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रुड़की सिविल अस्पताल में बढ़ी हेपेटाइटिस सी के मरीजों की संख्या, पड़ोसी राज्य से पहुंच रहे लोग - Hepatitis C patients increased

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 4, 2024, 1:36 PM IST

Roorkee Civil Hospital Hepatitis C patients increased रुड़की सिविल अस्पताल में हेपेटाइटिस-सी के मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. यूपी के सहारनपुर, मुजफ्फरनगर समेत अन्य जगहों से यहां मरीज दवाई लेने के लिए पहुंच रहे हैं.

Patients arriving for treatment at Roorkee Civil Hospital
रुड़की सिविल अस्पताल में इलाज के लिए पहुंच रहे मरीज (Photo- ETV Bharat)
हेपेटाइटिस सी के मरीजों की बढ़ी संख्या (Video- ETV Bharat)

रुड़की: प्रदेश में इस समय काला पीलिया यानी कि हेपेटाइटिस-सी तेजी से फैल रहा है. जिस कारण रुड़की सिविल अस्पताल में पिछले चार माह में 120 मरीजों में काला पीलिया यानि हेपेटाइटिस-सी पाया गया है. वहीं इस बीमारी की गंभीरता को देखते हुए सभी मरीजों को अस्पताल में हेपेटाइटिस-सी का इलाज मिल रहा है, वहीं रुड़की अस्पताल में उत्तर प्रदेश के सहारनपुर, मुजफ्फरनगर व अन्य जिलों के मरीज भी बड़ी संख्या में काला पीलिया का इलाज कराने के लिए पहुंच रहे हैं.

बताया गया है कि इस बीमारी की दवाई अगर निजी हॉस्पिटल या मेडिकल स्टोर से खरीदी जाए तो वह काफी महंगी होती है. यही वजह है कि ज्यादातर मरीज सिविल अस्पताल पहुंच रहे हैं. जानकारी के मुताबिक हेपेटाइटिस-सी (HEPATITIS- C) की बीमारी का इलाज अगर समय पर ना कराया जाए तो यह बीमारी एक भयंकर मोड़ ले लेती है और मरीज का बचना मुश्किल हो जाता है. हालांकि इन दिनों हेपेटाइटिस-सी (HEPATITIS- C) के मरीजों में काफी संख्या में बढ़ोतरी देखी जा रही है.

पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के सहारनपुर, मुजफ्फरनगर समेत अन्य जगहों से भी रुड़की के सिविल अस्पताल में दवाई लेने के लिए मरीज पहुंच रहे हैं. वहीं इस भयंकर बीमारी को लेकर रुड़की सिविल अस्पताल के कार्यवाहक सीएमएस ऐके मिश्रा ने बताया कि काला पीलिया यानि हेपेटाइटिस-सी (HEPATITIS- C) का नाम सुनकर हर कोई चौंक जाता है. क्योंकि यह ऐसी गंभीर बीमारी है, पहले अस्पतालों में इस बीमारी की दवाइयां नहीं मिल पाती थी, हालांकि अस्पताल में इस रोग की दवाइयां अभी भी मौजूद नहीं होती हैं.

जब कोई मरीज दवाई लेने के लिए अस्पताल आता है तो पहले मरीज का रजिस्ट्रेशन होता है, जिसके बाद दवाई का कोर्स ऑर्डर पर मंगवाया जाता है.उसके तीन महीने बाद मरीज को दवाई दी जाती है, क्योंकि इस भयंकर बीमारी का तीन महीने का कोर्स होता है, कार्यवाहक सीएमएस मिश्रा ने बताया कि काला पीलिया फैलने का कारण ब्लड ट्रांजेक्शन का कारण भी हो सकता है, साथ ही इसका इंफेक्शन की सिरीज में लगी सुई भी हो सकती है. उनका कहना है कि इस इंफेक्शन की वजह सेक्सुअल कॉन्टेक्ट भी हो सकता है.

उन्होंने बताया कि काला पीलिया यानि हेपेटाइटिस-सी का समय पर इलाज ना होने के कारण रोगी का लीवर खराब होने लगता है, रोग की अनदेखी करने पर बीमारी बड़ी लाइलाज रूप ले लेती है. यह एक तरह से लीवर का संक्रमण है लेकिन अस्पताल में इसका इलाज मिल रहा है. साथ ही उन्होंने बताया कि अस्पताल में पिछले चार माह में 120 मरीज हेपेटाइटिस-सी के आए हैं, जोकि आसपास क्षेत्रों के साथ साथ अन्य जिलों से मरीजों के आने से इस बीमारी के रोगियों में इजाफा हुआ है.

