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यूपी के बेसिक शिक्षा स्कूलों में बच्चों के एडमिशन उम्र में 3 महीने की छूट, जानिए- क्या है नया नियम - ADMISSIONS AGE GOVERMENT SCHOOL

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 1, 2024, 7:03 PM IST

Updated : 8 hours ago

उत्तर प्रदेश के माध्यमिक शिक्षा परिषद और बेसिक शिक्षा परिषद में बच्चों के एडमिशन के लिए बड़ा फैसला लिया है. शासन ने उम्र की सीमा बदलाव किया है.

कक्षा एक में पांच साल 9 महीने की उम्र में मिलेगा प्रवेश.
कक्षा एक में पांच साल 9 महीने की उम्र में मिलेगा प्रवेश. (Photo Credit; Etv Bharat)

लखनऊः गर्मी की छुट्टियों के बाद 1 जुलाई से शुरू हुए माध्यमिक शिक्षा परिषद और बेसिक शिक्षा परिषद के सत्र में कक्षा 1 में प्रवेश के लिए 5 साल 9 महीने की उम्र से अधिक के बच्चे को प्रवेश मिल सकेगा. बेसिक शिक्षा परिषद ने सभी प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों को निर्देश भेज दिए हैं. भारत सरकार की ओर से नई शिक्षा नीति के तहत कक्षा एक में प्रवेश के लिए न्यूनतम आयु सीमा 6 वर्ष निर्धारित किया था. इसके बाद प्रदेश में बड़े पैमाने पर बेसिक शिक्षा विद्यालयों में कक्षा एक में प्रवेश को लेकर दिक्कतें शुरू हो गई थीं. इसके बाद विभाग ने अब उम्र की सीमा में 3 महीने की छूट दी है. इससे नए शैक्षणिक सत्र में बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालय और माध्यमिक शिक्षा परिषद के कक्षा एक में प्रवेश की प्रक्रिया आसान होगी.

कक्षा 1 में प्रवेश में हो रही थी दिक्कत
प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में अप्रैल में नए सत्र की शुरुआत हो गई है. नए सत्र की शुरुआत के साथी परिषद ने अपने विद्यालयों में नए बच्चों को प्रवेश देने के लिए स्कूल चलो अभियान की शुरुआत करता है. इस अभियान के तहत प्रदेश के सभी जिलों में कक्षा एक में प्रवेश के लिए जो नया नियम बनाया गया. जिसके तहत 6 वर्ष से कम होने पर बच्चों का एडमिशन नहीं पा रहा था. ऐसे में ज्यादातर विद्यालयों में कक्षा एक के अलावा सभी कक्षा में प्रवेश हुए. जो बच्चे कभी स्कूल भी नहीं गए उन्हें भी एडमिशन दिया गया. लेकिन उनकी उम्र के अनुसार की कक्षा में प्रवेश दिया गया. बाकी पीछे की कक्षाओं के लिए उन्हें अलग से पढ़कर उन्हें समग्र शिक्षा अभियान के तहत प्रमोट किया जाएगा.

अप्रैल में हुए पहले चरण के स्कूल चलो अभियान में कक्षा एक में छात्र संख्या में काफी गिरावट देखी गई. इसके बाद सरकार को विभाग की तरफ से एक प्रस्ताव भेजा गया और कहा गया कि ऐसे बच्चे जो 6 वर्ष के नहीं है पर जिनकी उम्र सारे 5 साल या 6 साल पूरा होने में दो या तीन महीने कम है उन्हें हम प्रवेश नहीं दे पा रहे हैं. जिस पर शासन ने ऐसे बच्चे जिनके उम्र 6 साल पूरा होने में एक 3 महीने से काम का समय बचा हो उन्हें प्रवेश की सहमति प्रदान कर दी है.

प्रेरणा एप पर नहीं हो रहा था रजिस्ट्रेशन
लखनऊ मंडल के एडीबी बेसिक श्याम किशोर तिवारी ने बताया कि जिन बच्चों की उम्र 6 साल से कम है, उन्हें चाह कर भी स्कूल प्रवेश नहीं दे पा रहे थे. क्योंकि प्रेरणा पोर्टल पर कक्षा एक में प्रवेश लेने की न्यूनतम उम्र 6 वर्ष निर्धारित है. विद्यालयों की तरफ से यह जानकारी दी गई कि इस नियम के कारण कक्षा एक में प्रवेश संख्या काफी गिर गया है. गर उम्र की सीमा में छूट नहीं प्रदान की गई तो छात्रों की संख्या में गिरावट होगी. जो बच्चे दो या तीन महीने के कारण कक्षा एक में प्रवेश नहीं ले पा रहे हैं. वह अगले साल 7 वर्ष के उम्र में पहुंच जाएंगे. ऐसे में उन्हें फिर कक्षा एक में प्रवेश देने में दोबारा से दिक्कत होगी. एडी बेसिक ने बताया कि विद्यालयों की इसी समस्या को देखते हुए सरकार ने क्लास एक में प्रवेश के लिए 3 महीने की छूट दी है. अब विद्यालय ऐसे बच्चों का प्रवेश ले सकते हैं, जो अगले 3 महीने में 6 वर्ष की उम्र की सीमा को पूरा कर रहे हैं. इसके लिए प्रेरणा एप पर भी व्यापक संशोधन कर दिया गया है. इसके साथ ही जुलाई माह में प्रदेश के सभी विद्यालयों में स्कूल चलो अभियान का दूसरा चरण भी चलाने के निर्देश दिए हैं.

उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा, एक नजर

- प्रदेश में बेसिक स्कूलों की संख्या- 1 लाख 51 हजार

- प्रदेश में माध्यमिक स्कूलों की संख्या- 35 हजार

- प्रदेश में प्राइवेट स्कूलों की संख्या- 2 लाख से अधिक

-इन स्कूलों में तकरीबन एक करोड़ बच्चे पढ़ रहे हैं


प्राइवेट स्कूलों में इस बार नहीं हुए एक भी एडमिशन
अनएडेड स्कूल एसोसिएशन के प्रेसिडेंट अनिल अग्रवाल ने बताया की नई शिक्षा नीति के तहत जो बदलाव हुए हैं. उसके कारण इस बार प्राइवेट स्कूलों ने 6 वर्ष से कम आयु के बच्चों को कक्षा एक में प्रवेश नहीं दिया है. इसके अलावा इस साल मिनिमम साढ़े 3 साल और 4 साल की उम्र पूरी कर चुके छात्रों को ही प्री-नर्सरी में एडमिशन दिया गया है. ताकि जैसे ही उनका प्री नर्सरी की पढ़ाई पूरी हो तो कक्षा एक में पहुंचते समय उनकी उम्र 6 वर्ष हो जाए.

प्राइवेट स्कूलों में अगले सत्र से मिलेगा फायदा! प्रदेश के प्राइवेट स्कूलों में शैक्षिक सत्र की शुरुआत मार्च महीने से हो चुकी है. ऐसे में इन प्राइवेट विद्यालयों में कक्षा एक में प्रवेश लेने वाले छात्रों को 6 वर्ष की उम्र पूरा होने पर ही प्रवेश दिया गया है. ऐसे बच्चे जो दो या तीन महीने से उम्र की सीमा पूरा न करने के कारण प्रवेश लेने से वंचित रह गए थे. उन्हें जुलाई में प्रवेश लेने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग में छूट दी है. साथ ही अगले सत्र से नए नियम के अनुसार जिन बच्चों की उम्र 6 वर्ष पूरे होने में तीन महीने या उससे काम का समय बचा हो उन्हें प्रवेश लेने को मंजूरी दे दी गई है. ऐसे में सभी प्राइवेट कॉलेज अगले सत्र से इसका फायदा और अभिभाव को दे सकेंगे.

इसे भी पढ़ें-12460 शिक्षक भर्ती : अभ्यर्थियों को तीन दिनों में आवंटित होंगे स्कूल, आदेश जारी; जानिए क्या होगी प्रक्रिया

लखनऊः गर्मी की छुट्टियों के बाद 1 जुलाई से शुरू हुए माध्यमिक शिक्षा परिषद और बेसिक शिक्षा परिषद के सत्र में कक्षा 1 में प्रवेश के लिए 5 साल 9 महीने की उम्र से अधिक के बच्चे को प्रवेश मिल सकेगा. बेसिक शिक्षा परिषद ने सभी प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों को निर्देश भेज दिए हैं. भारत सरकार की ओर से नई शिक्षा नीति के तहत कक्षा एक में प्रवेश के लिए न्यूनतम आयु सीमा 6 वर्ष निर्धारित किया था. इसके बाद प्रदेश में बड़े पैमाने पर बेसिक शिक्षा विद्यालयों में कक्षा एक में प्रवेश को लेकर दिक्कतें शुरू हो गई थीं. इसके बाद विभाग ने अब उम्र की सीमा में 3 महीने की छूट दी है. इससे नए शैक्षणिक सत्र में बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालय और माध्यमिक शिक्षा परिषद के कक्षा एक में प्रवेश की प्रक्रिया आसान होगी.

कक्षा 1 में प्रवेश में हो रही थी दिक्कत
प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में अप्रैल में नए सत्र की शुरुआत हो गई है. नए सत्र की शुरुआत के साथी परिषद ने अपने विद्यालयों में नए बच्चों को प्रवेश देने के लिए स्कूल चलो अभियान की शुरुआत करता है. इस अभियान के तहत प्रदेश के सभी जिलों में कक्षा एक में प्रवेश के लिए जो नया नियम बनाया गया. जिसके तहत 6 वर्ष से कम होने पर बच्चों का एडमिशन नहीं पा रहा था. ऐसे में ज्यादातर विद्यालयों में कक्षा एक के अलावा सभी कक्षा में प्रवेश हुए. जो बच्चे कभी स्कूल भी नहीं गए उन्हें भी एडमिशन दिया गया. लेकिन उनकी उम्र के अनुसार की कक्षा में प्रवेश दिया गया. बाकी पीछे की कक्षाओं के लिए उन्हें अलग से पढ़कर उन्हें समग्र शिक्षा अभियान के तहत प्रमोट किया जाएगा.

