मऊ: दो उपमुख्यमंत्री, तीन कैबिनेट मंत्री दर्जन भर मंत्रियों समेत भाजपा प्रदेश अध्यक्ष हफ्तों तक घोसी लोकसभा क्षेत्र में कैंप किए रहे. लेकिन, उनका ये अथक प्रयास भी ओपी राजभर के बेटे अरविंद राजभर को जीत नहीं दिला सका.
प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक ने एनडीए प्रत्याशी के लिए दिन-रात एक कर दिए. वहीं जिले से ही तीन कैबिनेट मंत्री एके शर्मा, दारा सिंह चौहान और ओमप्रकाश राजभर भी जनसभाओं से जनता के बीच लगातार बने रहे. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी भी यहां कार्यकर्ताओं को साधने में लगे रहे. बावजूद इसके एक बड़े अंतर से हार का सामना करना पड़ा.
भाजपा नेतृत्व ने यहां सवर्ण वोटों को साधने के लिए उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक को मैदान में उतारा था. ओबीसी वोटरों को साधने के लिए उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य मैदान में डटे थे. चौहान वोटर संभालने का जिम्मा दारा सिंह चौहान को जबकि राजभर वोटों को एकजुट रखने के लिए ओमप्रकाश राजभर ने जिम्मा संभाला हुए था. एके शर्मा भी लगातार जनता के बीच हफ्तों कैंप करके ओबीसी वोटरों को साधने में लगे रहे.
तमाम मंत्रियों उपमुख्यमंत्रियों और दिग्गज नेताओं के कैंप करने के बावजूद सपा का PDA और संविधान बचाओ का नारा सभी नेताओं के कैंप पर हावी दिखा. एनडीए प्रत्याशी कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर के बेटे डॉ. अरविंद राजभर के समर्थन में प्रधानमंत्री मोदी ने 26 मई को रतनपुर के मेउड़ी में जबकि मुख्यमंत्री योगी ने 28 मई को रानीपुर के जनता इंटर कॉलेज मैदान में चुनावी जनसभाएं की थी. जनता से वोट की अपील की थी.
लेकिन प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की चुनावी जनसभाओं का भी कोई असर नहीं दिखा. राजनीतिक पंडितों का मानना है कि लोकतंत्र में लोक और तंत्र की रक्षा होनी चाहिए और उसे भाजपा वालों ने दरकिनार करते हुए तानाशाही का रवैया अपनाया जिसे जनता ने एक सिरे से खारिज किया.
घोसी लोकसभा सीट से अरविंद राजभर को 3 लाख 40 हजार 188 वोट ही मिले. जबकि समाजवादी पार्टी के राजेश वर्मा 503131 वोट पाकर विजयी हुए है. इस तरह अरविंद राजभर को 162943 वोटों से हार का मुंह देखना पड़ा. बता दें कि इस लोकसभा सीट से कुल 28 उम्मीदवार मैदान में थे.
ये भी पढ़ेंः यूपी में भाजपा के खराब प्रदर्शन की 5 वजहें; राजपूतों की नाराजगी ने भी लुटिया डुबोई