पढ़ें-विकासनगर में जलजनित बीमारियों ने पसारे पैर, टाइफाइड के मरीजों की संख्या ज्यादा

हेपेटाइटिस सी के मरीजों की बढ़ी संख्या (Video- ETV Bharat)

रुड़की: प्रदेश में इस समय काला पीलिया यानी कि हेपेटाइटिस-सी तेजी से फैल रहा है. जिस कारण रुड़की सिविल अस्पताल में पिछले चार माह में 120 मरीजों में काला पीलिया यानि हेपेटाइटिस-सी पाया गया है. वहीं इस बीमारी की गंभीरता को देखते हुए सभी मरीजों को अस्पताल में हेपेटाइटिस-सी का इलाज मिल रहा है, वहीं रुड़की अस्पताल में उत्तर प्रदेश के सहारनपुर, मुजफ्फरनगर व अन्य जिलों के मरीज भी बड़ी संख्या में काला पीलिया का इलाज कराने के लिए पहुंच रहे हैं.

बताया गया है कि इस बीमारी की दवाई अगर निजी हॉस्पिटल या मेडिकल स्टोर से खरीदी जाए तो वह काफी महंगी होती है. यही वजह है कि ज्यादातर मरीज सिविल अस्पताल पहुंच रहे हैं. जानकारी के मुताबिक हेपेटाइटिस-सी (HEPATITIS- C) की बीमारी का इलाज अगर समय पर ना कराया जाए तो यह बीमारी एक भयंकर मोड़ ले लेती है और मरीज का बचना मुश्किल हो जाता है. हालांकि इन दिनों हेपेटाइटिस-सी (HEPATITIS- C) के मरीजों में काफी संख्या में बढ़ोतरी देखी जा रही है.

पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के सहारनपुर, मुजफ्फरनगर समेत अन्य जगहों से भी रुड़की के सिविल अस्पताल में दवाई लेने के लिए मरीज पहुंच रहे हैं. वहीं इस भयंकर बीमारी को लेकर रुड़की सिविल अस्पताल के कार्यवाहक सीएमएस ऐके मिश्रा ने बताया कि काला पीलिया यानि हेपेटाइटिस-सी (HEPATITIS- C) का नाम सुनकर हर कोई चौंक जाता है. क्योंकि यह ऐसी गंभीर बीमारी है, पहले अस्पतालों में इस बीमारी की दवाइयां नहीं मिल पाती थी, हालांकि अस्पताल में इस रोग की दवाइयां अभी भी मौजूद नहीं होती हैं.

जब कोई मरीज दवाई लेने के लिए अस्पताल आता है तो पहले मरीज का रजिस्ट्रेशन होता है, जिसके बाद दवाई का कोर्स ऑर्डर पर मंगवाया जाता है.उसके तीन महीने बाद मरीज को दवाई दी जाती है, क्योंकि इस भयंकर बीमारी का तीन महीने का कोर्स होता है, कार्यवाहक सीएमएस मिश्रा ने बताया कि काला पीलिया फैलने का कारण ब्लड ट्रांजेक्शन का कारण भी हो सकता है, साथ ही इसका इंफेक्शन की सिरीज में लगी सुई भी हो सकती है. उनका कहना है कि इस इंफेक्शन की वजह सेक्सुअल कॉन्टेक्ट भी हो सकता है.

उन्होंने बताया कि काला पीलिया यानि हेपेटाइटिस-सी का समय पर इलाज ना होने के कारण रोगी का लीवर खराब होने लगता है, रोग की अनदेखी करने पर बीमारी बड़ी लाइलाज रूप ले लेती है. यह एक तरह से लीवर का संक्रमण है लेकिन अस्पताल में इसका इलाज मिल रहा है. साथ ही उन्होंने बताया कि अस्पताल में पिछले चार माह में 120 मरीज हेपेटाइटिस-सी के आए हैं, जोकि आसपास क्षेत्रों के साथ साथ अन्य जिलों से मरीजों के आने से इस बीमारी के रोगियों में इजाफा हुआ है.

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