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फिर आंदोलन की तैयारी में राज्य के मनरेगा कर्मी! कल्पना सोरेन को सुनाना चाहते हैं अपनी पीड़ा - MNREGA workers agitation

MNREGA workers agitation in Jharkhand. झारखंड में एक बार फिर से मनरेगा कर्मी आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं. आंदोलन कर्मी सीएम चंपाई सोरेन और कल्पना सोरेन से बात कर उन्हें सीएम हेमंत सोरेन का वादा याद दिलाना चाहते हैं.

MNREGA workers agitation
झारखंड राज्य मनरेगा कर्मचारी संघ के सदस्य (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jun 27, 2024, 6:12 PM IST

रांची: झारखंड राज्य मनरेगा कर्मचारी संघ 02 जुलाई को रांची में "वादा निभाओ रैली" करने से पहले अपनी पीड़ा से कल्पना सोरेन को अवगत कराना चाहते हैं. मनरेगा कर्मियों को उम्मीद है कि जो काम अभी तक विभागीय मंत्री और सचिव में नहीं किया वह काम कल्पना सोरेन करा देंगी. मनरेगाकर्मी राज्य के मुख्यमंत्री से मिलकर उन्हें यह याद दिलाना चाहते हैं कि 2019 विधानसभा चुनाव से पहले मनरेगा कर्मियों की सेवा स्थायी करने का वादा हेमंत सोरेन ने किया था. उसे पूरा करने का वक्त आ गया है.

झारखंड राज्य मनरेगा कर्मचारी संघ के अध्यक्ष जॉन पीटर बागे ने बताया कि संघ ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि आगामी 02 जुलाई 2024 को राज्य के सभी मनरेगा कर्मी "वादा निभाओ रैली" करेंगे, यह महारैली रांची के बापू वाटिका से जाकिर हुसैन पार्क राजभवन धरना स्थल तक निकाली जाएगी. राजभवन धरना स्थल में अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया जाएगा जिसमें राज्यभर के 5000 से ज्यादा मतगणना कर्मी शामिल होंगे.

मांग पूरी नहीं होने पर हड़ताल की भी तैयारी

02 जुलाई को वादा निभाओ रैली के दौरान ही मनरेगाकर्मी आगे की रणनीति की घोषणा करेंगे. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मांग पूरी नहीं होने की स्थिति में राज्यभर के मनरेगाकर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल की भी घोषणा कर सकते हैं.

राज्य के मनरेगा कर्मियों की मुख्य मांग

झारखंड राज्य मनरेगा कर्मचारी संघ के अध्यक्ष ने कहा कि कई प्रदेशों में मनरेगा कर्मियों की सेवा स्थायी की गई है, लेकिन झारखंड में सरकार टालमटोल की रणनीति पर चल रही है. यह राज्य के मनरेगा कर्मियों के भविष्य से खिलवाड़ है. झारखंड राज्य मनरेगा कर्मचारी संघ के अध्यक्ष जॉन पीटर बागे ने कहा कि सेवा नियमितीकरण के लिए उच्च न्यायालय द्वारा जो आदेश दिया गया है उसके जवाब में मनरेगा आयुक्त का जवाब निराशाजनक है. उन्होंने कहा कि मनरेगा आयुक्त ने अपने जवाब में मनरेगा कर्मियों के लिए कोई भी सकारात्मक बात नहीं कही हैं, जिससे राज्य के सभी मनरेगा कर्मी काफी आक्रोशित हैं.

वादा निभाओ रैली जुलाई में

मनरेगा संघ के अध्यक्ष ने बताया कि झारखंड की वर्तमान सरकार ने पूर्व में कई बार आश्वासन दिया था लेकिन अब जब सरकार का कार्यकाल पूरा होने पर हैं, अभी तक कोई भी कर्मचारी हित में मांगे पूरी नहीं हुईं हैं. ऐसे में हर मनरेगाकर्मी खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. झारखंड प्रदेश मनरेगा कर्मचारी संघ के अध्यक्ष ने कहा कि पूर्व में बैठक कर यह निर्णय लिया गया है कि जुलाई महीने में आंदोलन शुरू करेंगे. लेकिन उससे पहले मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन और नवनिर्वाचित झामुमो विधायक कल्पना मुर्मू सोरेन से औपचारिक रूप से मिल कर अपनी मांगों को रखा जाए.

