रांची: मानसून सत्र के अंतिम दिन सीएम हेमंत सोरेन ने सदन में जो घोषणा की थी, उसे आज अमलीजामा पहना दिया. मिलिट्री ऑपरेशन के दौरान वीरगति प्राप्त करने वाले राज्य निवासी अग्निवीरों की पत्नी या आश्रित को भी अनुदान और अनुकंपा पर सरकारी नौकरी मिलेगी. सीएम हेमंत सोरेन ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. बहुत जल्द कैबिनेट की स्वीकृति ली जाएगी. इससे पहले राज्य में सैनिक के आश्रितों को 10 लाख रुपए और अनुकंपा के आधार पर सरकारी नौकरी देने का प्रावधान था.
अब भारतीय सेना (थल, वायु एवं जल सेना) में वर्ष 2022 में अग्निवीर योजना लागू की गई है. इस योजना के तहत भारतीय सेना में अग्निवीर के रूप में 4 वर्षों के लिए नियुक्ति हो रही है. अग्निवीरों को नियमित सैनिकों के अनुरूप ही देश की रक्षा/ सुरक्षा का दायित्व सौंपा गया है. अग्निवीरों पर भी नियमित सैनिकों की तरह देश की रक्षा/ सुरक्षा में समान रूप से जीवन का खतरा बना रहता है. इसको ध्यान में रखते हुए अग्निवीरों के लिए भी यह योजना लागू करने की तैयारी की गई है.
आपको बता दें कि अग्निवीरों के वीरगति प्राप्त होने पर शहीद का दर्जा नहीं मिलने का मामला पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान जोर-शोर से उठा था. खासकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी इस मसले पर मुखर रहे हैं. उनकी दलील है कि सेना में दो तरह की व्यवस्था नहीं होनी चाहिए. हालांकि रक्षा मंत्रालय की अपनी दलील है.
अग्निवीरों के हित में इस घोषणा से पहले मुख्यमंत्री के कांके स्थित आवास पर झारखंड होमगार्ड के जवानों का हुजूम उमड़ पड़ा. पुलिसकर्मियों के समकक्ष भत्ता देने के प्रस्ताव पर पिछले दिनों सरकार की स्वीकृति मिलने पर होमगार्ड के जवानों से सीएम से मुलाकात की. उनके इस फैसले के प्रति आभार जताया.
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