जयपुर. जो लोग कांग्रेस छोड़कर जा रहे हैं, वो बड़े व्यापारी हैं या फिर उनकी मजबूरी है कि वो ईडी-सीबीआई से डरकर भाग रहे हैं. अगर ऐसा नहीं है तो फिर वो अपने बच्चों को पार्टी में एडजस्ट करते हुए लोकसभा और राज्यसभा की सीट के लिए भाग रहे हैं, लेकिन जो किसान परिवार का नौजवान साथी है, वो एनएसयूआई के साथ आ रहा है. ये बातें शनिवार को जयपुर पहुंचे एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी ने राजस्थान यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष निर्मल चौधरी को एनएसयूआई की सदस्यता ग्रहण कराने के बाद कही. साथ ही उन्होने आगे बताया कि अब राहुल गांधी की न्याय यात्रा के साथ 2019 से 2022 के बीच सेना में चयनित हुए डेढ़ लाख युवाओं को नियुक्ति दिलाने की मांग और अग्निपथ योजना को बंद कराने को लेकर 'जय जवान : अन्याय के विरुद्ध न्याय का युद्ध' कैंपेन चलाया जा रहा है.
अग्निपथ योजना को बंद करने की मांग : एनएसयूआई ने केंद्र की मोदी सरकार पर सेना को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए अग्निपथ योजना को बंद करने के खिलाफ आवाज बुलंद की है. एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी ने कहा कि अग्निपथ स्कीम से नौजवानों का मनोबल कमजोर हुआ है. इसे लेकर पूरी कांग्रेस पार्टी पुरजोर विरोध करती आई है और हमारी यही मांग है कि 2019 से 2022 के बीच सेना में भर्ती के लिए चयनित युवाओं को नियुक्ति दी जाए. साथ ही अग्निपथ स्कीम को बंद कर सेना भर्ती की स्थायी प्रणाली को लागू किया जाए.
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चौधरी ने कहा कि अग्निपथ एक ऐसी स्कीम है, जिसमें जवानों की 18 साल की उम्र में भर्ती होगी और 22 साल की उम्र में वो रिटायर हो जाएंगे. ये स्कीम वो व्यक्ति लेकर आए हैं, जो खुद करीब 15 साल सीएम और करीब 10 साल से देश के प्रधानमंत्री हैं. आज उनकी उम्र करीब 75 साल है, जबकि एक तरफ कांग्रेस के नेता राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा के बाद अब भारत न्याय यात्रा निकाल रहे हैं. युवाओं, जवानों और किसानों की बात कर रहे हैं और इसी क्रम में अब निर्मल चौधरी ने भी किसानों और जवानों को न्याय दिलाने के उद्देश्य से एनएसयूआई का हाथ थामा है.
देश का युवा हताश : उन्होंने कहा कि आज जो देश के हालात हैं, उसमें एमपी-एमएलए का चुनाव लड़ना बहुत छोटी बात है, क्योंकि आज युवा सुसाइड कर रहे हैं. उन्हें रोजगार नहीं मिल पा रहा है. कोटा में पढ़ने वाला छात्र कोई रूम लेने जाता है तो पहले पूछता है कि यहां किसी अन्य छात्र ने सुसाइड तो नहीं किया. इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि केंद्र की भर्तियां होनी ही बंद हो गई हैं और जो भर्ती निकलती है, उसमें पेपर लीक हो जाता है. इससे युवा सबसे ज्यादा हताश है.
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उन्होंने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस सरकार ने जो चुनाव स्थगित किए, उस समय भी एनएसयूआई के छात्रों ने ये मांग रखी थी कि छात्र संघ चुनाव कराए जाने चाहिए. इसे लेकर अब दोबारा आंदोलन शुरू किया जाएगा. वहीं, लोकसभा चुनाव को लेकर उन्होंने कहा कि वो एनएसयूआई राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और चाहेंगे कि 25 की 25 सीट पर एनएसयूआई के साथी चुनाव लड़े, लेकिन पार्टी का शीर्ष नेतृत्व जो तय करेगा उस पर हम आगे बढ़ेंगे. फिलहाल चुनाव से ज्यादा इंपोर्टेंट है कि युवा साथियों के भविष्य पर ध्यान दिया जाए.
वहीं, निर्मल चौधरी ने कहा कि किसानों के आंदोलन में सैकड़ों ने शहादत दी है. साथ ही आज युवा परेशान हैं. उन्हें रोजगार के लिए भटकना पड़ रहा है, लेकिन अब उनकी आवाज बनकर वो 'जय जवान अन्याय के विरुद्ध न्याय का युद्ध' कैंपेन चलाएंगे और एक बार फिर युवा और किसानों के सामने पीएम नरेंद्र मोदी को झुकना पड़ेगा.