ये भी पढ़ें:

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पूरे राज्य के मनरेगा कर्मी करेंगे मंत्री आलमगीर आलम के आवास का घेराव, सरकार पर भेदभाव का लगाया आरोप

रांची: झारखंड राज्य मनरेगा कर्मचारी संघ 02 जुलाई को रांची में "वादा निभाओ रैली" करने से पहले अपनी पीड़ा से कल्पना सोरेन को अवगत कराना चाहते हैं. मनरेगा कर्मियों को उम्मीद है कि जो काम अभी तक विभागीय मंत्री और सचिव में नहीं किया वह काम कल्पना सोरेन करा देंगी. मनरेगाकर्मी राज्य के मुख्यमंत्री से मिलकर उन्हें यह याद दिलाना चाहते हैं कि 2019 विधानसभा चुनाव से पहले मनरेगा कर्मियों की सेवा स्थायी करने का वादा हेमंत सोरेन ने किया था. उसे पूरा करने का वक्त आ गया है.

झारखंड राज्य मनरेगा कर्मचारी संघ के अध्यक्ष जॉन पीटर बागे ने बताया कि संघ ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि आगामी 02 जुलाई 2024 को राज्य के सभी मनरेगा कर्मी "वादा निभाओ रैली" करेंगे, यह महारैली रांची के बापू वाटिका से जाकिर हुसैन पार्क राजभवन धरना स्थल तक निकाली जाएगी. राजभवन धरना स्थल में अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया जाएगा जिसमें राज्यभर के 5000 से ज्यादा मतगणना कर्मी शामिल होंगे.

मांग पूरी नहीं होने पर हड़ताल की भी तैयारी

02 जुलाई को वादा निभाओ रैली के दौरान ही मनरेगाकर्मी आगे की रणनीति की घोषणा करेंगे. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मांग पूरी नहीं होने की स्थिति में राज्यभर के मनरेगाकर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल की भी घोषणा कर सकते हैं.

राज्य के मनरेगा कर्मियों की मुख्य मांग

झारखंड राज्य मनरेगा कर्मचारी संघ के अध्यक्ष ने कहा कि कई प्रदेशों में मनरेगा कर्मियों की सेवा स्थायी की गई है, लेकिन झारखंड में सरकार टालमटोल की रणनीति पर चल रही है. यह राज्य के मनरेगा कर्मियों के भविष्य से खिलवाड़ है. झारखंड राज्य मनरेगा कर्मचारी संघ के अध्यक्ष जॉन पीटर बागे ने कहा कि सेवा नियमितीकरण के लिए उच्च न्यायालय द्वारा जो आदेश दिया गया है उसके जवाब में मनरेगा आयुक्त का जवाब निराशाजनक है. उन्होंने कहा कि मनरेगा आयुक्त ने अपने जवाब में मनरेगा कर्मियों के लिए कोई भी सकारात्मक बात नहीं कही हैं, जिससे राज्य के सभी मनरेगा कर्मी काफी आक्रोशित हैं.

वादा निभाओ रैली जुलाई में

मनरेगा संघ के अध्यक्ष ने बताया कि झारखंड की वर्तमान सरकार ने पूर्व में कई बार आश्वासन दिया था लेकिन अब जब सरकार का कार्यकाल पूरा होने पर हैं, अभी तक कोई भी कर्मचारी हित में मांगे पूरी नहीं हुईं हैं. ऐसे में हर मनरेगाकर्मी खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. झारखंड प्रदेश मनरेगा कर्मचारी संघ के अध्यक्ष ने कहा कि पूर्व में बैठक कर यह निर्णय लिया गया है कि जुलाई महीने में आंदोलन शुरू करेंगे. लेकिन उससे पहले मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन और नवनिर्वाचित झामुमो विधायक कल्पना मुर्मू सोरेन से औपचारिक रूप से मिल कर अपनी मांगों को रखा जाए.

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