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इस खास स्कीम से 82,120 बच्चियों को खिलाड़ी बनाएगी योगी सरकार, जानिए

Sports scheme for girls: राष्ट्रीय स्तर पर चमकेगी छात्राएं, खेल में बना सकेंगी स्थान. प्रत्येक विद्यालय में एक खेल समिति का होगा गठन

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कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 5, 2024, 10:30 AM IST

लखनऊ: प्रदेश कि कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में पढ़ने वाली 82,120 बालिकाओं की खेल प्रतिभाओं को राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने के लिए 'एक केजीबीवी, एक खेल' योजना लागू किया जाएगा. बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह के नेतृत्व में इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को विशेषज्ञ प्रशिक्षण दिया जाएगा. इस योजना से बालिकाएं खेल में निपुण होने के साथ-साथ शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास भी प्राप्त करेंगी, जिससे वे समाज में एक सशक्त पहचान बना सकेंगी.

पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू होगी योजना: उत्तर प्रदेश के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में बालिकाओं की खेल प्रतिभा को निखारने और उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर उभारने के उद्देश्य से 'एक केजीबीवी, एक खेल' योजना लागू की गई है. इस योजना का उद्देश्य पिछड़े और वंचित समुदायों की बालिकाओं को खेल के क्षेत्र में विशेष कौशल प्रदान करना है. इसके अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को खेल विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा.

यह योजना पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रत्येक जनपद के दो केजीबीवी में आरंभ की जाएगी और सफल होने पर इसे अन्य विद्यालयों में भी विस्तार दिया जाएगा. केजीबीवी में अध्ययनरत 82,120 छात्राओं को खेलों में प्रशिक्षित कर राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है. यह योजना छात्राओं को न केवल खेल किट और आधारभूत प्रशिक्षण प्रदान करेगी, बल्कि विभिन्न प्रतियोगिताओं में जनपद और राज्य स्तर पर चयनित करने की प्रक्रिया भी सुनिश्चित करेगी.

इसे भी पढ़े-5 नहीं अब 3 साल में टीचरों का ट्रांसफर, नौकरी में 1 बार मौका देगी योगी सरकार, परिवार संग रह सकेंगे

विद्यालय में खेल का चयन ऐसे होगा: प्रत्येक विद्यालय में एक खेल समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें वार्डन, व्यायाम शिक्षिका, खेल प्रभारी और दो खिलाड़ी छात्राएं होंगी. यह समिति छात्राओं की रुचि और उपलब्ध संसाधनों के आधार पर एक खेल का चयन करेगी. चयनित खेल में प्रशिक्षण देने के लिए योग्य महिला प्रशिक्षक नियुक्त की जाएगी. आवश्यकतानुसार, बाहरी खेल प्रशिक्षकों की सहायता भी ली जा सकेगी.

विशेष प्रशिक्षण और स्वास्थ्य पर रहेगा विशेष ध्यान: योजना के अंतर्गत, खेल गतिविधियों के संचालन के लिए एक निर्धारित समय सारिणी होगी, जिसमें प्रशिक्षक छात्राओं को खेल की बारीकियां सिखाएंगे. बेहतर स्वास्थ्य के लिए पोषण और स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे, जिसमें छात्राओं को आहार, पोषण और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाएगा. बालिकाओं का स्वास्थ्य परीक्षण भी समय-समय पर किया जाएगा.

खेल संघों और कॉर्पोरेट समूहों से भी लिया जाएगा सहयोग: योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए राज्य और राष्ट्रीय स्तर के खेल संघों के साथ कॉर्पोरेट समूहों से भी सहयोग लिया जाएगा. कॉर्पोरेट समूहों की मदद से छात्राओं के लिए आवश्यक खेल सामग्री और अन्य सुविधाएं बेहतर तरीके से उपलब्ध कराई जाएंगी.

बालिकाओं का विशेष स्थानांतरण और अभिभावकों की ली जाएगी सहमति: चयनित छात्राओं को विशेष खेल प्रशिक्षण देने के लिए तीन महीने तक नोडल केजीबीवी में रखा जाएगा. इस दौरान उनके रहने, खाने और प्रशिक्षण की पूरी व्यवस्था होगी. इसके बाद, छात्राओं को उनके मूल केजीबीवी में वापस भेज दिया जाएगा. छात्राओं के स्थानांतरण से पूर्व उनके अभिभावकों से सहमति ली जाएगी.