अप्रैल में हुए पहले चरण के स्कूल चलो अभियान में कक्षा एक में छात्र संख्या में काफी गिरावट देखी गई. इसके बाद सरकार को विभाग की तरफ से एक प्रस्ताव भेजा गया और कहा गया कि ऐसे बच्चे जो 6 वर्ष के नहीं है पर जिनकी उम्र सारे 5 साल या 6 साल पूरा होने में दो या तीन महीने कम है उन्हें हम प्रवेश नहीं दे पा रहे हैं. जिस पर शासन ने ऐसे बच्चे जिनके उम्र 6 साल पूरा होने में एक 3 महीने से काम का समय बचा हो उन्हें प्रवेश की सहमति प्रदान कर दी है.

प्रेरणा एप पर नहीं हो रहा था रजिस्ट्रेशन
लखनऊ मंडल के एडीबी बेसिक श्याम किशोर तिवारी ने बताया कि जिन बच्चों की उम्र 6 साल से कम है, उन्हें चाह कर भी स्कूल प्रवेश नहीं दे पा रहे थे. क्योंकि प्रेरणा पोर्टल पर कक्षा एक में प्रवेश लेने की न्यूनतम उम्र 6 वर्ष निर्धारित है. विद्यालयों की तरफ से यह जानकारी दी गई कि इस नियम के कारण कक्षा एक में प्रवेश संख्या काफी गिर गया है. गर उम्र की सीमा में छूट नहीं प्रदान की गई तो छात्रों की संख्या में गिरावट होगी. जो बच्चे दो या तीन महीने के कारण कक्षा एक में प्रवेश नहीं ले पा रहे हैं. वह अगले साल 7 वर्ष के उम्र में पहुंच जाएंगे. ऐसे में उन्हें फिर कक्षा एक में प्रवेश देने में दोबारा से दिक्कत होगी. एडी बेसिक ने बताया कि विद्यालयों की इसी समस्या को देखते हुए सरकार ने क्लास एक में प्रवेश के लिए 3 महीने की छूट दी है. अब विद्यालय ऐसे बच्चों का प्रवेश ले सकते हैं, जो अगले 3 महीने में 6 वर्ष की उम्र की सीमा को पूरा कर रहे हैं. इसके लिए प्रेरणा एप पर भी व्यापक संशोधन कर दिया गया है. इसके साथ ही जुलाई माह में प्रदेश के सभी विद्यालयों में स्कूल चलो अभियान का दूसरा चरण भी चलाने के निर्देश दिए हैं.

उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा, एक नजर

- प्रदेश में बेसिक स्कूलों की संख्या- 1 लाख 51 हजार

- प्रदेश में माध्यमिक स्कूलों की संख्या- 35 हजार

- प्रदेश में प्राइवेट स्कूलों की संख्या- 2 लाख से अधिक

-इन स्कूलों में तकरीबन एक करोड़ बच्चे पढ़ रहे हैं


प्राइवेट स्कूलों में इस बार नहीं हुए एक भी एडमिशन
अनएडेड स्कूल एसोसिएशन के प्रेसिडेंट अनिल अग्रवाल ने बताया की नई शिक्षा नीति के तहत जो बदलाव हुए हैं. उसके कारण इस बार प्राइवेट स्कूलों ने 6 वर्ष से कम आयु के बच्चों को कक्षा एक में प्रवेश नहीं दिया है. इसके अलावा इस साल मिनिमम साढ़े 3 साल और 4 साल की उम्र पूरी कर चुके छात्रों को ही प्री-नर्सरी में एडमिशन दिया गया है. ताकि जैसे ही उनका प्री नर्सरी की पढ़ाई पूरी हो तो कक्षा एक में पहुंचते समय उनकी उम्र 6 वर्ष हो जाए.

प्राइवेट स्कूलों में अगले सत्र से मिलेगा फायदा! प्रदेश के प्राइवेट स्कूलों में शैक्षिक सत्र की शुरुआत मार्च महीने से हो चुकी है. ऐसे में इन प्राइवेट विद्यालयों में कक्षा एक में प्रवेश लेने वाले छात्रों को 6 वर्ष की उम्र पूरा होने पर ही प्रवेश दिया गया है. ऐसे बच्चे जो दो या तीन महीने से उम्र की सीमा पूरा न करने के कारण प्रवेश लेने से वंचित रह गए थे. उन्हें जुलाई में प्रवेश लेने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग में छूट दी है. साथ ही अगले सत्र से नए नियम के अनुसार जिन बच्चों की उम्र 6 वर्ष पूरे होने में तीन महीने या उससे काम का समय बचा हो उन्हें प्रवेश लेने को मंजूरी दे दी गई है. ऐसे में सभी प्राइवेट कॉलेज अगले सत्र से इसका फायदा और अभिभाव को दे सकेंगे.

इसे भी पढ़ें-12460 शिक्षक भर्ती : अभ्यर्थियों को तीन दिनों में आवंटित होंगे स्कूल, आदेश जारी; जानिए क्या होगी प्रक्रिया

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