नूंह: एंटीकरप्शन ब्यूरो ने बीती 6 फरवरी को शैक्षणिक जांच की क्लीन चिट देने के मामले में ग्राम पंचायत करहेड़ा के ग्राम सचिव हसीन को तीन लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा था. आरोपी हसीन को एक दिन की पुलिस रिमांड के बाद अदालत में पेश किया गया, जहां अदालत ने हसीन को 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. एसीबी के हाथ आए सबूत के आधार पर जांच की सुई अब एसडीएम की ओर घूम गई है. इसको लेकर एसडीएम फिरोजपुर झिरका के खिलाफ भी मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी गई है.
इसी संदर्भ में उपमंडल अधिकारी के स्टेनो कर्मी के साथ ग्राम सचिव हसीन और सरपंच के साथ हुई चैट सामने आई है, जिसके आधार पर एसीबी उसे भी सह आरोपी बनाकर उसकी सरगर्मी से तलाश कर रही है. केस में शिकायत सामने आ रही है कि रुपए के लेनदेन के साथ-साथ क्षेत्र में कई एकड़ भूमि जो वक्फ बोर्ड की है, गुरुग्राम के एक प्रॉपर्टी डीलर के नाम की गई. ऐसी शिकायतों को लेकर भी एसीबी ने जांच शुरू कर दी है.
स्टेनो के कमरे में कई दिनों से लटका ताला : वहीं, एसीबी द्वारा लगातार दबीश देने के बावजूद भी सह आरोपी कर्मचारी पुलिस गिरफ्त से बाहर है. जिसके पकड़े जाने के बाद कई मामले सामने आ सकते हैं. एसीबी की दबिश के चलते उप मंडल अधिकारी के कार्यालय के परिसर में स्थित स्टेनो के कमरे में कई दिनों से ताला लटका हुआ है. इसके चलते लोगों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.
क्या है मामला : करहेडा गांव के सरपंच की मार्कशीट का मामला एसडीएम कार्यालय फिरोजपुर झिरका में विचाराधीन था. एसीबी के अनुसार, सरपंच ने कार्यालय में तैनात एक कर्मचारी के माध्यम से रिपोर्ट अपने पक्ष में करवाने की ऐवज में बात की. मामला चार लाख रुपए में तय हो जाता है. जैसे ही उपमंडल अधिकारी का यहां से तबादला होता है तो एसडीएम कार्यालय मैं तैनात कर्मचारी द्वारा सचिव को चैट कर शैक्षणिक जांच प्रमाण पत्र में क्लीन चिट देने के मामले में कार्यालय में बुलाया जाता है. इस बीच एसीबी गुरुग्राम की टीम ने मौके पर ही आरोपी हसीन को पैसे सहित धर दबोचा. एसीबी की गिरफ्तारी के बाद से विभाग के कार्यालय में तैनात उप कर्मचारी के कमरे पर ताला लटका हुआ है, जो लगभग एक सप्ताह से भूमिगत है.
एसडीएम पर शक की सुई : एसीबी पुलिस रिमांड के दौरान आरोपी ने कबूल किया कि ये पैसे फर्जी दस्तावेज को बदलवाने के एवज में देने थे. इस हाई- प्रोफाइल मामले की जांच के घेरे में अब एसडीएम के ऊपर भी सुई घूम गई है. जिसको लेकर एसीबी द्वारा एफआईआर नंबर तीन दर्ज की गई है. जब तक पुलिस की गिरफ्त में एसडीएम कार्यालय का आरोपी कर्मचारी नहीं आ जाता, तब तक इस मामले में एसीबी के हाथ खाली दिखाई दे रहे हैं.
इसे भी पढ़ें : 3 लाख की रिश्वत लेते ग्राम सचिव गिरफ्तार, सरपंच के शैक्षणिक दस्तावेजों के लिए मांगी थी घूस