाया गजब मुनाफा

व्यापारियों के हो रहा मुनाफा

सहायक संचालक ने बताया कि उद्यान विभाग ने लीची की नीलामी कर दी, जिससे उसे काफी फायदा हुआ है. वहीं बढ़ी डिमांड की वजह से व्यापारी भी काफी मुनाफा कमा रहे हैं. ये जरूर है कि पर्यटकों को फिलहाल ये रोज सेंटेड लीची महंग मिल रही है, क्योंकि व्यापारी अपनी लागत और प्रॉफिट जोड़कर इसे बेचते हैं. पिछले वर्ष भी व्यापारियों ने 250 रुपए से 300 रु प्रति किलो में इस लीची को बेचा था.

नर्मदापुरम. प्रदेश के हिल स्टेशन पचमढ़ी के पोलो गार्डन में लगने वाली रोज़ सेंटेड लीची पर्यटकों को लुभा रही है. पचमढ़ी पहुंचने वाले पर्यटक लीची लेने पोलो ग्राउंड पहुंच रहे हैं. उद्यानिकी विभाग के पोलो ग्राउंड में लगी लीची का स्वाद दूर-दूर से पहुंचे पर्यटकों को लुभा रहा है. उद्यानिकी विभाग की मानें तो बिहार, मुजफ्फरपुर की लीची तो देश भर में प्रसिद्ध है लेकिन पचमढ़ी की लीची रोज सेंटेंड होने के कारण पर्यटकों को ज्यादा पसंद आ रही है.

पचमढ़ी की रोज सेंटेड लीची की भारी डिमांड (Etv Bharat)

3 लाख में नीलाम हुए लीची के पेड़

इस बार मौसम अच्छा होने से पचमढ़ी की लीची पैदावार और डिमांड दोनों बढ़ी है. यही वजह है कि इस बार 17 लीची के पेड़ों की नीलामी 3 लाख रुपए में हुई है. पचमढ़ी के उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक रामशंकर शर्मा ने कहा, '' लीची के लिए साल का शुरुआती मौसम अच्छा था जिससे लीची की पैदावार अच्छी हुई है. 30 अप्रैल को लीची के सभी पेड़ों की नीलामी की गई है. 17 पेड़ 3 लाख एक हजार रु में नीलाम किए गए हैं. पिछले साल की तुलना में इस बार लीची की अच्छी कीमत प्राप्त हुई है.''

PACHMADHI ROSE SCENTED LICHI
पचमढ़ी की रोज सेंटेड लीची की भारी डिमांड (ETV BHARAT)

बिहार की लीची से काफी बेहतर

उन्होंने बताया कि पूरे हिंदुस्तान में लीची बिहार के मुजफ्फरपुर में सबसे ज्यादा होती है. पूरे देश में सबसे ज्यादा लीची की सप्लाई वहीं से होती है. लेकिन पचमढ़ी में जो ठंडक है उससे और यहां के वातावरण की वजह से यहां की लीची में गुलाब की खुशबू आती है. यह सेंटेड किस्म की लीची बिहार की लीची से बेहतर मानी जाती है. यहां पर्यटकों भी भारी तादाद में आते हैं, इसलिए यहां लीची की कीमत भी अच्छी मिल जाती है.

किसान भी कर सकते हैं लीची की खेती

उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक रामशंकर शर्मा आगे कहाते हैं, '' जहां पानी का साधन किसान के पास है, जमीन अच्छी है, जहां पाला नहीं गिरता है ऐसी जगह पर लीची लगा सकते हैं. लेकिन ह्यूमिडिटी को देखना पड़ेगा, ड्राई और हॉट समर में थोड़ी दिक्कत होती है. बाकी कोई समस्या नहीं है. किसान अगर लीची की खेती करें तो उन्हें काफी फायदा हो सकता है. आप समझ सकते है कि 17 पेड़ 3 लाख एक हजार रुपए में नीलाम हुए हैं, तो इस हिसाब से अगर लीची की बड़ी फसल लगाई जाए तो किसान को अच्छा पैसा मिल सकता है.''

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व्यापारियों के हो रहा मुनाफा

सहायक संचालक ने बताया कि उद्यान विभाग ने लीची की नीलामी कर दी, जिससे उसे काफी फायदा हुआ है. वहीं बढ़ी डिमांड की वजह से व्यापारी भी काफी मुनाफा कमा रहे हैं. ये जरूर है कि पर्यटकों को फिलहाल ये रोज सेंटेड लीची महंग मिल रही है, क्योंकि व्यापारी अपनी लागत और प्रॉफिट जोड़कर इसे बेचते हैं. पिछले वर्ष भी व्यापारियों ने 250 रुपए से 300 रु प्रति किलो में इस लीची को बेचा था.

Last Updated : May 30, 2024, 11:44 AM IST
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