यह भी पढ़े-पिछड़ा वर्ग के युवा 10 नवंबर तक कर सकेंगे कम्प्यूटर प्रशिक्षण योजना में आवेदन

लखनऊ: प्रदेश कि कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में पढ़ने वाली 82,120 बालिकाओं की खेल प्रतिभाओं को राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने के लिए 'एक केजीबीवी, एक खेल' योजना लागू किया जाएगा. बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह के नेतृत्व में इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को विशेषज्ञ प्रशिक्षण दिया जाएगा. इस योजना से बालिकाएं खेल में निपुण होने के साथ-साथ शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास भी प्राप्त करेंगी, जिससे वे समाज में एक सशक्त पहचान बना सकेंगी.

पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू होगी योजना: उत्तर प्रदेश के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में बालिकाओं की खेल प्रतिभा को निखारने और उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर उभारने के उद्देश्य से 'एक केजीबीवी, एक खेल' योजना लागू की गई है. इस योजना का उद्देश्य पिछड़े और वंचित समुदायों की बालिकाओं को खेल के क्षेत्र में विशेष कौशल प्रदान करना है. इसके अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को खेल विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा.

यह योजना पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रत्येक जनपद के दो केजीबीवी में आरंभ की जाएगी और सफल होने पर इसे अन्य विद्यालयों में भी विस्तार दिया जाएगा. केजीबीवी में अध्ययनरत 82,120 छात्राओं को खेलों में प्रशिक्षित कर राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है. यह योजना छात्राओं को न केवल खेल किट और आधारभूत प्रशिक्षण प्रदान करेगी, बल्कि विभिन्न प्रतियोगिताओं में जनपद और राज्य स्तर पर चयनित करने की प्रक्रिया भी सुनिश्चित करेगी.

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विद्यालय में खेल का चयन ऐसे होगा: प्रत्येक विद्यालय में एक खेल समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें वार्डन, व्यायाम शिक्षिका, खेल प्रभारी और दो खिलाड़ी छात्राएं होंगी. यह समिति छात्राओं की रुचि और उपलब्ध संसाधनों के आधार पर एक खेल का चयन करेगी. चयनित खेल में प्रशिक्षण देने के लिए योग्य महिला प्रशिक्षक नियुक्त की जाएगी. आवश्यकतानुसार, बाहरी खेल प्रशिक्षकों की सहायता भी ली जा सकेगी.

विशेष प्रशिक्षण और स्वास्थ्य पर रहेगा विशेष ध्यान: योजना के अंतर्गत, खेल गतिविधियों के संचालन के लिए एक निर्धारित समय सारिणी होगी, जिसमें प्रशिक्षक छात्राओं को खेल की बारीकियां सिखाएंगे. बेहतर स्वास्थ्य के लिए पोषण और स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे, जिसमें छात्राओं को आहार, पोषण और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाएगा. बालिकाओं का स्वास्थ्य परीक्षण भी समय-समय पर किया जाएगा.

खेल संघों और कॉर्पोरेट समूहों से भी लिया जाएगा सहयोग: योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए राज्य और राष्ट्रीय स्तर के खेल संघों के साथ कॉर्पोरेट समूहों से भी सहयोग लिया जाएगा. कॉर्पोरेट समूहों की मदद से छात्राओं के लिए आवश्यक खेल सामग्री और अन्य सुविधाएं बेहतर तरीके से उपलब्ध कराई जाएंगी.

बालिकाओं का विशेष स्थानांतरण और अभिभावकों की ली जाएगी सहमति: चयनित छात्राओं को विशेष खेल प्रशिक्षण देने के लिए तीन महीने तक नोडल केजीबीवी में रखा जाएगा. इस दौरान उनके रहने, खाने और प्रशिक्षण की पूरी व्यवस्था होगी. इसके बाद, छात्राओं को उनके मूल केजीबीवी में वापस भेज दिया जाएगा. छात्राओं के स्थानांतरण से पूर्व उनके अभिभावकों से सहमति ली जाएगी.

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