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सड़क पर मिला रुपयों से भरा बैग थाने में जमा कराने पंहुचा तो पुलिस ने युवक को ही भेज दिया जेल; प्रियंका गांधी, सपा ने साधा निशाना - Priyanka Gandhi Vadra

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपने फेसबुक एकाउंट पर लिखा है, यूपी पुलिस के लिए कानून व्यवस्था खिलवाड़ बन चुकी है. निर्दोष को प्रताड़ना और अपराधी को अभयदान, यूपी में प्रशासन का यही मूल मंत्र बन गया है.

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बेगुनाह को जेल भेजने पर रायबरेली में शुरू हुई सियासत. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 9, 2024, 12:12 PM IST

Updated : Sep 9, 2024, 12:51 PM IST

रायबरेली: यूपी के रायबरेली में कुछ दिन पहले एक युवक पुलिस को सड़क पर मिला रुपयों से भरा बैग लौटाने गया था. लेकिन, रायबरेली पुलिस के अधिकारियों ने उस युवक को ही अपराधी करार देते हुए जेल भेज दिया. अब जब कोर्ट से उसे राहत मिली और जमानत पर वह बाहर आया तो इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के नेता यूपी पुलिस और योगी सरकार को आड़े हाथ ले रहे हैं.

जेल से छूटने के बाद मीडिया से बात करता पीड़ित युवक दीपू. (Video Credit; ETV Bharat)

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपने फेसबुक एकाउंट पर लिखा है, यूपी पुलिस के लिए कानून व्यवस्था खिलवाड़ बन चुकी है. रायबरेली में जन सुविधा केंद्र संचालक रवि चौरसिया के साथ 8 लाख की लूट हो गई. उनका रुपयों से भरा बैग बदमाश छीन कर भाग गए. रास्ते में किसी कारण से बदमाश बैग को सड़क किनारे छोड़कर भाग गए. वह बैग दीपू नाम के व्यापारी को मिला. दीपू कुछ लोगों को साथ लेकर थाने में जमा करने गए तो पुलिस ने उन्हें ही जेल भेज दिया.

इस बात पर व्यापारी विरोध में उतर आए. विरोध को देखते हुए दूसरे थाने को जांच सौंपी गई. जांच में पाया गया कि दीपू ने अच्छे नागरिक का फर्ज अदा किया लेकिन पुलिस ने उन्हें ही आरोपी बना दिया. इस आधार पर कोर्ट ने दीपू को जमानत दे दी. निर्दोष को प्रताड़ना और अपराधी को अभयदान, यूपी में प्रशासन का यही मूल मंत्र बन गया है. इसी तरह समाजवादी पार्टी के मीडिया सेल ने एक्स पर वीडियो शेयर करते हुए मुख्यमंत्री व यूपी पुलिस को खरी खोटी सुनाई है.

बता दें कि 12 दिन बाद जेल से बाहर आने के बाद युवक ने अपनी आपबीती बताई. 28 साल के पीड़ित युवक दीपू उर्फ गौरव निवासी गांव जमनीपुर चरुहार थाना गदागंज ने बताया कि आरो का पानी लेने के लिए वह निकला था तो रास्ते में उसे वह बैग मिला. उसके साथ चार-पांच लोग भी थे. उसके बाद उन्होंने मिलकर प्रधान से संपर्क किया. फिर वह बैग वे लोग थाने ले गए.

युवक ने बताया कि थाने में एसओ ने उसे ही बिठा लिया. बैग जमा करने के बाद उसे दो दिन तक थाने में बैठाए रखा. इसके बाद जंगल ले गए. वहां पर बैग देकर उसका वीडियो बनाया गया. 26 अगस्त को पुलिस ने लूट के मामले में कार्रवाई दिखाते हुए उसे गिरफ्तार दिखा दिया. आज अपनी रिहाई पर युवक ने खुशी तो महसूस की है लेकिन कानून की इस कार्यप्रणाली से वह सदमे में है.

घटना 20 अगस्त की है. जब गदागंज थाना क्षेत्र में जनसुविधा केंद्र चलाने वाले एक व्यक्ति से बैग लूट हुई थी. मामले में पुलिस पर कार्रवाई का दबाव बना तो पुलिस ने 26 अगस्त को कुल 7 लाख रुपये नकद व कुछ कागजाद बरामद दिखाकर दीपू को जेल भेज दिया था. थाना गदागंज एसओ राकेश चंद की लापरवाही के कारण एक युवक का भविष्य खतरे में आ गया है. साथ ही पुलिस कार्यप्रणाली की किरकिरी भी हुई है.

