भरतपुर. पर्यावरणविदों के लिए खुशखबरी है. इस बार केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में सारसों की संख्या में लगातार दूसरे वर्ष इजाफा हुआ है. गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष घना में 25 फीसदी यानी 3 सारस अधिक पाई गई हैं. वहीं पूरे जिले में कुल 143 सारस नजर आए हैं. शुक्रवार को हुई 41वीं सारस गणना में कुल 17 टीमों ने घना समेत पूरे जिले में सारस गणना की. हालांकि पूरे जिले में सारस की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है, लेकिन घना में लगातार दूसरे वर्ष सारस की संख्या में वृद्धि दर्ज की गई है, जो कि अच्छे संकेत हैं.
यहां इतने सारस मिले : वन विभाग और घना केवलादेव नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी भरतपुर की ओर से शुक्रवार को 41वीं सारस गणना की गई. इस बार सारस गणना के लिए जिले को 17 जोन में विभाजित किया गया. प्रत्येक टीम में 3 से 4 लोग शामिल थे, जिनमें 300 विद्यार्थियों को भी शामिल किया गया. जिले की डीग और भरतपुर में हुई सारस गणना में नोनेरा एरिया में 91, केतल गेट उत्तर प्रदेश बॉर्डर एरिया में 25, तुहिया 3, रूपवास 2, घना के बाहर एरिया में 7 और केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में 15 सारस मिले. यानी जिले में कुल 143 सारस पाए गए.
वर्ष | घना में | जिला में | |
2022 | 8 | 73 | |
2023 | 12 | 185 | |
2024 | 15 | 143 |
जिले में घट गए सारस, घना में बढ़ गए : जिले में वर्ष 2023 में कुल 185 सारस मिले थे. ऐसे में इस बार गत वर्ष की तुलना में 42 सारस कम मिले हैं. गत वर्ष घना में 12 सारस मिले थे, जबकि इस बार ये बढ़कर 15 हो गए. इससे साफ जाहिर है कि सारस को घना की आबोहवा रास आ रही है.
केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के डीएफओ मानस सिंह ने बताया कि सरस गणना का उद्देश्य लोगों को वन्यजीव संरक्षण से जोड़ना है. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में लगातार दूसरे वर्ष सारस की संख्या में वृद्धि दर्ज की गई है, जो कि पक्षी प्रेमियों के लिए अच्छे संकेत हैं. केवलादेव घना की आबोहवा, यहां का हैविटाट सारस को रास आ रहा है.