कोटा. भारतीय जनता पार्टी ने कोटा-बूंदी लोकसभा सीट से एक बार फिर ओम बिरला को मौका दिया है. ओम बिरला तीसरी बार यहां से चुनावी मैदान में उतरेंगे. भाजपा की जारी की गई 195 लोगों की सूची में उन्हें भी जगह मिली है. बिरला अब तक विधानसभा और लोकसभा के लड़े पांच चुनाव में अजेय रहे हैं. इसमें तीन बार विधायक का चुनाव लड़ चुके हैं. अब वे तीसरी बार लोकसभा चुनाव लड़ेंगे.
साल 2019 में लोकसभा स्पीकर बनाकर उन्होंने पूरे भारत के लोगों को चौंका दिया था. दूसरी बार के सांसद बिरला को लोकसभा स्पीकर बनाना एक बड़ा कदम माना गया था. उन्होंने लोकसभा स्पीकर बनकर एक बड़ी लकीर राजस्थान में खींच दी थी. बिरला के बारे में कहा जाता है कि वह दिल्ली में बैठे हुए बड़े नेताओं की भी पसंद रहे हैं.
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छात्रसंघ अध्यक्ष से लेकर लोकसभा अध्यक्ष तक की दौड़: लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने स्कूल से ही राजनीति की शुरुआत कर दी थी. वह साल 1978-79 में मल्टीपरपज स्कूल में छात्रसंघ अध्यक्ष रहे. इसके बाद कॉमर्स कॉलेज में उन्होंने छात्रसंघ का चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए थे. इसके बाद 1987 से 1991 तक भारतीय जनता युवा मोर्चा कोटा के अध्यक्ष रहे. इसके अलावा 1987 से 1995 तक वे कोटा कोऑपरेटिव कंज्यूमर होलसेल भंडार लिमिटेड के अध्यक्ष रहे. साल 1993 से 1997 तक भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष और 1997 से 2003 तक राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे.
कांग्रेस के दिग्गजों को दी मात: ओम बिरला ने अब तक विधानसभा और लोकसभा के 5 चुनाव लड़े हैं. पहला चुनाव साल 2003 में उन्होंने भाजपा के टिकट पर कोटा विधानसभा सीट से लड़ा. जिसमें उन्होंने कांग्रेस के दिग्गज और कद्दावर मंत्री रहे शांति धारीवाल को पटखनी दी थी. साल 2008 में कोटा दक्षिण सीट से उन्होंने चुनाव लड़ा, जिसमें कांग्रेस के सीनियर नेता रामकिशन वर्मा को चुनाव हराया. साल 2013 के चुनाव में उन्होंने पंकज मेहता को चुनाव हराया और तीनों बार जीत का अंतर बढ़ा. इसके बाद साल 2014 में लोकसभा के लिए कोटा-बूंदी से उन्हें चुनावी मैदान में उतारा गया, जहां पर उन्होंने पूर्व सांसद इज्यराज सिंह को हराया. इसके बाद 2019 में दोबारा उन्होंने कोटा-बूंदी सीट से चुनाव लड़ा और कांग्रेस के रामनारायण मीणा को पटखनी दी. लोकसभा के चुनाव में भी उनका जीत का अंतर बढ़ा. इसके बाद में लोकसभा के स्पीकर चुने गए.
पत्नी डॉक्टर व बेटी प्रशासनिक अधिकारी: पारिवारिक पृष्ठभूमि की बात की जाए, तो बिरला का नाता मध्यमवर्गीय परिवार से था. उनके पिता श्रीकृष्ण बिरला स्टेट टैक्स विभाग में सरकारी कार्मिक और मां शकुंतला देवी ग्रहणी थी. बिरला के 6 भाई और 3 बहने हैं. उनके दो बड़े भाई राजेश कृष्ण बिरला और हरिकृष्ण बिरला सहकारी बोर्ड में अध्यक्ष भी हैं. बिरला की पत्नी अमिता बिरला पेशे से सरकारी चिकित्सक रही हैं. उनकी दो बेटियां हैं. जिनमें से बड़ी बेटी आकांशा विवाहित हैं और चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं. छोटी बेटी अंजली प्रशासनिक सेवा में है.
कंबल निधि से लेकर सुपोषित मां अभियान तक: बिरला ने कोटा में कई सामाजिक और सांस्कृतिक अभियान छेड़े हैं. जिनमें देशभक्ति से लेकर सामाजिक सरोकार के कार्यक्रम थे. बिरला की बात की जाए, तो उन्होंने कंबल निधि, सुपोषित मां अभियान, श्रमवीरों शीतल छांव, सहायक उपकरण वितरण, हॉस्पिटल ऑन व्हील, परिधान उपहार केंद्र, प्रसादम प्रोजेक्ट के जरिए भोजन, मेडिसिन बैंक प्रोजेक्ट, सीएसआर फंडिंग के जरिए वर्किंग वुमन और ग्रहणियों की मदद से मातृत्व ज्ञान केंद्र, मजदूरों के लिए रैन बसेरा संचालित करना जैसे अभियान चलाए. उन्होंने कोटा में तिरंगा यात्राएं, सीनियर सिटीजन और रिटायर्ड लोगों का सम्मान समारोह, पौधारोपण के लिए ग्रीन कोटा कैंपेन भी उन्होंने चलाया.
पीएम मोदी भी कर चुके हैं सदन संचालन पर बिरला की तारीफ: बिरला जून 2019 में 17वीं लोकसभा के अध्यक्ष बने थे. लगभग सभी दलों ने सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुना गया था. कई राजनीतिक दलों ने बिरला को सदन का नेता चुनने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्ताव का समर्थन किया था. स्पीकर बनने के बाद लोकसभा के संचालन में बिरला की सब तरफ से तारीफ हुई है. उनके स्पीकर रहते कई महत्वपूर्ण बिल पास हुए हैं. साथ ही लोकसभा में उत्पादकता भी बढ़ी है. पहली बार के सांसद, महिला व युवा सांसदों को भी सवाल पूछने और बात रखने का पूरा मौका दिया गया. यहां तक की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बिरला की सराहना की थी.