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मुख्तार अंसारी से जुड़े रूंगटा परिवार को धमकी मामले में अब 12 फरवरी को होगी सुनवाई - मुख्तार रूंगटा परिवार धमकी

वाराणसी से चर्चित कोयला कारोबारी के परिवार को धमकाया गया था. धमकी मुख्तार अंसारी की ओर से दी गई थी. मामले में सजा के खिलाफ दायर अपील पर कोर्ट में सुनवाई (Mukhtar Rungta family threat hearing) चल रही है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 6, 2024, 6:32 AM IST

वाराणसी : विशेष न्यायाधीश (एमपी/ एमएलए) अवनीश गौतम की अदालत में सोमवार को कारोबारी महावीर प्रसाद रूंगटा और उनके परिवार को बम से उड़ाने की धमकी मामले की सुनवाई नहीं हो पाई. लोअर कोर्ट से पत्रावली नहीं आने से सुनवाई नहीं हो पाई. इस मामले में अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 12 फरवरी की तिथि नियत की है.

धमकी मामले में पिछले 15 दिसंबर को एसीजेएम-प्रथम (एमपी/एमएलए) उज्ज्वल उपाध्याय की कोर्ट ने पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को दोषी पाते हुए साढ़े पांच साल की सजा सुनाई थी. कोर्ट ने 10 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया था. इस आदेश के खिलाफ आरोपी के अधिवक्ता श्रीनाथ त्रिपाठी ने जिला जज की अदालत में अपील दाखिल की थी. प्रभारी जिला जज अनुतोष कुमार शर्मा की कोर्ट ने अपील पर सुनवाई की. अपील स्वीकार करते हुए सजा पर रोक लगा दी. सोमवार को मामले की सुनवाई थी, लेकिन लोअर कोर्ट से कागजात न आने की वजह से सुनवाई नहीं हो पाई.

प्रकरण के अनुसार चर्चित कोयला कारोबारी और विहिप के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष नंदकिशोर रूंगटा के 22 जनवरी 1997 को अपहरण के बाद उनकी पत्नी ने सीबीआई जांच के लिए आवेदन किया था. इसे मंजूर कर लिया गया. इसे लेकर रूंगटा परिवार पैरवी कर रहा था. इस बीच पांच नवंबर 1997 को मुख्तार अंसारी का धमकी भरा फोन आया. इसे लेकर महावीर प्रसाद रूंगटा ने 13 नवंबर को तत्कालीन डीआईजी से मिलकर शिकायत की. उन्होंने मामले में कार्रवाई की गुहार लगाई. डीआईजी के आदेश पर एक दिसंबर 1997 को भेलूपुर पुलिस ने मुख्तार अंसारी पर केस दर्ज किया था.

यह भी पढ़ें : 10 साल की उम्र में लापता हुआ लड़का; 20 साल बाद सन्यासी बनकर घर लौटा, जानें फिर क्या हुआ

वाराणसी : विशेष न्यायाधीश (एमपी/ एमएलए) अवनीश गौतम की अदालत में सोमवार को कारोबारी महावीर प्रसाद रूंगटा और उनके परिवार को बम से उड़ाने की धमकी मामले की सुनवाई नहीं हो पाई. लोअर कोर्ट से पत्रावली नहीं आने से सुनवाई नहीं हो पाई. इस मामले में अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 12 फरवरी की तिथि नियत की है.

धमकी मामले में पिछले 15 दिसंबर को एसीजेएम-प्रथम (एमपी/एमएलए) उज्ज्वल उपाध्याय की कोर्ट ने पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को दोषी पाते हुए साढ़े पांच साल की सजा सुनाई थी. कोर्ट ने 10 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया था. इस आदेश के खिलाफ आरोपी के अधिवक्ता श्रीनाथ त्रिपाठी ने जिला जज की अदालत में अपील दाखिल की थी. प्रभारी जिला जज अनुतोष कुमार शर्मा की कोर्ट ने अपील पर सुनवाई की. अपील स्वीकार करते हुए सजा पर रोक लगा दी. सोमवार को मामले की सुनवाई थी, लेकिन लोअर कोर्ट से कागजात न आने की वजह से सुनवाई नहीं हो पाई.

प्रकरण के अनुसार चर्चित कोयला कारोबारी और विहिप के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष नंदकिशोर रूंगटा के 22 जनवरी 1997 को अपहरण के बाद उनकी पत्नी ने सीबीआई जांच के लिए आवेदन किया था. इसे मंजूर कर लिया गया. इसे लेकर रूंगटा परिवार पैरवी कर रहा था. इस बीच पांच नवंबर 1997 को मुख्तार अंसारी का धमकी भरा फोन आया. इसे लेकर महावीर प्रसाद रूंगटा ने 13 नवंबर को तत्कालीन डीआईजी से मिलकर शिकायत की. उन्होंने मामले में कार्रवाई की गुहार लगाई. डीआईजी के आदेश पर एक दिसंबर 1997 को भेलूपुर पुलिस ने मुख्तार अंसारी पर केस दर्ज किया था.

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