ये भी पढ़ेंः लखनऊ में कार के ऊपर पलटी स्लीपर बस, पति-पत्नी समेत 2 बच्चे अंदर फंसे, केबिन काटकर निकाला गया बाहर

रायबरेली: यूपी के रायबरेली में कुछ दिन पहले एक युवक पुलिस को सड़क पर मिला रुपयों से भरा बैग लौटाने गया था. लेकिन, रायबरेली पुलिस के अधिकारियों ने उस युवक को ही अपराधी करार देते हुए जेल भेज दिया. अब जब कोर्ट से उसे राहत मिली और जमानत पर वह बाहर आया तो इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के नेता यूपी पुलिस और योगी सरकार को आड़े हाथ ले रहे हैं.

जेल से छूटने के बाद मीडिया से बात करता पीड़ित युवक दीपू. (Video Credit; ETV Bharat)

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपने फेसबुक एकाउंट पर लिखा है, यूपी पुलिस के लिए कानून व्यवस्था खिलवाड़ बन चुकी है. रायबरेली में जन सुविधा केंद्र संचालक रवि चौरसिया के साथ 8 लाख की लूट हो गई. उनका रुपयों से भरा बैग बदमाश छीन कर भाग गए. रास्ते में किसी कारण से बदमाश बैग को सड़क किनारे छोड़कर भाग गए. वह बैग दीपू नाम के व्यापारी को मिला. दीपू कुछ लोगों को साथ लेकर थाने में जमा करने गए तो पुलिस ने उन्हें ही जेल भेज दिया.

इस बात पर व्यापारी विरोध में उतर आए. विरोध को देखते हुए दूसरे थाने को जांच सौंपी गई. जांच में पाया गया कि दीपू ने अच्छे नागरिक का फर्ज अदा किया लेकिन पुलिस ने उन्हें ही आरोपी बना दिया. इस आधार पर कोर्ट ने दीपू को जमानत दे दी. निर्दोष को प्रताड़ना और अपराधी को अभयदान, यूपी में प्रशासन का यही मूल मंत्र बन गया है. इसी तरह समाजवादी पार्टी के मीडिया सेल ने एक्स पर वीडियो शेयर करते हुए मुख्यमंत्री व यूपी पुलिस को खरी खोटी सुनाई है.

बता दें कि 12 दिन बाद जेल से बाहर आने के बाद युवक ने अपनी आपबीती बताई. 28 साल के पीड़ित युवक दीपू उर्फ गौरव निवासी गांव जमनीपुर चरुहार थाना गदागंज ने बताया कि आरो का पानी लेने के लिए वह निकला था तो रास्ते में उसे वह बैग मिला. उसके साथ चार-पांच लोग भी थे. उसके बाद उन्होंने मिलकर प्रधान से संपर्क किया. फिर वह बैग वे लोग थाने ले गए.

युवक ने बताया कि थाने में एसओ ने उसे ही बिठा लिया. बैग जमा करने के बाद उसे दो दिन तक थाने में बैठाए रखा. इसके बाद जंगल ले गए. वहां पर बैग देकर उसका वीडियो बनाया गया. 26 अगस्त को पुलिस ने लूट के मामले में कार्रवाई दिखाते हुए उसे गिरफ्तार दिखा दिया. आज अपनी रिहाई पर युवक ने खुशी तो महसूस की है लेकिन कानून की इस कार्यप्रणाली से वह सदमे में है.

घटना 20 अगस्त की है. जब गदागंज थाना क्षेत्र में जनसुविधा केंद्र चलाने वाले एक व्यक्ति से बैग लूट हुई थी. मामले में पुलिस पर कार्रवाई का दबाव बना तो पुलिस ने 26 अगस्त को कुल 7 लाख रुपये नकद व कुछ कागजाद बरामद दिखाकर दीपू को जेल भेज दिया था. थाना गदागंज एसओ राकेश चंद की लापरवाही के कारण एक युवक का भविष्य खतरे में आ गया है. साथ ही पुलिस कार्यप्रणाली की किरकिरी भी हुई है.

ये भी पढ़ेंः लखनऊ में कार के ऊपर पलटी स्लीपर बस, पति-पत्नी समेत 2 बच्चे अंदर फंसे, केबिन काटकर निकाला गया बाहर

Last Updated : Sep 9, 2024, 12:51 PM IST
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