रांची: चुनाव में ड्यूटी करने अधिकारियों को भी परीक्षा पास करनी होती है. यह सुनकर आपको अटपटा जरूर लगेगा मगर यह हकीकत है. शनिवार को चुनाव आयोग द्वारा आयोजित ईवीएम की एफएलसी वर्कशॉप के अंत में राज्य के सभी जिलों से आए निर्वाचन पदाधिकारी और उप निर्वाचन पदाधिकारियों को 25 प्रश्नों का लिखित उत्तर देना पड़ा, जिसके बाद उन्हें चुनाव आयोग के द्वारा उन्हें सर्टिफिकेट भी मुहैया कराया गया.
प्रावधान के तहत इस परीक्षा में यदि कोई असफल रहते हैं या भाग नहीं ले पाते हैं तो उन्हें दूसरी बार देश के किसी राज्य में इस तरह के एफएलसी ट्रेनिंग प्रोग्राम में भाग लेकर क्वालीफाई करना होगा. इसी के तहत रांची के एटीआई में आयोजित ईवीएम की फस्ट लेवल चेकिंग यानी एफएलसी वर्कशॉप में हरियाणा के चार जिला निर्वाचन पदाधिकारी भी शामिल हुए. दरअसल झारखंड में आने वाले समय में संभावित विधानसभा चुनाव को लेकर यह कवायद चुनाव आयोग द्वारा शनिवार 3 अगस्त को की गई जिसमें भारत निर्वाचन आयोग के पदाधिकारी के अलावे मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सहित कई पदाधिकारी मौजूद थे.
ईवीएम और वीवीपैट की तकनीकी और प्रशासनिक सुरक्षा पर हुई चर्चा
दिन भर चले इस कार्यशाला में पदाधिकारी को एवं ईवीएम-वीवीपैट की तकनीकी और प्रशासनिक सुरक्षा, प्रथम स्तरीय निरीक्षण की प्रक्रिया और इससे संबंधित किसी तरह के जिज्ञासा को समाधान करने का प्रयास किया गया. कई सत्रों में आयोजित इस कार्यशाला में विशेषज्ञों द्वारा विस्तार से ईवीएम एवं वीवीपीएटी के रखरखाव के दौरान स्ट्रांग रूम की सुरक्षा एवं राजनीतिक दलों के साथ संवाद स्थापित करने पर चर्चा की गई.
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