आगरा: ताजनगरी आगरा में बीट पुलिस अब बीट पुलिस अधिकारी कहलाएगी. क्षेत्र में घटने वाले अपराधों की जिम्मेदारी BPO की होगी. पासपोर्ट, किराएदार, शस्त्र लाइसेंस सहित चरित्र प्रमाणपत्र का सत्यापन भी BPO करेंगे. इसके साथ ही छुट्टियां भी अब ऑनलाइन माध्यम से मिलेंगी.
आगरा पुलिस कमिश्नरेट में बीट पुलिस अधिकारी प्रणाली को लागू किया गया है. जिसके बाद बीट सिपाहियों की जिम्मेदारी अब एक अधिकारी के बराबर की हो जाएंगी. जिले के शहरी, पूर्वी और पश्चिम जोन में 1683 बीट को दो भागों में विभाजित किया गया है. जिसमें शहरी जोन में 615 और ग्रामीण जोन में 1068 बीट पुलिस अधिकारियों की तैनाती की गई है.
अभी तक बीट पुलिस सिर्फ घटनास्थल पर पहुंच कर लॉ एंड आर्डर का पालन कराती थी. इसके अतिरिक्त कार्य थानाध्यक्ष के पास थे. लेकिन अब प्रमाणपत्रों के सत्यापन, समन और वारंट तामील कराना, क्षेत्र में आपराधिक गतिविधियों पर नजर रखना सहित गैंगस्टर, हिस्ट्रीशीटर सहित किस पर गुंडा एक्ट तामील करना हैं, इसकी पुष्टि भी बीट पुलिस अधिकारी करेंगे.
क्षेत्र में कोई गंभीर अपराध घटने पर जिम्मेदारी बीट पुलिस अधिकारी की होगी. अब थानाध्यक्ष को किसी घटना के लिए जिम्मेदार नही माना जाएगा. इसके अलावा BPO को कई और अधिकार सौंपे गए हैं, जिनके क्रियान्वयन की जिम्मेदारी BPO के कंधों पर डाली गई है. पुलिस विभाग में छुट्टियों को लेकर सबसे ज्यादा मारामारी रहती है.
अधिकारियों की मर्जी के अनुसार सिपाहियों को अभी तक लिखित प्रार्थनापत्र पर छुट्टियां स्वीकृत की जाती थी. लेकिन, अब विभाग में ऑनलाइन लीव सिस्टम (OLS) लागू कर दिया गया है. जिसकी शुरुआत पश्चिमी जोन में कर दी गयी है. एसीपी मयंक पाठक ने बताया कि अब सिपाही CMS के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन करेंगे, अधिकारी ऑनलाइन माध्यम से ही छुट्टियों को स्वीकृति प्रदान करेंगे. जिसका प्रिंटआउट निकालकर आवेदक थाने से अपनी रवानगी करा पाएंगे.
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