मसौढ़ी: राजधानी पटना के मसौढ़ी स्थित सीडीपीओ कार्यालय में पोषण संकल्प कार्यक्रम आयोजित किया गया था. जहां महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा सभी आंगनबाड़ी सेविका सहायिकाओं को कुपोषण दूर भगाने का संकल्प दिलाया गया. इसके साथ ही जागरूकता अभियान चलाने की बात कही गई.
कुपोषण पर लगाम लगाने की कोशिश: मिली जानकारी के अनुसार, राज्य में बढ़ते कुपोषण के मामलों पर लगाम लगाने के लिए प्रशासन और सरकार द्वारा लगातार अलग-अलग अभियान चलाए जा रहे है. इसी क्रम में गुरुवार को मसौढ़ी के सीडीपीओ कार्यालय में सभी आंगनबाड़ी सेविका सहायिकाओं द्वारा पोषण संकल्प अभियान चलाकर संकल्प लिया गया कि गांव-गांव में कुपोषण को मात देकर समाज में लोगों को सुपोषण के प्रति जागरूक करेंगे.
सुपोषण की दी जा रही जानकारी: सभी ने कहा कि सुपोषण सभी बच्चों के लिए जरूरी है. इसलिए शहरी क्षेत्र के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी सुपोषण की जानकारी और कुपोषण के दुष्प्रभाव से लोगों को अवगत कराना आवश्यक है. कुपोषण दूर करने का आंगनबाड़ी कार्यकर्ता प्रमुख जरिया है, जो निरंतर कड़ी मेहनत के साथ कार्य करते रहती है.
पौष्टिक आहार भोजन जरूरी: सुपोषण के पंच पुत्र को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि पोषण के पहले सुनहरे 3 वर्ष नवजात शिशु के लिए महत्वपूर्ण होते है. इसमें बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास होता है. इस दौरान पौष्टिक आहार लेना, एनीमिया पर रोकथाम और साफ सफाई जरूरी है. पौष्टिक आहार भोजन में विटामिन सी युक्त आहार लेना सबसे बेहतर होता है.
"भारत सरकार एक महत्वपूर्ण अभियान चला रही है जिसका नाम पोषण अभियान है. इसके तहत गांव स्तर पर कुपोषण में कमी लाने की कोशिश की जा रही है. इसको लेकर सभी आंगनबाड़ी सेविका-सहायिकाओं को संकल्प दिलाया जा रहा कि वह गांव-गांव जाकर कुपोषण के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाए." - मोनिका भारती, सुपरवाइजर, सीडीपीओ कार्यालय
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