जयपुर : राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा (रीट) में बड़ा बदलाव किया जा रहा है. इसमें अब बीएड-डीएलएड प्रथम वर्ष के विद्यार्थी भी शामिल हो सकेंगे. शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि बीएड-डीएलएड पास करने के बाद या अंतिम वर्ष में पढ़ने वाले विद्यार्थी ही रीट परीक्षा दे सकते थे, लेकिन अब पहली बार रीट में बड़ा बदलाव किया जा रहा है. नए प्रावधान के तहत बीएड-डीएलएड प्रथम वर्ष के विद्यार्थी भी रीट में शामिल हो सकेंगे.
रीट की पात्रता : शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के मुताबिक रीट परीक्षा को लेकर शिक्षा विभाग की ओर से नया बदलाव किया जा रहा है. नए प्रावधान लागू होने से करीब डेढ़ लाख से ज्यादा विद्यार्थियों को लाभ होगा. नए प्रावधान के तहत बीएड और डीएलएड पाठ्यक्रम में प्रवेश लेते ही प्रथम वर्ष में अध्ययनरत विद्यार्थी रीट परीक्षा में शामिल होने का पात्र हो जाएगा. इससे जब भी विद्यार्थी अपनी डिग्री पूरी करके निकलेगा, तो उसके पास पहले से ही रीट की पात्रता हो जाएगी. इससे विद्यार्थी का समय बचेगा. विद्यार्थी को डिग्री हासिल करने के बाद रीट के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा. विद्यार्थी बीएड और डीएलएड पूरी होने से पहले ही रीट पात्रता हासिल कर लेगा.
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राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा फरवरी 2025 में प्रस्तावित है. रीट परीक्षा को लेकर राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से तैयारी शुरू कर दी गई है. राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से नोटिफिकेशन जारी करके विद्यार्थियों को आवेदन के लिए 25 से 30 दिन का समय दिया जाएगा. रीट परीक्षा में करीब 11 लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों के शामिल होने का अनुमान लगाया जा रहा है.
बीएड और डीएलएड की डिग्री पूरी करने के बाद भर्ती निकलने पर विद्यार्थी उसमें आवेदन कर सकेगा, लेकिन इसमें ध्यान रखना होगा कि अध्यापक भर्ती के आवेदन की अंतिम तिथि तक अध्यापक बनने के लिए जरूरी शैक्षिक और प्रशैक्षणिक योग्यता प्राप्त करनी होगी. बीएड और डीएलएड प्रथम वर्ष के विद्यार्थी रीट में शामिल होकर पात्र होंगे, तो उन्हें भविष्य में काफी फायदा मिलेगा. रीट के प्रमाण-पत्र की वैधता अवधि आजीवन होती है.