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गैर मान्यता स्कूलों के खिलाफ NSUI का हल्ला बोल,18 जून तक बंद करने की चेतावनी - NSUI warned District Education Officer - NSUI WARNED DISTRICT EDUCATION OFFICER

NSUI warned District Education Officer रायपुर के टैगोर नगर स्थित जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में शुक्रवार को एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने काली पट्टी बांधकर जमकर प्रदर्शन किया. शिक्षा विभाग सहित शिक्षा मंत्री के विरोध में नारे भी लगाए गए.NSUI Protest against unrecognized schools

NSUI warned District Education Officer
गैर मान्यता स्कूलों के खिलाफ NSUI का हल्ला बोल (ETV Bharat Chhattisgarh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jun 7, 2024, 4:10 PM IST

Updated : Jun 7, 2024, 4:43 PM IST

रायपुर : एनएसयूआई ने जिला शिक्षाधिकारी दफ्तर में जमकर हंगामा किया. एनएसयूआई का कहना है कि राजधानी रायपुर में सैकड़ों प्राइवेट स्कूल गैर मान्यता प्राप्त है. कई ऐसे स्कूल हैं जिन्हें मान्यता नहीं मिली है. ऐसे में इन स्कूलों को बंद किया जाए और मान्यता दी जाए. 18 जून तक अल्टीमेटम देते हुए एनएसयूआई ने कहा है कि 18 जून तक अगर जिला शिक्षा विभाग के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जाती है. तो आने वाले दिनों में एनएसयूआई सड़क से लेकर कोर्ट की लड़ाई लड़ेंगे.

गैर मान्यता स्कूलों के खिलाफ NSUI का हल्ला बोल (ETV Bharat Chhattisgarh)
स्कूल बन गए कमाई का अड्डा : एनएसयूआई के प्रभारी महामंत्री हेमंत पाल ने बताया कि "राजधानी में कई प्राइवेट स्कूल ऐसे हैं जो किराए का मकान लेकर नियमों को ताक पर रखकर संचालित हो रहे हैं.इन स्कूलों को मान्यता भी नहीं मिली है. प्राइवेट स्कूल किराए के मकान में संचालित हो रहे हैं. एक-एक बच्चों की सालाना फीस 60 से 70 हजार रुपए है. जबकि स्कूल बिना प्रॉफिट और बिना लॉस के चलना चाहिए. ऐसे सभी स्कूल केवल प्रॉफिट में चल रहे हैं,लॉस में कोई स्कूल नहीं है.

''एनएसयूआई जब भी इस मुद्दे को लेकर जिला शिक्षा विभाग में जिला शिक्षा अधिकारी से मुलाकात करता है तो उन्हें अधिकारियों के साथ बैठक का हवाला देकर ज्ञापन लेकर वापस भेज दिया जाता है. 18 जून को प्रदेश में स्कूल भी खुल जाएंगे. कई ऐसे स्कूल हैं जो जिन्हें मान्यता नहीं मिली है. वे बच्चों का एडमिशन प्रक्रिया भी शुरू कर दिए हैं. ऐसे स्कूलों पर आखिर शिक्षा विभाग क्यों करवाई नहीं कर रहा है.'' हेमंत पाल, प्रभारी महामंत्री,NSUI

NSUI करेगी उग्र प्रदर्शन : NSUI के प्रभारी महामंत्री ने बताया कि जिन स्कूलों को मान्यता नहीं मिली है. स्कूल प्रबंधन का कहना है कि पिछले 9 सालों से मान्यता के लिए शिक्षा विभाग के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन शिक्षा विभाग के द्वारा उन्हें मान्यता नहीं दी जा रही है. ऐसे में यदि शिक्षा विभाग के द्वारा 18 जून के पहले गैर मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों को बंद नहीं करती है तो आने वाले दिनों में NSUI स्कूलों में तालाबंदी करेगी. सड़क से लेकर जेल तक लड़ाई लड़ने को तैयार है.


इस दौरान कांग्रेस नेता विकास तिवारी ने भी शिक्षा को लेकर सवाल उठाए. विकास तिवारी ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में शिक्षा अधिनियम के तहत सरकारी और गैर सरकारी स्कूल खोल सकते हैं.लेकिन प्राइवेट स्कूल शिक्षा अधिनियम की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं. कांग्रेस सरकार ने गरीब और असहाय बच्चों को निशुल्क शिक्षा मिले इसके लिए शिक्षा अधिनियम 2009 बनाया. लेकिन रायपुर के जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय नियमों की अनदेखी कर रहा है.

''रायपुर में मान्यता प्राप्त स्कूलों की संख्या 896 हैं और गैर मान्यता प्राप्त स्कूल की संख्या लगभग 400 के आसपास है. जो हर गली मोहल्ले में संचालित हो रहे हैं. ऐसे स्कूलों का यू डायस का नंबर भी नही है. जिला शिक्षा अधिकारी और प्राइवेट स्कूल वाले स्कूल खोलकर शिक्षा को अपना धंधा बनाकर रखे हुए हैं. जितने भी फर्जी स्कूल चल रहे हैं उन्हें या तो मान्यता दिया जाए या फिर उन्हें बंद किया जाए." विकास तिवारी,कांग्रेस नेता

वहीं इस पूरे मामले में जिला शिक्षा अधिकारी विजय खंडेलवाल ने कहा कि एनएसयूआई की तरफ से गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों को बंद करने और मान्यता दिए जाने को लेकर ज्ञापन दिया गया है. जिसमें राजधानी में चलने वाले नर्सरी और प्ले स्कूल के बारे में कार्रवाई को लेकर ज्ञापन दिया गया है. इस मामले में हम अधिकारियों से बैठक में चर्चा कर उचित निर्णय लेकर कार्रवाई करेंगे.


