चरखी दादरी: ओवरलोडिंग पर लगाम लगाने के लिए हरियाणा पुलिस ने चरखी दादरी में कई जगह नाके बंदी की हुई है. इसके बावजूद भी चरखी दादरी में ओवरलोडिंग का गंदा खेल धड़ल्ले से चल रहा है. हालांकि पुलिस प्रशासन ओवरलोडिंग वाहनों के चालान काटकर सरकार के राजस्व को बढ़ा रहा है. बावजूद इसके ओवरलोडिंग का खेल रुक नहीं रहा है. स्थानीय लोगों के मुताबिक ओवरलोडिंग के कारण हालात ऐसे हो गए हैं कि हर दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं.
चरखी दादरी में ओवरलोडिंग: ओवरलोडिंग माफिया द्वारा बनाये गए व्हाट्सएप ग्रुपों के माध्यम से इस खेल की चेन तोड़ने में पुलिस-प्रशासन नाकाम साबित हो रहा है. इसका एक कारण स्थाई आरटीओ की नियुक्ति नहीं होना भी माना जा रहा है. बता दें कि चरखी दादरी जिले में माइनिंग व क्रशर जोन क्षेत्र होने के कारण प्रतिदिन करीब 10 हजार ट्रक व ट्रॉले निकलते हैं. ऐसे में ओवरलोडिंग माफिया अपने पैर पसारे हुए हैं.
व्हाट्सएप ग्रुप से करते हैं रेकी: व्हाट्सएप ग्रुपों के माध्यम से वो चेन बनाकर बे रोकटोक अपना काम बखूबी कर रहे हैं. ओवरलोडिंग को रोकने के लिए पुलिस द्वारा जहां जगह-जगह नाके लगाए गए हैं. वहीं वो लगातार चालान काट रहे हैं. बावजूद इसके दादरी क्षेत्र में ओवरलोडिंग का खेल बढ़ता जा रहा है. पुलिस कप्तान पूजा वशिष्ठ द्वारा पदभार संभालते ही ओवरलोडिंग वाहनों को रोकने में जो सख्ती दिखाई थी. अब वो निचले स्तर पर पदाधिकारियों की ढिलाई से फिर चालू है.
पुलिस पर लापरवाही का आरोप: अब यहां फिर पहले की तरह ओवरलोड वाहन जिले में प्रवेश कर रहे हैं. ऐसा नहीं है कि दादरी पुलिस इससे अनभिज्ञ है. पुलिस के पहरे में जब ओवरलोड ट्रक बाजार से गुजरते हैं, तो मॉर्निंग वॉक में निकलने वाले लोग भी सहम जाते हैं. ओवरलोडिंग वाहन रात को या दिन में लोकल रूटों से होकर निकल रहे हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में पुलिस का पहरा या नाके नहीं होने का फायदा लेते हुए ये बेरोकटोक चल रहे हैं.
'जल्द होगी आरटीओ की नियुक्ति': सूत्रों के अनुसार ओवरलोडिंग माफिया द्वारा अनेक व्हाट्सएप ग्रुप बनाए गए हैं. ग्रुप में एड होने के लिए मंथली भी ली जाती है. इन ग्रुपों पर प्रशासन व पुलिस टीमों की कार्रवाई या इनकी लोकेशन लगातार अपडेट की जाती है. उपायुक्त मनदीप कौर ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा ओवरलोडिंग वाहनों पर शिकंजा कसने के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया जा रहा है. चरखी दादरी जिला में स्थाई आरटीओ की नियुक्ति को लेकर उच्चाधिकारियों को पत्र भी लिखा गया है. जनवरी में आरटीओ की रिटायरमेंट होने के बाद दूसरे जिले के आरटीओ को अतिरिक्त चार्ज दिया गया है. स्थाई नियुक्ति होने के बाद ओवरलोडिंग पर अंकुश लग जाएगा.
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