कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में बरसात का आगाज हो चुका है और कई जिलों में बारिश भी हो रही है. ऐसे में बरसात के मौसम का हिमाचल के पर्यटन कारोबार पर भी असर देखने को मिल रहा है. हालांकि हिमाचल प्रदेश के विभिन्न पर्यटन स्थलों पर जनवरी से लेकर जून माह तक लाखों की संख्या में सैलानी आए, लेकिन जुलाई माह के शुरू होते ही पर्यटन कारोबार एकदम से मंदा पड़ गया.
जिला कुल्लू की अगर बात करें तो यहां पर सभी पर्यटन स्थल सूने चल रहे हैं. पर्यटन मनाली में भी 500 से कम पर्यटक वाहन यहां पहुंच रहे हैं और रोहतांग दर्रा भी इन दिनों खाली पड़ा हुआ है. ऐसे में बरसात के चलते अब अगले दो माह तक पर्यटन कारोबार मंदा रहेगा. जिला कुल्लू की अगर बात करें तो यहां पर इन दिनों सभी होटल सैलानियों के बिना सूने पड़े हुए हैं. हालांकि जून माह में होटल की ऑक्यूपेंसी 100% थी, लेकिन जुलाई माह में यह ऑक्यूपेंसी अब 20% ही रह गई है. ऐसे में अब कई होटल संचालकों ने अपने स्टाफ को छुट्टी पर भी भेज दिया है. बरसात का मौसम खत्म होने के बाद फिर से स्टाफ को होटल में बुलाया जाएगा.
होटल कारोबारियों को उम्मीद है कि सितंबर माह में सैलानी फिर से पहाड़ों का रुख करेंगे, जिससे घाटी के पर्यटन कारोबार को तेजी मिलेगी. कुल्लू की अगर बात करें तो जनवरी से जून माह तक 19 लाख 67 हजार से अधिक सैलानी देश के अलग अलग राज्यों से यहां घूमने के लिए आए हैं. इसके अलावा 5 हजार 114 विदेशी सैलानियों ने भी मनाली, मणिकर्ण, बंजार का रुख किया हैं. जिला कुल्लू की आबादी 5 लाख के करीब हैं और मात्र 6 माह में 4 गुना सैलानियों के आने से यहां की ग्रामीण आर्थिकी को भी मजबूती मिली है. सितंबर माह के शुरू होने पर पहाड़ों पर बर्फबारी के साथ ठंड पड़नी शुरू हो जाती हैं. ऐसे में अब पर्यटन कारोबारियों को उम्मीद है कि बर्फबारी का मजा लेने के लिए सैलानी फिर से कुल्लू मनाली का रुख करेंगे.
होटल एसोसिएशन मनाली के अध्यक्ष मुकेश ठाकुर ने बताया कि इन दिनों मनाली में होटल में ऑक्यूपेंसी की दर 20% चल रही है. बरसात के मौसम को देखते हुए मौसम विभाग की तरफ से बार-बार अलर्ट जारी किया जा रहा है, जिसके चलते सैलानी भी पहाड़ों का रुख करने से डर रहे हैं. अब होटल कारोबारी को उम्मीद है की बरसात का मौसम खत्म होने के बाद सैलानी फिर से यहां आएंगे, जिससे यहां का पर्यटन कारोबार एक बार फिर से चमक उठेगा.