जयपुर. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की ओर से जारी किए गए नीट यूजी-2024 के परिणाम पर उठ रहे सवालों के बीच अब एनएसयूआई ने भी इसके खिलाफ विरोध दर्ज कराया है. यूनिवर्सिटी कैंपस में छात्रों ने प्रोटेस्ट करते हुए नीट परीक्षा में धांधली का आरोप लगाते हुए परीक्षा परिणाम रिवाइज करने की मांग की. मांग नहीं माने जाने पर राजस्थान के प्रत्येक जिला मुख्यालय पर आंदोलन की चेतावनी दी है.
संशोधित परिणाम जारी करने की मांग : नीट परीक्षा के परिणाम में एक साथ 67 विद्यार्थियों के 720 में से 720 अंक आने पर विवाद हो रहा है. अब तक कई विद्यार्थियों और मेडिकल की पढ़ाई करने वाले शिक्षकों ने इसका संशोधित परिणाम जारी करने की मांग उठाई है. वहीं, अब कांग्रेस के वैचारिक छात्र संगठन एनएसयूआई ने भी इस परीक्षा में धांधली का आरोप लगाते हुए विरोध के स्वर ऊंचे किए हैं. एनएसयूआई ने राजस्थान विश्वविद्यालय परिसर में प्रोटेस्ट करते हुए विरोध दर्ज कराया. इस दौरान प्रदेश प्रवक्ता अमरदीप परिहार ने 5 सालों के परीक्षा परिणाम के हवाले से कहा कि अब तक कुछ छात्रों के ही 720 में से 720 अंक आते थे, लेकिन इस बार एक साथ 67 विद्यार्थियों के पूरे अंक आने से कई सवाल खड़े हो रहे हैं. उन्होंने छात्रों को दिए गए ग्रेस मार्क्स पर भी सवाल उठाया. साथ ही कहा कि कुछ विद्यार्थियों को 718 और 719 अंक भी आए हैं, जबकि नियमानुसार किसी भी तरह से किसी छात्र के 718 और 719 अंक नहीं आ सकते. नीट में 200 प्रश्न होते हैं, जिसमें छात्रों को 180 प्रश्न का उत्तर देना होता है। प्रत्येक प्रश्न के लिए 4 अंक निर्धारित होते हैं. एक गलत होने पर चार अंक कम होने के साथ एक अंक माइनस होता है, ऐसे में एक प्रश्न गलत होने पर 718 या 719 अंक संभव ही नहीं है.
आंदोलन की चेतावनी : हालांकि, एनटीए का कहना है कि जिन छात्रों को एग्जाम सेंटर में कम समय मिला, उन्हें ग्रेस अंक दिया गया, जबकि ग्रेस मार्क्स का कॉन्सेप्ट कभी नहीं था. एनएसयूआई का कहना है कि ग्रेस मार्क्स का कॉन्सेप्ट अचानक कैसे आ गया. देश में कोटा, दौसा, फरीदाबाद में नीट की परीक्षा देने वाले छात्रों ने सुसाइड अटेम्प्ट किए हैं, क्योंकि वो परीक्षा के परिणाम से बेहद आहत हुए हैं, लेकिन एनएसयूआई छात्र संगठन नीट के अभ्यर्थियों के साथ है और यदि संशोधित परिणाम जारी नहीं किया जाता, तो सभी जिला मुख्यालयों पर आंदोलन किए जाएंगे और टेस्टिंग एजेंसी के खिलाफ प्रदर्शन किया जाएगा. यही नहीं सभी राज्यों में शिक्षा मंत्रियों का घेराव भी किया जाएगा.
इस दौरान एनएसयूआई के छात्रों ने कुलपति सचिवालय पर पहुंचकर राजस्थान विश्वविद्यालय की ओर से कराए गए पीएचडी एंट्रेंस टेस्ट पर भी सवाल उठाए. साथ ही आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार ने अपने नुमाइंदों का एडमिशन कराने को लेकर धांधली की है, जिसका लगातार विरोध किया जा रहा है और जब तक छात्रों के हितों में उचित फैसला नहीं मिलता, छात्रों को न्याय नहीं मिलता, तब तक एनएसयूआई संघर्ष करता रहेगा.