जयपुर. प्रदेश के युवा बेरोजगारों ने नियुक्ति देने की मांग को लेकर शनिवार को प्रदेश के मुखिया भजनलाल शर्मा को खून से ज्ञापन लिखा. पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने स्वास्थ्य महकमे में 8 कैडर पर भर्ती निकाली थी, लेकिन इनमें से एक भी पद पर नियुक्ति नहीं हुई. ऐसे में अब नई सरकार से नर्सिंग ऑफिसर और पैरामेडिकल के भर्तियों को उम्मीद है. ऐसे में अंतिम वरीयता सूची जारी करने की मांग को लेकर अभ्यर्थियों ने राजस्थान स्वास्थ्य व परिवार कल्याण संस्थान (शिफू) के बाहर डेरा डाला दिया है.
प्रदेश में चिकित्सा महकमे को मजबूत करने के लिए मैनपावर की जरूरत है. इसी को देखते हुए पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने नर्सिंग ऑफिसर और पैरामेडिकल के 20 हजार से ज्यादा पदों पर सीधी भर्ती प्रक्रिया शुरू करने का ऐलान किया था. इसके तहत नर्सिंग ऑफिसर के 8750, महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के 4847, सहायक रेडियोग्राफर के 1178, लैब टेक्नीशियन के 2190, नेत्र सहायक के 117, डेंटल टेक्निशियन के 151, ईसीजी टेक्निशियन के 246 और फार्मासिस्ट के 3067 पदों पर भर्ती होनी थी. फार्मासिस्ट को छोड़कर बाकी पदों पर प्रोविजनल सूची भी जारी की गई, लेकिन भर्ती एक भी पद पर नहीं हो सकी. इसको लेकर अभ्यर्थियों में सरकार के प्रति रोष देखने को मिला.
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अभ्यर्थियों ने बताया कि कांग्रेस सरकार ने उनके साथ धोखा किया, जिसका खामियाजा उन्हें विधानसभा चुनाव में भुगतना पड़ा है. अब उन्हें नई सरकार से उम्मीद है कि वो उनकी सुनवाई करेगी. हालांकि 3 दिन से वो राजस्थान स्वास्थ्य व परिवार कल्याण संस्थान के बाहर बैठे हैं, लेकिन अब तक एक भी अधिकारी या जनप्रतिनिधि उनसे मुलाकात करने के लिए नहीं आया. ऐसे में अब उन्होंने मुख्यमंत्री का ध्यान आकर्षित करने के लिए शिफू के बाहर ही हनुमान चालीसा का पाठ और सीएम के नाम खून से ज्ञापन लिखा है.
उन्होंने अपनी मांग को स्पष्ट करते हुए कहा कि वर्षों से लगे संविदा कर्मचारियों को सरकार नियमित रोजगार का तोहफा दे. साथ ही जल्द से जल्द नर्सिंग ऑफिसर और सभी पैरामेडिकल की भर्तियों की अंतिम वरीयता सूची जारी की जाए.