राजनांदगांव : संस्कारधानी के लोग इन दिनों ओव्हर लोड गाड़ियों की समस्या से जूझ रहे हैं. नियम और कायदों के बावजूद ओव्हरलोड वाहनों पर अंकुश नहीं लग पा रहा है. खैरागढ़ और डोंगरगढ़ नेशनल हाइवे पर बेतरतीब ओव्हरलोड वाहन दौड़ रहे हैं. ट्रकों में रेत,गिट्टी और मुरूम का परिवहन हो रहा है.फिर भी परिवहन विभाग ओव्हरलोडिंग के खिलाफ कोई कदम नहीं उठा रहा.
अफसरों के निर्देश का असर नहीं : इसे लेकर जिला प्रशासन ने खनिज विभाग और परिवहन विभाग को कई बार निर्देश भी दिए हैं. लेकिन निर्देश का कोई असर नहीं दिख रहा.परिवहन विभाग की ओर से चालानी कार्रवाई की जाती है.इसके बाद भी सड़क पर ओव्हरलोड गाड़ियां दिख रही हैं.इन ओव्हरलोड गाड़ियों के कारण हादसे हो रहे हैं.कई लोग हादसों में अपनी जान गवां चुके हैं.
किसकी है जिम्मेदारी ?: अब इसे खनिज अधिकारियों की मेहरबानी ही कहा जाएगा. क्योंकि ओव्हरलोड गाड़ियों पर बड़ी कार्रवाई नहीं हो रही.कार्रवाई होती तो शायद खुलेआम सड़कों पर नियमों की धज्जियां ना उड़ाई जाती.खनिज अधिकारियों पर अब लोग नियम तोड़ने वालों पर कार्रवाई नहीं करने के आरोप लगा रहे हैं.इस बारे में अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी वीरेंद्र सिंह ने सफाई दी है.
''विभाग की एंफोर्समेंट एजेंसी हैं. इन एजेंसियों में फ्लाइंग स्क्वॉड और बैरियर्स पर बल तैनात हैं. यह सभी लगातार चेकिंग करते हैं. वाहनों के ओव्हरलोड होने पर कार्रवाई होगी.''- वीरेंद्र सिंह,अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी
जिला प्रशासन और परिवहन विभाग ओव्हरलोड को लेकर दावे तो करता है.लेकिन दावों और हकीकत में जमीन आसमान का फर्क है.ओव्हर लोडिंग की समस्या सिर्फ मालवाहक गाड़ियों की नहीं है.सवारी गाड़ियां भी बेतरतीब भरी जाती है.बावजूद इसके इन पर अंकुश लगाने में परिवहन विभाग नाकाम दिख रहा है.