जयपुर. भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन एनएसयूआई ने राजस्थान विश्वविद्यालय कुलपति पर तानाशाही और छात्रों पर झूठे मुकदमे लगाने के विरोध में कुलपति सचिवालय का घेराव का आह्वान किया था. लेकिन इस आंदोलन को पुलिस प्रशासन की ओर से पहले ही दबा दिया गया. पुलिस प्रशासन ने प्रदर्शन से पहले ही छात्र नेता अमरदीप परिहार को गिरफ्तार कर लिया. इसके विरोध में अब एनएसयूआई ने छात्रों की आवाज को दबाने का आरोप लगाते हुए पुलिस मुख्यालय पर प्रदर्शन की चेतावनी दी है.
राजस्थान विश्वविद्यालय में इन दिनों परीक्षा का दौर जारी है लेकिन कई छात्रों के एडमिट कार्ड जारी नहीं होने, एग्जाम फॉर्म जमा करने के बावजूद भी फॉर्म नहीं मिलने का हवाला देकर 500 रुपए वसूलने, एग्जाम के दौरान बैग और मोबाइल जमा करने के नाम पर अवैध वसूली करने और एनएसयूआई कार्यकर्ताओं पर झूठे मुकदमे लगाने के विरोध में एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने कुलपति सचिवालय का घेराव कर अपनी आवाज उठाने का ऐलान किया था. लेकिन इस प्रदर्शन से पहले ही बीती रात एनएसयूआई के प्रदेश प्रवक्ता अमरदीप परिहार को राजकार्य में बाधा के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया.
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वहीं, एनएसयूआई प्रदेश प्रवक्ता अमरदीप परिहार को सोमवार दोपहर कोर्ट में पेश किया गया. जहां से उसे जमानत पर रिहा किया गया. रिहाई के बाद अमरदीप परिहार ने बताया कि झूठा मुकदमा लगा करके आवाज दबाने की कोशिश की जा रही है. जबकि एनएसयूआई के राष्ट्रीय प्रवक्ता रमेश भाटी ने कहा कि छात्र हितों की मांगों को लेकर प्रदर्शन करने जा रहे से के कार्यकर्ताओं को पुलिस प्रशासन की ओर से गिरफ्तारी छात्र हितों का हनन करना है. एनएसयूआई इसका विरोध करती है. उन्होंने पुलिस प्रशासन को चेतावनी देते हुए कि इस तरह से यदि एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं को छात्र हितों की मांग नहीं उठाने देंगे, प्रदर्शन नहीं करने देंगे, तो इसका पुरजोर जवाब देते हुए, अगला प्रदर्शन पुलिस मुख्यालय पर होगा.