जयपुर : राजस्थान के जोधपुर में 15 दिन में पांच नाबालिग बच्चियों के साथ ज्यादती की घटना हो या सलूंबर में किशोरी के साथ दरिंदगी का मामला, राजस्थान में बीते दिनों हुई इस तरह की घटनाओं ने प्रदेश को शर्मसार किया है. बेटियों की सुरक्षा को लेकर हर कोई चिंतित हैं. सरकार और पुलिस प्रदेश में महिलाओं और बेटियों की सुरक्षा के तमाम दावे कर रही है, लेकिन प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में बेटियों के साथ दरिंदगी की घटना सामने आने के बाद बाद विपक्ष सरकार और पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रहा है.
इन पांच जिलों में हालात चिंताजनक : दरअसल, आंकड़े बताते हैं कि इस साल 1 जनवरी से 24 जून तक प्रदेश में पॉक्सो एक्ट के तहत 1932 मामले दर्ज हुए हैं. साल 2023 में पॉक्सो एक्ट के तहत 4,462 मुकदमें दर्ज हुए थे. राजस्थान सरकार ने विधानसभा में एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी है. नाबालिग बच्चियों के साथ यौन हिंसा की घटनाओं के सबसे ज्यादा मामले जयपुर में सामने आए हैं. इस साल जयपुर में पॉक्सो अधिनियम के तहत 151 मुकदमें दर्ज हुए हैं. वहीं, अलवर में 121 मामले पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज हुए हैं. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के गृह क्षेत्र भरतपुर में 100, नागौर में 97 और कोटा में 85 मुकदमें पॉक्सो अधिनियम के तहत दर्ज हुए हैं.
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बीते चार साल में यह हैं हालात : राजस्थान में 2021 से 24 जून 2024 तक नाबालिग बच्चियों से ज्यादती के कुल 14,731 मुकदमें दर्ज हुए हैं. इनमें से 10,394 मुकदमों में आरोपियों के खिलाफ पुलिस कोर्ट में चालान पेश कर चुकी है, जबकि 1056 मुकदमों में जांच जारी है. इनमें 884 मामले इसी साल के हैं. प्रदेश में 2021 में पॉक्सो अधिनियम के तहत 3,765, 2022 में 4,470 और 2023 में 4,462 मुकदमें दर्ज हुए थे.
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कब तक सहेगा राजस्थान ?: पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बयान जारी कर कहा कि राजस्थान में भाजपा ने महिला सुरक्षा पर 'नहीं सहेगा राजस्थान' कैंपेन चलाया था. प्रधानमंत्री ने तो राजस्थान की तुलना मणिपुर तक से कर दी थी और राजस्थान को बदनाम किया, लेकिन यहां भाजपा सरकार बनने के बाद जून तक पहले छह महीने में राजस्थान में महिलाओं के विरुद्ध अपराध लगातार बढ़े हैं. अब राजस्थान पूछ रहा है कि आखिर भाजपा सरकार के इस कुशासन और महिलाओं के साथ हो रही इस हिंसा को 'कब तक सहेगा राजस्थान?'
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घर में दुबक कर बैठ गए भाजपा नेता: प्रदेश में बच्चियों से यौन हिंसा की बढ़ती घटनाओं पर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि 'नहीं सहेगा राजस्थान...' कहने वाले भाजपा नेता घर में दुबक कर बैठ गए हैं. प्रदेश में अपराध चरम पर है और सरकार सरेंडर कर चुकी है. आज प्रदेश में जगह-जगह से बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटनाएं सामने आ रही हैं, लेकिन मुख्यमंत्री एक शब्द नहीं बोल रहे हैं.
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राजस्थान में भाजपा ने महिला सुरक्षा पर " नहीं सहेगा राजस्थान" कैंपेन चलाया था। प्रधानमंत्री जी ने तो राजस्थान की तुलना मणिपुर तक से कर दी थी और राजस्थान को बदनाम किया। परन्तु यहां भाजपा सरकार बनने के बाद जून तक पहले छह महीने में राजस्थान में महिलाओं के विरुद्ध अपराध लगातार बढ़े…<="" p>— ashok gehlot (@ashokgehlot51) August 30, 2024
राजस्थान को 'रेपिस्तान' बताने वाले आज कहां हैं : नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली का कहना है कि राजस्थान में कानून व्यवस्था बिगड़ी हुई है. ढाई साल, तीन साल और 11 साल की बच्चियों के साथ रेप के मामले हुए हैं. सरकार इस पर अपनी स्थिति क्लियर करें कि प्रदेश में क्या कानून व्यवस्था है. राजस्थान को रेपिस्तान बताने वाले आज कहां जाकर छिप गए हैं. आज कोई बयान क्यों नहीं आ रहा है. आज प्रदेश में महिलाओं, दलितों और नाबालिग बच्चियों पर जिस प्रकार से ज्यादती के मामले हुए हैं, उनको गंभीरता से देखने की जरूरत है. पूरे प्रदेश में कानून व्यवस्था एक दम चौपट हो चुकी है.
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सरकार अपराध के खिलाफ कठोर : महिलाओं और बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटनाओं में लगातार बढ़ोतरी के सवाल पर गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म का कहना है कि राजस्थान की सरकार अपराधों के खिलाफ कठोर है. सरकार दृढ़ संकल्पित है कि हम अपराधमुक्त राजस्थान बनाने का काम करेंगे और उस पर काम शुरू कर दिया है.