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'पागल हो गए, रांची या आगरा भेजा जाए...' केके पाठक पर भड़के जेडीयू MLC गुलाम गौस - KK Pathak

KK Pathak Gone Mad : बिहार विधान परिषद में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक को लेकर जमकर हंगामा हुआ. यहां पक्ष और विपक्ष केके पाठक से नाराज दिखे. बिहार विधान परिषद में केके पाठक द्वारा शिक्षकों को अपशब्द कहने का मामला उठा. जहां जदयू के वरिष्ठ एमएलसी गुलाम गौस ने केके पाठक को मानसिक रोगी तक बता डाला और कहा कि केके पाठक की जगह पागलखाने में है.

बिहार विधान परिषद में हंगामा
बिहार विधान परिषद में हंगामा
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Feb 21, 2024, 4:01 PM IST

Updated : Feb 21, 2024, 5:44 PM IST

बिहार विधान परिषद में जदयू एमएलसी भड़के

पटना: आज बिहार विधान परिषद में एसीएस केके पाठक का मामला तूल पकड़ते नजर आया. विधान परिषद में पक्ष और विपक्ष के एमएलसी भड़क गये. जदयू के वरिष्ठ एमएलसी गुलाम गौस ने कहा कि केके पाठक को मानसिक जांच के लिए रांची या आगरा भेज दिया जाए. वे सिजोफ्रेनिया रोग से ग्रसित है. उन्हे इलाज की जरूरत है और बिना इलाज किये ठीक नहीं हो सकते हैं.

केके पाठक की टिप्पणी पर हंगामा: विधान परिषद के अंदर सत्ता पक्ष के सदस्यों में भी केके पाठक को लेकर जमकर बयानबाजी की. वहीं बीजेपी के एमएलसी राजेंद्र गुप्ता ने कहा कि वह पूर्व में भी ऐसी बातें करते रहे हैं. एक मेडिकल बोर्ड गठित करके मानसिक अवस्था की जांच की जाए. साफ-साफ कहा कि जिस तरह का आदेश यह शिक्षकों को लेकर देते हैं कहीं से भी उचित नहीं है.

"एसीएस केके पाठक को मानसिक जांच के लिए रांची या आगरा भेजा जाए. वे सिजोफ्रेनिया रोग से ग्रसित है. उन्हे इलाज की जरूरत है और बिना इलाज किये ठीक नहीं हो सकते हैं. केके पाठक की जगह पागलखाने में है."- गुलाम गौस जदयू, विधान पार्षद

पक्ष और विपक्ष केके पाठक से नाराज: बता दें कि केके पाठक ने शिक्षकों को लेकर कुछ अभद्र टिप्पणी की है. कई विपक्षी सदस्य टिप्पणी का वीडियो और पेन ड्राइव में लेकर सदन में पहुंचे थे. सबसे पहले विपक्षी सदस्यों ने इस मामले को उठाया तो सत्ता पक्ष के भी कई सदस्यों ने साथ देना शुरू कर दिया और अंत में सभापति को इस मामले पर संज्ञान लेना पड़ा है. सभापति ने कहा कि हम अपने चेंबर में सदस्यों को बुलाएंगे और उनसे बातचीत करेंगे उनके साथ बैठक होगी. बैठक के बाद जो निर्णय होगा सरकार को इससे अवगत करा दिया जाएगा.

"पेन ड्राइव और क्लिप को हम देखेंगे और सभी पक्ष के बातों को सुनेंगे. जितने भी सदस्य हैं जो प्रमाण देंगे. उसके अनुसार जो कुछ फैसला होगा वह सरकार को अवगत कराने का काम करेंगे."-देवेश चंद्र ठाकुर, सभापति, बिहार विधान परिषद

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केके पाठक की टिप्पणी पर हंगामा: विधान परिषद के अंदर सत्ता पक्ष के सदस्यों में भी केके पाठक को लेकर जमकर बयानबाजी की. वहीं बीजेपी के एमएलसी राजेंद्र गुप्ता ने कहा कि वह पूर्व में भी ऐसी बातें करते रहे हैं. एक मेडिकल बोर्ड गठित करके मानसिक अवस्था की जांच की जाए. साफ-साफ कहा कि जिस तरह का आदेश यह शिक्षकों को लेकर देते हैं कहीं से भी उचित नहीं है.

"एसीएस केके पाठक को मानसिक जांच के लिए रांची या आगरा भेजा जाए. वे सिजोफ्रेनिया रोग से ग्रसित है. उन्हे इलाज की जरूरत है और बिना इलाज किये ठीक नहीं हो सकते हैं. केके पाठक की जगह पागलखाने में है."- गुलाम गौस जदयू, विधान पार्षद

पक्ष और विपक्ष केके पाठक से नाराज: बता दें कि केके पाठक ने शिक्षकों को लेकर कुछ अभद्र टिप्पणी की है. कई विपक्षी सदस्य टिप्पणी का वीडियो और पेन ड्राइव में लेकर सदन में पहुंचे थे. सबसे पहले विपक्षी सदस्यों ने इस मामले को उठाया तो सत्ता पक्ष के भी कई सदस्यों ने साथ देना शुरू कर दिया और अंत में सभापति को इस मामले पर संज्ञान लेना पड़ा है. सभापति ने कहा कि हम अपने चेंबर में सदस्यों को बुलाएंगे और उनसे बातचीत करेंगे उनके साथ बैठक होगी. बैठक के बाद जो निर्णय होगा सरकार को इससे अवगत करा दिया जाएगा.

"पेन ड्राइव और क्लिप को हम देखेंगे और सभी पक्ष के बातों को सुनेंगे. जितने भी सदस्य हैं जो प्रमाण देंगे. उसके अनुसार जो कुछ फैसला होगा वह सरकार को अवगत कराने का काम करेंगे."-देवेश चंद्र ठाकुर, सभापति, बिहार विधान परिषद

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Last Updated : Feb 21, 2024, 5:44 PM IST
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