लखनऊ: उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण, हज और वक्फ मामलों के कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने राज्य के मदरसों और मकतबों में एटीएस (एंटी टेररिस्ट स्क्वाड) द्वारा की जा रही जांच को जरूरी करार दिया है. उन्होंने कहा कि कुछ मदरसों में संदिग्ध गतिविधियों की शिकायतें सामने आई हैं, जिनकी गहराई से जांच होनी चाहिए.
राजभर ने कहा कि मदरसा बोर्ड की मीटिंग में यह प्रस्ताव आया था कि प्रदेश के 517 मदरसों ने बोर्ड को लिखित दरखास्त दी है कि उनकी मान्यता रद्द की जाए, जिस पर बोर्ड ने अपनी सहमति जताई है. आगे की कार्रवाई तेजी से चल रही है. जल्द ही 517 मदरसों की मान्यता रद्द कर दी जाएगी. उन्होंने कहा कि इन मदरसों ने स्वयं मदरसा बोर्ड से कहा है कि हमारे पास संसाधनों का अभाव है और यही वजह है कि हम मदरसा चलाने के स्थिति में नहीं हैं. मदरसा बोर्ड ने उनको नोटिस भेजा है और सुनवाई का मौका भी दिया है सुनवाई के बाद ही उनके मान्यता को रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी.
मदरसा शिक्षा का केंद्र बनें, संदिग्ध गतिविधियां न हों: मंत्री राजभर ने कहा कि मदरसे शिक्षा का केंद्र हैं और उन्हें शिक्षा तक सीमित रहना चाहिए. यदि किसी भी मदरसे में गलत गतिविधियां होती हैं, तो यह किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएंगी. बताया कि पूर्व में सुल्तानपुर के एक मदरसे में नोट छापने वाली मशीन बरामद हुई थी, जो गंभीर चिंता का विषय है.
भारत-नेपाल सीमा पर मदरसों की फंडिंग और गतिविधियों की जांच : उन्होंने खास तौर पर भारत-नेपाल सीमा पर स्थित मदरसों का जिक्र करते हुए कहा कि बड़ी संख्या में ऐसे मदरसे बिना किसी जांच-पड़ताल के चल रहे हैं. उन्होंने दावा किया कि कुछ मदरसों को विदेश से आने वाले संदिग्ध लोगों के लिए आवास केंद्र बना दिया जाता है. ऐसे मामलों में आतंकी गतिविधियों की संभावना को नकारा नहीं जा सकता. मंत्री ने कहा, भारत-नेपाल सीमा पर चल रहे मदरसों और मकतबों की फंडिंग की गहन जांच हो रही है. साथ ही वहां रहने वाले लोगों के प्रमाण पत्र, आधार कार्ड और अन्य दस्तावेजों की भी जांच की जा रही है.
एटीएस की जांच पर बड़ा बयान : ओमप्रकाश राजभर ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि राज्य में पूर्व में हुई जांचों से कई संदिग्ध गतिविधियों के मामले सामने आए हैं. इसके चलते एटीएस को जांच का जिम्मा सौंपा गया है. कहा, आने वाले दिनों में एटीएस की जांच का परिणाम जल्द सामने आएगा और इस पर कार्रवाई होगी.
संदिग्ध फंडिंग और शिक्षा पर सवाल : मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि एटीएस की जांच से यह सामने आएगा कि मदरसों में शिक्षा पर ध्यान दिया जा रहा है या वे किसी अन्य गतिविधि का हिस्सा बन रहे हैं. जांच यह भी स्पष्ट करेगी कि मदरसों को फंडिंग कहां से मिल रही है.
सख्त कार्रवाई का संकेत : मंत्री ने कहा कि जो लोग मदरसों का इस्तेमाल शिक्षा के बजाय संदिग्ध गतिविधियों के लिए कर रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा, मदरसों को शिक्षा के केंद्र के रूप में देखा जाना चाहिए, न कि संदिग्ध गतिविधियों के अड्डे के रूप में.