लखनऊ : शनिवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केजीएमयू के 120 वें स्थापना दिवस समारोह में शिरकत की. इस दौरान उन्होंने कहा, काल का प्रवाह किसी का इंतजार नहीं करता. वर्ष 1905 में यहां मेडिकल कॉलेज 10,75108 रुपये से मेडिकल कॉलेज शुरू हुआ था. महत्वपूर्ण यह है कि शासन की मंशा के अनुरूप हम बहुत कुछ हासिल कर पा रहे हैं.
लगभग डेढ़ सौ एकड़ के क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज का दायरा है. अवसर सभी को मिलता है. अवसर पर बिखरना नहीं बल्कि, निखरना है. योगी ने कहा कि महिला सशक्तिकरण का जीता जागता उदाहरण केजीएमयू है. करीब 80 प्रतिशत छात्राओं ने गोल्ड, सिल्वर, ब्रॉन्ज मेडल पर हक जमाया. CM ने समारोह में 67 मेधावी छात्रों को मेडल और सर्टिफिकेट प्रदान कर सम्मानित किया.
संस्थान के लिए 300 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृति : मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि सरकार ने भी संस्थान को आगे बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक मशीनों और लैब के लिए 300 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की है. इसके अलावा 377 करोड़ रुपये से सर्जरी डिपार्टमेंट की एक नई बिल्डिंग के लिए स्वीकृत की है. वहीं फायर सिक्योरिटी के लिए लगभग 46 करोड़, लारी कॉर्डियोलॉजी के विस्तार के लिए 70 करोड़ रुपये दिये हैं.
सीएम योगी ने संस्थान के चिकित्सकाें को मरीजों की स्क्रीनिंग, वर्चुअल आईसीयू, टेलीमेडिसिन की सुविधा शुरू करने पर विचार करने की अपील की. उन्होंने कहा कि उपचार के लिए पैसों की कोई कमी नहीं है, इलाज में पैसा समस्या नहीं है. दिनचर्या से आज मरीजों की भीड़ बढ़ रही है. दूसरी बीमारी स्मार्ट फोन बन गई है. इसके लिए मानसिक रोग विभाग का विस्तार किया जाना चाहिये.
सीएम ने कार्डियक सर्जरी, किडनी- आर्गन ट्रांसप्लांट के साथ डोनेशन पर तेजी के साथ विस्तार करने की अपील की. बोले- इसके बारे में लोगों के मन में एक चेतन को जागृत करने की आवश्यकता है. उन्हें बताने की आवश्यकता है कि कोई व्यक्ति अगर ब्रेन डेड हो गया है और उसके अंग अगर किसी दूसरे व्यक्ति की जान को बचा सकते हैं तो डोनेट करने में क्या बुराई है. इसे लेकर केजीएमयू को अवेयरनेस कैंप, विभिन्न कार्यक्रम, होर्डिंग और पंफलेट आदि के जरिये जागरूकता की ओर ध्यान देना चाहिए.
सीएम ने कहा कि सेंटर फॉर एक्सीलेंस विभाग का पैसा खर्च नहीं हो पाता है. इस ओर ध्यान देना होगा. सीएम ने कहा कि डॉक्टरों के लिए सबसे बड़ी पूंजी उनकी संवेदना होती है. सबके निरोग होने की कल्पना के साथ डॉक्टर का व्यवहार ठीक होगा तो बाकी स्टाफ का काम और व्यवहार भी ठीक होगा. बीमारी चली जाती है, लेकिन व्यवहार याद रहता है. ऐसे में सेवा और शिक्षा दोनों फील्ड में यह मानक तय करने होंगे.
कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद ने सीएम योगी को स्मृति चिह्न भेंट किया. इस मौके पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, निदेशक आईआईटी कानपुर प्राेफेसर मणिंद्र अग्रवाल, केजीएमयू की प्रतिकुलपति प्रो. अपजित कौर, डीन प्रो. अमिता जैन आदि की उपस्थिति रहीं.
63 गोल्ड व 44 सिलवर मेडल : कुलपति ने कहा कि कुल 63 गोल्ड मेडल हैं. इसमें 34 एमबीबीएस छात्रों ने जीता है. जबकि, 29 बीडीएस छात्रों ने 44 सिलवर मेडल हैं. इसमें 19 एमबीबीएस व 25 बीडीएस छात्र- छात्राओं को सिलवर मेडल मिला. 12 स्टूडेंट्स को ब्राउंस मेडल प्राप्त हुआ हैं. छह एमबीबीएस व छह बीडीएस छात्रों को मेडल प्राप्त हुआ. इसके अलावा चार बुक प्राइस, चार कैश प्राइस, दो जानवी दत्त मेडल एवं तीन स्पोर्ट कोटे के मेडल है.
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