मंडी: जिला मंडी में सिल्ट और गाद भर जाने के चलते पंडोह डैम के 2 गेट बंद हो गए थे, जिसने बीबीएमबी प्रबंधन की मुश्किलों को बढ़ा दिया था, लेकिन 27 घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद पंडोह डैम के जाम हुए 2 में से 1 गेट को खोलने में बीबीएमबी प्रबंधन को सफलता मिल गई है. गेट नंबर 2 को शनिवार शाम करीब 7 बजे कड़ी मशक्कत के बाद खोला जा सका.
5 में से 2 गेट हुए जाम
बता दें कि पंडोह डैम के 5 में से 2 गेट भारी मात्रा में सिल्ट जमा हो जाने के कारण जाम हो गए थे. जब प्रबंधन को इस बात का पता चला तो उनके हाथ-पैर फूल गए. चंडीगढ़ से बीबीएमबी के चेयरमैन मनोज त्रिपाठी भी मौके पर पहुंचे और सारी स्थिति का जायजा लिया. शुक्रवार शाम 4 बजे से डैम के गेट खोलने को लेकर जो मशक्कत चली थी वो शनिवार शाम को 7 बजे जाकर पूरी हुई. डैम का 1 गेट खोले जाने की पुष्टि बीबीएमबी के चीफ इंजीनियर सुनील दत्त शर्मा ने की. उन्होंने बताया, "पंडोह डैम के 1 गेट को खोल दिया गया है, जबकि दूसरा गेट टेक्निकली खुद ही खुल जाएगा. खतरे वाली कोई बात नहीं है. बीबीएमबी प्रबंधन हर गतिविधि पर नजर बनाए हुए है."
हाथों से हटाई सिल्ट, मंगानी पड़ी भारी भरकम मशीनरी
पंडोह डैम में मजदूरों ने जाम हुए गेट को खोलने में अहम भूमिका निभाई. तरह से डैम को खाली करके 3 गेटों से पानी को डायवर्ट किया गया. उसके बाद 2 गेटों के पास मजदूरों ने जाकर मैनुअली काम किया और हाथों से सिल्ट हटाई. कड़ी मेहनत के बाद मजदूरों ने गेट के पास जमा हुई सिल्ट को हटा दिया. इसके बाद 130 वजनी गेट को खोलने के लिए 50-50 टन की दो भारी भरकम मशीनें मौके पर लाई गई. इन मशीनों की पावर और डैम के कंट्रोल सिस्टम से इस गेट को खोल दिया गया. इस काम के लिए पंडोह के अलावा सुंदरनगर के अधीक्षण अभियंता अजय पाल सिंह व अन्य अधिकारी और सलापड़ के अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए थे. एसडीएम सदर ओमकांत ठाकुर ने भी लोगों से न घबराने की अपील की थी.
टेक्निक से खुलेगा गेट नंबर-1
बीबीएमबी के चीफ इंजीनियर सुनील दत्त शर्मा ने बताया, "पंडोह डैम के 5 गेट हैं. जिनमें से गेट नंबर 1 और 2 सिल्ट के कारण जाम हो गए थे. हालांकि अभी गेट नंबर 2 को ही खोला गया है, लेकिन गेट नंबर 1 खुद ही खुल जाएगा. दरअसल पांचों गेट के बीच एक पार्टिशन दिया गया है. एक तरफ 3 गेट हैं और एक तरफ 2 गेट हैं. अब 3 गेटों से पानी के बहाव को रोककर गेट नंबर 1 और 2 से पानी छोड़ा गया है. ये गेट अपने साथ पानी और साथ वाले गेट की सिल्ट को भी बहाकर ले जाएगा, जिसके बाद गेट नंबर 1 के खुलने की राह आसान हो जाएगी, लेकिन फिर भी अगर ऐसा नहीं हुआ तो फिर से मशीनों की मदद से इसे खोलने की कोशिश की जाएगी."