नई दिल्ली: चुनाव से पहले दिल्ली की कानून व्यवस्था और अचानक आम आदमी पार्टी द्वारा रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों को लेकर उठाए गए मुद्दे के बीच BJP ने दिल्ली में NRC लागू करने की मांग कर दी है. विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार पर आरोप लगाया है कि वह रोहिंग्या और बांग्लादेशियों को संरक्षण दे रही है. उन्हें फर्जी कागजात के आधार पर वोटर आईडी कार्ड जारी करती है और वोटर लिस्ट में उनका नाम डलवाती है और जब भाजपा इसका विरोध करके इन फर्जी नामों को वोटर लिस्ट से बाहर निकलवाती है तो आम आदमी पार्टी का प्रलाप शुरू हो जाता है और वह घड़ियाली आंसू बहा कर इन रोहिंग्याओं और बांग्लादेशियों की सहानुभूति बटोर कर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकना शुरू कर देती है.
दिल्ली में NRC की मांग: विधानसभा में नेता विपक्ष ने इन रोहिंग्याओं और बांग्लादेशियों की पहचान कर इन्हें देश से बाहर करने के लिए दिल्ली में NRC लागू करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस मिलकर दिल्ली का चरित्र खराब करने में लगे हैं. आप सरकार दिल्ली में रोहिंग्याओं और बांग्लादेशी मुसलमानों को बसाकर उन्हें संरक्षण देने का काम कर रही है. दिल्ली में उनके द्वारा किये जा रहे अतिक्रमण को बढ़ावा देती है. रोहिंग्या और बांग्लादेशी मुसलमान राजधानी में आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त हैं.
आम आदमी पार्टी और कांग्रेस मिलकर दिल्ली का चरित्र खराब करने में लगे हैं। AAP सरकार दिल्ली में रोहिंग्याओं और बांग्लादेशी मुसलमानों को बसाकर उन्हें संरक्षण देने का काम कर रही है। दिल्ली में अतिक्रमण करवा कर उनका फर्जी वोटर कार्ड बनवाने में लगी है, जब रोका जाता है, तो घड़ियाली आंसू… pic.twitter.com/9DrVplWF73
— Vijender Gupta (@Gupta_vijender) December 15, 2024
AAP पर भाजपा का आरोप: विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि जब भाजपा विधायक विधानसभा में सदन के समक्ष इस मुद्दे को उठाते हैं तो उनका माइक बंद कर दिया जाता है, और उनके स्टेटमेंट को सदन की कार्यवाही में से हटा दिया जाता है. क्योंकि भाजपा के विरोध के कारण आम आदमी पार्टी का रोहिंग्याओं के प्रति सहानुभूति प्रेम प्रेम उजागर हो जाता है. विजेंद्र गुप्ता ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार दिल्ली में गैरकानूनी गतिविधियों को बढ़ावा दे रही है. भारतीय जनता पार्टी इस मामले को लगातार उठाती रही है. उन्होंने सदन का विशेष सत्र बुलाने की मांग करते हुए कहा कि सदन में इस संबंध में सभी पार्टियों को आम सहमति बनाकर दिल्ली में NRC लागू करने का प्रस्ताव पारित करना चाहिए.
क्या होता है NRC: NRC का फ़ुलफ़ॉर्म है, राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर. यह एक रजिस्टर है जिसमें भारत के सभी वास्तविक नागरिकों के नाम शामिल होते हैं. NRC को बनाने का मकसद, बांग्लादेश की सीमा से लगे राज्य असम में विदेशी नागरिकों की पहचान करना है. NRC को बनाने का प्रावधान, संशोधित नागरिकता अधिनियम 1955 के तहत किया गया था. NRC की शुरूआत 2013 में सुप्रीम कोर्ट की देख-रेख में असम में हुई थी.
असम में NRC को अंतिम रूप देने का काम 31 अगस्त 2019 को पूरा हुआ था. असम में NRC तैयार करने के लिए आवेदन-आधारित प्रक्रिया अपनाई गई थी. केंद्र सरकार ने NRC को पूरे भारत में लागू करने का वादा किया है. NRC लागू होने के बाद, अवैध प्रवासियों को भारतीय पहचान पत्र हासिल करना और उनके अधिकारों का लाभ उठाना मुश्किल हो जाएगा.
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