भरतपुर. जिलेवासियों के लिए खुशखबरी है. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान (घना पक्षी अभयारण्य) में मानसून दूत यानी ओपन बिल स्टॉर्क पहुंच गए हैं. सामान्य तौर पर ओपन बिल स्टॉर्क जून माह के अंत में या जुलाई के प्रथम सप्ताह में यहां आते हैं, लेकिन इस बार करीब 15 दिन पहले ही ये पहुंच गए हैं.माना जा रहा है कि ये भरतपुर में जल्दी मानसून आने के संकेत हैं. 50 की संख्या में घना पहुंचे ओपन बिल स्टॉर्क ने स्टिंग शुरू कर दी है.
केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के निदेशक मानस सिंह ने बताया कि घना में करीब 50 ओपन बिल स्टॉर्क पहुंच गए हैं. इन्होंने घना में डेरा डाल लिया है और नेस्टिंग भी शुरू कर दी है. ये पूरे जिले के लिए मानसून आने के संकेत हैं. घना में फिलहाल पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध है, जिससे घना के मेहमान परिंदों को भरपूर भोजन मिल सकेगा. धीरे धीरे इनकी संख्या लगातार बढ़ती जाएगी और ये हजार से ऊपर यहां पहुंच सकते हैं.
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निदेशक मानस सिंह ने बताया कि ओपन बिल स्टॉर्क उद्यान में करीब 6 माह का प्रवास करता है. यहां प्रजनन करते हैं और बच्चे बड़े होने पर जनवरी माह में यहां से बच्चों के साथ उड़ान भर जाते हैं. इसके अलावा घना में पेंटेड स्टॉर्क, हेरोन, आइबिस आदि ने भी आना शुरू कर दिया है. मानसून आते आते कई प्रजाति के पक्षी यहां नेस्टिंग शुरू कर देंगे. उसके बाद सितंबर-अक्टूबर माह में देश और दुनिया के प्रवासी पक्षी यहां पहुंचना शुरू कर देंगे. नवंबर माह में तो घना पक्षियों से पूरी तरह गुलजार हो जाएगा.
इसलिए कहलाते हैं मानसून दूत: निदेशक मानस सिंह ने बताया कि ओपन बिल स्टॉर्क मानसून दूत कहा जाता है. इसके पीछे की वजह ये है कि जैसे ही मानसून दक्षिण भारत में प्रवेश करता है ये ओपन बिल वहां से उड़ान भर जाते हैं. ये पक्षी मानसून के आगे उड़ान भरता है, इसलिए माना जाता है कि ओपन बिल स्टॉर्क पहुंचने के कुछ दिन बाद ही मानसून भी पहुंच जाता है. यही वजह है कि इस पक्षी को मानसून आने का संदेशा लेकर आने वाला मानसून दूत कहा जाता है.