अलवर. राजस्थान में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने नीट परीक्षा में गड़बड़ी की घटना को लेकर भाजपा पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि भाजपा की जोड़ तोड़ कर केंद्र में बनाई गई एनडीए सरकार का पहला असर है. प्रतिष्ठित परीक्षा के आयोजन में इस प्रकार की धांधली देश के 24 लाख विद्यार्थियों के साथ धोखा है.
छात्रों में असमंजस की स्थिति : नेता प्रतिपक्ष जूली ने कहा कि केंद्र सरकार की एजेंसी एनटीए की ओर से परीक्षा परिणाम घोषित के बाद घोटाला उजागर हुआ और इसके 17 दिन बाद भी परीक्षा रद्द नहीं करने से छात्रों में असमंजस की स्थिति बन गई है. ऐसा पहले कभी नहीं हुआ कि 67 विद्यार्थियों के शत प्रतिशत नंबर आए हों. इससे स्पष्ट है कि बड़े स्तर पर पेपर लीक गिरोह सक्रिय था और उसने ही परीक्षा से पूर्व पेपर लीक कर लाखों विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है.
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एक दिन के लिए खोला गया रजिस्ट्रेशन : जूली ने कहा कि केंद्र सरकार के मंत्री विपक्ष शासित राज्यों पर उनके यहां होने वाली परीक्षाओं के पेपर लीक होने का आरोप लगाते रहे हैं. वहीं, देश की प्रतिष्ठित परीक्षा प्रणाली पर आरोप लगाए जा रहे हैं कि नीट का पर्चा परीक्षा से पहले ही लीक हो गया है. दावा है कि पहले तो परीक्षा की आवेदन तिथि को 7 दिन बढ़ाया गया, बाद में गुपचुप तरीके से 24 दिन बाद एक दिन के लिए रजिस्ट्रेशन को खोला गया, जिससे चहेतों का रजिस्ट्रेशन करवाया जा सके. एक दिन में 24246 छात्रों ने रजिस्ट्रेशन कराया, इनमें से समय की बर्बादी का लाभ देकर ग्रेस मार्क्स दिए जाने वाले छात्रों की सरकार को गहन जांच करानी चाहिए.
एक सेंटर से दो-दो टॉपर निकले : उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और गुजरात में समान रैंक वालों के रोल नंबर काफी करीबी हैं. 10 डिजिट के रोल नंबर में अंतिम तीन अंक ही अलग हैं, बाकी समान हैं. यह समानता बताती है कि छात्रों को संभवत: एक ही सेंटर अलॉट हुआ है. एक सेंटर से नीट के दो-दो टॉपर निकले हैं. हरियाणा के एक ही परीक्षा केंद्र झज्जर से 6 टॉपर निकले हैं इनमें से दो टॉपर ऐसे हैं, जिन्हें ग्रेस मार्क्स दिए गए हैं.
पटना पुलिस ने माना की गड़बड़ी हुई है : उन्होंने बताया कि ओडिशा, कर्नाटक और झारखंड के 16 छात्रों को अपने स्थान से 1000 किलोमीटर दूर गुजरात के गोधरा में परीक्षा केंद्र आवंटित किए गए हैं. अभ्यर्थियों को पास कराने की एवज में 10-10 लाख रुपए वसूले जाने के सबूत मिलना और मनचाहा सेंटर अलाट होना परीक्षा में गहरी साजिश की ओर इशारा करता है. केंद्रीय शिक्षा मंत्री और एनटीए इनकार करते रहें कि पेपर लीक नहीं हुआ, लेकिन जब अभ्यर्थियों और पटना पुलिस की ओर से सबूत जुटाए गए तो उन्होंने माना की गड़बड़ी हुई है.