दुर्ग: पुलिस ने सुपेला के वीआईपी कैफे पर गुरुवार को रेड किया. छापे के दौरान पुलिस को मौके से दो लोग मिले जो ऑनलाइन सट्टेबाजी का काम कर रहे थे. पुलिस को मौके से भारी मात्रा में फर्जी सिम और खातों की जानकारी भी हाथ लगी है. फर्जी सिम के जरिए ये लोग पूरे खेल को ऑपरेट करते थे. फर्जी खातों के जरिए पैसों का लेन देन भी किया जा रहा था. पुलिस ने फर्जी सिम और खातों के डिटेल जब्त कर जांच शुरु कर दी है. पकड़े गए लोगों में रिसाली का संतोष कुमार और सुपेला का कुणाल सोनी शामिल है.
कैफे की आड़ में चल रहा था सट्टेबाजी का गोरखधंधा: पुलिस को शक नहीं हो इसके लिए कैफे की आड़ में शातिर बदमाश सट्टेबाजी का धंधा चला रहे थे. कैफे होने के चलते बड़ी संख्या में ग्राहक यहां आते जाते हैं. पुलिस को शक नहीं हो इसलिए शातिर बदमाशों ने इसे अपना ठिकान बना लिया था.
पकड़े गए दोनों लोग आम लोगों को झांसे में लेकर उनके दस्तावेज हथिया लेते थे. दूसरे लोगों के दस्तावेजों का इस्तेमाल कर ये लोग फर्जी तरीके से सिम लेते थे. फर्जी दस्तावेजों के जरिए बैंक खाते खुलवाकर दोनों दूसरे लोगों को 40 से 50 हजार में मुहैया करा रहे थे. पुलिस ने खातों से 8 से 9 करोड़ रुपए का ट्रांजेक्शन पकड़ा है. आरोपी संतोष कुमार कोसरे केनरा बैंक वैशाली नगर में अस्थायी कर्मचारी था. भोले भाले लोगों को गुमराह कर खाता खोलने का काम करता था. - जितेंद्र शुक्ला, एसपी, दुर्ग
कैसे पकड़े गए सट्टेबाज: दरअसल फरियादी प्रियांशु निले कोसानगर भिलाई का रहने वाला है. उसने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसके नाम से जबरन दो लोग खाता खुलवाकर उसे ऑपरेट कर रहे हैं. पुलिस ने जब पड़ताल की तो शिकायत सही निकली. प्रियांशु के खाते को गुरुशरण और कुणाल सोनी ऑपरेट कर रहे थे. सट्टेबाजी के खेल में पकड़े नहीं जाएं इसलिए प्रियांशु के खाते से पैसों का ट्रांजेक्शन किया जा रहा था. पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर दोनों बदमाशों को घेराबंदी कर दबोचा.