जयपुर. राजस्थान और हरियाणा के बॉर्डर इलाके से सटा मेवात क्षेत्र देश भर में पहले लूट-पाट और गो तस्करी के लिए चर्चाओं रहा है, लेकिन पिछले कुछ सालों में यह क्षेत्र ऑनलाइन ठगी के लिए भी मशहूर हो गया. यहां के अपराधियों के कारनामों को देखकर हर कोई हैरानी में पड़ जाता है. सूबे के डीग-मेवात इलाके में 2019 के बाद से साइबर ठगों का कुनबा किसी वायरस की तरह फैला है, जहां कई गावों में युवा पीढ़ी साइबर ठगी में एक्सपर्ट बन गई है. कितने ही गावों में युवाओं के लिए ठगी ही रोजगार का साधन बन गया.
आंकड़े बताते हैं कि देश मे होने वाली साइबर ठगी के 18 फीसदी अपराध इसी क्षेत्र से हो रहा है. राजस्थान में तो डीग जिला पहले नम्बर पर है. अब इस अपराध की कमर तोड़ने का काम पिछले कुछ दिनों से प्रदेश की भजन लाल सरकार कर रही है. भरतपुर रेंज में 'ऑपरेशन एंटी वायरस' के नाम से शुरु हुई इस अभियान में अब तक 500 से ज्यादा साइबर ठगों को जेल की सलाखों के पीछे डाल गया, जबकि लाखों की नकदी और ठगी के काम आने वाले उपकरण जब्त किए गए. इतना ही नहीं, अवैध रूप से कमाई गई राशि से बनाई गई संपत्ति पर भी बुलडोजर चल रहा है.
अपराधियों में खौफ : क्राइम के आंकड़े बताते हैं कि देश में होने वाली साइबर ठगी के 18 फीसदी मामले डीग जिले के रहे हैं, जबकि राजस्थान की बात करें तो ऑनलाइन ठगी में डीग जिला पहले नंबर है. गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम Etv भारत से बातचीत में कहते हैं कि पूर्ववर्ती सरकार और उनके जन प्रतिनिधियों ने अपराधियों को संरक्षण दिया, जिसकी वजह से मेवात अपराधियों का ठिकाना रहा है. राजनीतिक संरक्षण के चलते उस क्षेत्र में गो तस्करी हुई, लूटपाट हुई और पिछले 5-6 सालों में साइबर ठगी जैसे वारदातें हो रही हैं. पूर्ववर्ती सरकार के समय 10 राज्यों की पुलिस ने इन क्षेत्रों में कई दिनों तक डेरा डालकर रखा, लेकिन राजनीतिक संरक्षण के चलते उन पर कभी कोई कार्रवाई नहीं हुई. चुनाव प्रचार के दौरान जब क्षेत्र के लोगों ने अपनी पीड़ा बताई, उस समय तय कर लिया था कि ईश्वर की कृपा अगर मेरे ऊपर हुई, जनता ने आशीर्वाद दिया तो सबसे पहले प्रहार इन लोगों के ऊपर होगा.
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के निर्देश पर पुलिस को फ्री हैंड किया गया तो आज परिणाम हम सबके सामने हैं. जिस जिले में जो तस्करी चरम पर थी वो शून्य हो गई. महिलाओं पर अपराध के आंकड़ों में गिरावट आई और जो सबसे बड़ी चुनौती साइबर ठगी थी, वो 18 फीसदी से घटकर सिर्फ 7 फीसदी आ गई और जल्द ही यह भी शून्य पर होगी.
बेढम ने कहा कि साइबर ठगों की गिरफ्तारी के साथ उनकी अपराध के पैसे से बनाई हुई संपत्तियों को अटैच करने के साथ उन पर बुलडोजर चलाने का काम किया जा रहा है. गरीब लोगों की जमीन बाहुबलियों से मुक्त कराई जा रही है. उन्होंने कहा कि हम स्पष्ट कहते हैं कि भय मुक्त राजस्थान, भ्रष्टाचार मुक्त राजस्थान, अपराध मुक्त राजस्थान और विकास की दृष्टि से नंबर वन राजस्थान बनाने का काम भजन लाल सरकार कर रही है.