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रायपुर : एनएसयूआई ने जिला शिक्षाधिकारी दफ्तर में जमकर हंगामा किया. एनएसयूआई का कहना है कि राजधानी रायपुर में सैकड़ों प्राइवेट स्कूल गैर मान्यता प्राप्त है. कई ऐसे स्कूल हैं जिन्हें मान्यता नहीं मिली है. ऐसे में इन स्कूलों को बंद किया जाए और मान्यता दी जाए. 18 जून तक अल्टीमेटम देते हुए एनएसयूआई ने कहा है कि 18 जून तक अगर जिला शिक्षा विभाग के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जाती है. तो आने वाले दिनों में एनएसयूआई सड़क से लेकर कोर्ट की लड़ाई लड़ेंगे.

गैर मान्यता स्कूलों के खिलाफ NSUI का हल्ला बोल (ETV Bharat Chhattisgarh)
स्कूल बन गए कमाई का अड्डा : एनएसयूआई के प्रभारी महामंत्री हेमंत पाल ने बताया कि "राजधानी में कई प्राइवेट स्कूल ऐसे हैं जो किराए का मकान लेकर नियमों को ताक पर रखकर संचालित हो रहे हैं.इन स्कूलों को मान्यता भी नहीं मिली है. प्राइवेट स्कूल किराए के मकान में संचालित हो रहे हैं. एक-एक बच्चों की सालाना फीस 60 से 70 हजार रुपए है. जबकि स्कूल बिना प्रॉफिट और बिना लॉस के चलना चाहिए. ऐसे सभी स्कूल केवल प्रॉफिट में चल रहे हैं,लॉस में कोई स्कूल नहीं है.

''एनएसयूआई जब भी इस मुद्दे को लेकर जिला शिक्षा विभाग में जिला शिक्षा अधिकारी से मुलाकात करता है तो उन्हें अधिकारियों के साथ बैठक का हवाला देकर ज्ञापन लेकर वापस भेज दिया जाता है. 18 जून को प्रदेश में स्कूल भी खुल जाएंगे. कई ऐसे स्कूल हैं जो जिन्हें मान्यता नहीं मिली है. वे बच्चों का एडमिशन प्रक्रिया भी शुरू कर दिए हैं. ऐसे स्कूलों पर आखिर शिक्षा विभाग क्यों करवाई नहीं कर रहा है.'' हेमंत पाल, प्रभारी महामंत्री,NSUI

NSUI करेगी उग्र प्रदर्शन : NSUI के प्रभारी महामंत्री ने बताया कि जिन स्कूलों को मान्यता नहीं मिली है. स्कूल प्रबंधन का कहना है कि पिछले 9 सालों से मान्यता के लिए शिक्षा विभाग के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन शिक्षा विभाग के द्वारा उन्हें मान्यता नहीं दी जा रही है. ऐसे में यदि शिक्षा विभाग के द्वारा 18 जून के पहले गैर मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों को बंद नहीं करती है तो आने वाले दिनों में NSUI स्कूलों में तालाबंदी करेगी. सड़क से लेकर जेल तक लड़ाई लड़ने को तैयार है.


इस दौरान कांग्रेस नेता विकास तिवारी ने भी शिक्षा को लेकर सवाल उठाए. विकास तिवारी ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में शिक्षा अधिनियम के तहत सरकारी और गैर सरकारी स्कूल खोल सकते हैं.लेकिन प्राइवेट स्कूल शिक्षा अधिनियम की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं. कांग्रेस सरकार ने गरीब और असहाय बच्चों को निशुल्क शिक्षा मिले इसके लिए शिक्षा अधिनियम 2009 बनाया. लेकिन रायपुर के जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय नियमों की अनदेखी कर रहा है.

''रायपुर में मान्यता प्राप्त स्कूलों की संख्या 896 हैं और गैर मान्यता प्राप्त स्कूल की संख्या लगभग 400 के आसपास है. जो हर गली मोहल्ले में संचालित हो रहे हैं. ऐसे स्कूलों का यू डायस का नंबर भी नही है. जिला शिक्षा अधिकारी और प्राइवेट स्कूल वाले स्कूल खोलकर शिक्षा को अपना धंधा बनाकर रखे हुए हैं. जितने भी फर्जी स्कूल चल रहे हैं उन्हें या तो मान्यता दिया जाए या फिर उन्हें बंद किया जाए." विकास तिवारी,कांग्रेस नेता

वहीं इस पूरे मामले में जिला शिक्षा अधिकारी विजय खंडेलवाल ने कहा कि एनएसयूआई की तरफ से गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों को बंद करने और मान्यता दिए जाने को लेकर ज्ञापन दिया गया है. जिसमें राजधानी में चलने वाले नर्सरी और प्ले स्कूल के बारे में कार्रवाई को लेकर ज्ञापन दिया गया है. इस मामले में हम अधिकारियों से बैठक में चर्चा कर उचित निर्णय लेकर कार्रवाई करेंगे.


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Last Updated : Jun 7, 2024, 4:43 PM IST

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