बेढम ने कहा कि भरतपुर रेंज में 1 मार्च को 'एंटी वायरस अभियान' शुरू किया गया था, जिसके बाद इस अभियान के चलते साइबर ठगी के मामलों में कमी आई है. इतना ही नहीं, करीब 500 से ज्यादा साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनसे करीब 50 लाख से ज्यादा की नकदी, 850 मोबाइल, 1200 सिम, 200 एटीएम कार्ड, अवैध हथियार बरामद किए जा चुके हैं.
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किसी को नहीं बख्शा जाएगा : जवाहर सिंह बेढम ने कहा कि अपराधियों में इतना खौफ हो गया है कि वो खुद अपनी सम्पतियों को तोड़ रहे हैं. आम जन में इतना विश्वास हो गया कि अब पंचायते होने लग गई है. लोग गांवों में पंचायत करके सूचना देने लगे हैं कि यह अपराधी हैं. जो मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने संदेश दिया उसका प्रभाव धरातल तक गया है, लेकिन सरकार के जिस एक्शन से आम जन में राहत है, उसी एक्शन से कांग्रेस के नेताओं को दर्द हो रहा है. पिछले दिनों जब बुलडोजर चला तो कांग्रेस के लोग अपने घड़ियाली आंसू बहाने आ गए. आरोप लगाया कि गलत कार्रवाई हो रही है, लेकिन जब एक-एक अपराधियों के कारनामे जनता के सामने आये तो मुंह छुपाए फिर रहे हैं. अपराधियों पर कार्रवाई होने पर उसे गलत कार्रवाई बता रहे हैं, लेकिन अब तय मान कर चलिए किसी को नहीं बख्शा जायेगा. अपराधी की कोई जाती-धर्म नहीं, बस वो अपराधी है. कितने ही बड़े नेता का संरक्षण हो उस पर कार्रवाई होगी. पीला पंजा चल रहा था, पीला पंजा चल रहा है और पीला पंजा आगे भी चलेगा, ये रुकने वाला नहीं है. अपराध को नष्ट करने के लिए राजस्थान की पुलिस और राजस्थान की सरकार कटिबद्ध है.
ठग मिनटों में साफ कर देते हैं बैंक अकाउंट : बता दें कि मेवात क्षेत्र के बदमाश साइबर ठगी से देश के हर राज्य के लोगों को ठगते हैं. यही नहीं, ठग लोगों को व्हाट्सएप वीडियो चैट के जरिए अश्लील वीडियो बनाकर सेक्सटॉर्शन का शिकार बनाते हैं. इसके अलावा कभी जॉब देने के बहाने लोगों से आधार कार्ड की फोटो लेकर उनका फर्जी कंपनी का आईडी कार्ड बनाकर उनके साथ कागजात के वैरिफिकेशन के नाम पर लोगों से ठगी करते हैं. ये ठग किसी ऑफिस या किसी फ्लैट में बैठकर वारदातों को अंजाम नहीं देते, बल्कि छोटी-छोटी झोपड़ियों, पेड़ों के नीचे बैठकर कुछ ही मिनट में चूना लगा देते हैं. अभी तक के मामलों में ये ठग हिंदुस्तान के बड़े-बड़े राजनेताओं और अधिकारियों तक को अपने जाल में फंसा चुके हैं. वहीं पैसे नहीं देने पर अश्लील वीडियो को वायरल करने तक की धमकी देते हैं. इसके साथ ही साइबर ठग ओटीपी के जरिए भी कुछ ही मिनट में बैंक अकाउंट खाली कर देते हैं. इन्ही साइबर ठगों पर प्रहार करने के लिए 'ऑपरेशन एंटी वायरस' भरतपुर रेंज आइजी राहुल प्रकाश के नेतृत्व में 1 मार्च से शुरू किया गया है, जिसके बाद से साइबर ठगी के मामलों में कमी आई है.