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लॉरेंस गैंग के साथ मिलकर कुख्यात अमन बढ़ा रहा अपना आतंक, एटीएस हुई अलर्ट - Aman with Lawrence Bishnoi gang

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : May 29, 2024, 8:16 PM IST

Updated : May 29, 2024, 8:29 PM IST

Aman with Lawrence Bishnoi gang. लॉरेंस गैंग का कुख्यात अपराधी अमन साहू अपना आतंक का नेटवर्क बढ़ा रहा है. अब अमन साहू गिरोह और लॉरेंग बिश्नोई गिरोह एक साथ मिलकर काम कर रहे हैं. दोनों के इस गठजोड़ ने पुलिस की चिंता बढ़ा दी है.

Aman with Lawrence Bishnoi gang
एटीएस लोगो (फोटो- ईटीवी भारत)

रांची: झारखंड का कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू इंडिया के खतरनाक लारेंस गैंग से जुड़ कर काम कर रहा है. हाल के दिनों में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनसे ये साबित हो गया है कि अमन साहू गिरोह, लारेंस बिश्नोई गैंग के साथ काम कर रहा है. खुलासे के बाद झारखंड एटीएस की टीम अमन गैंग पर विशेष नजर रख रही है.

एटीएस एसपी ऋषभ झा का बयान (वीडियो- ईटीवी भारत)
दोनों जेल से ही संभाल रहे गैंग

झारखंड में सक्रिय खतरनाक गैंगस्टर्स में से एक अमन साहू जेल में रहने के बावजूद लगातार अपनी ताकत बढ़ा रहा है. चिंता की बात तो यह है कि अमन साहू और लॉरेंस बिश्नोई के गैंग का गठजोड़ हो चुका है और अब ये गिरोह साथ मिलकर वारदातों को अंजाम देने में भी जुटे हैं. दो दिन पूर्व रायपुर पुलिस ने लारेंस और अमन गिरोह के चार अपराधियों को गिरफ्तार किया था. पकड़े गए अपराधी रायपुर में एक बड़ी वारदात को अंजाम देने के लिए जुटे थे. लेकिन उससे पहले ही पकड़े गए. मामले की जानकारी मिलने के बाद झारखंड एटीएस की एक टीम ने रायपुर पहुच गिरफ्तार अपराधियों से पूछताछ भी की है. सबसे खतरनाक बात तो यह है कि अमन और लॉरेंस बिश्नोई दोनों ही जेल में बंद है और वहीं से अपने गैंग का संचालन कर रहे हैं.

झारखंड में अमन का आतंक

झारखंड में एक्सटॉर्शन के काले धंधे में अमन साहू का सिक्का चलता है, उस पर से लॉरेंस बिश्नोई का साथ अमन के काले साम्राज्य को और मजबूती प्रदान कर रहा है. झारखंड एटीएस के एसपी ऋषभ झा ने बताया कि रायपुर में हुई गिरफ्तारी ने लारेंस और अमन के बीच की दोस्ती को प्रमाणित कर दिया है. अब तक जो जानकारी मिली है उसके अनुसार दोनो गैंग हथियार से लेकर कई दूसरे धंधे एक साथ मिलकर कर रहे हैं.

मयंक सिंह ने दोनो गैंग को मिलाया

लॉरेंस बिश्नोई गिरोह और अमन गिरोह के बीच मलेशिया में बैठा मयंक सिंह प्रमुख कड़ी है. मयंक सिंह ने ही लॉरेंस बिश्नोई और अमन को एक साथ मिलाया है.
दरअसल अमन साहू को आतंक के अपने साम्राज्य को बढ़ाने के लिए एक ऐसे शख्स की जरूरत थी जो उसे टेक्निकल सपोर्ट दे सके. इस काम के लिए अमन ने जेल में रहते हुए ही लारेंस से सम्पर्क किया. जिसके बाद लॉरेंस ने अपने भरोसेमंद साथी मयंक सिंह उर्फ सुनील मीणा को अमन साहू को के साथ जोड़ दिया.

हालांकि, बीते दिनों ही झारखंड एटीएस ने मयंक सिंह का असली चेहरा खोज निकाला और मामले में एटीएस ने सुनील मीणा के राजस्थान स्थित घर पर इश्तेहार भी चस्पा किया है. मयंक सिंह वर्तमान में भारत छोड़ मलेशिया में शिफ्ट हो गया है और वही से अमन साहू के गैंग का संचालन कर रहा है.

ये भी पढ़ें:
गैंगस्टर अमन साहू गिरोह के तीन गुर्गे गिरफ्तार, एटीएस ने दबोचा - Henchmen of Aman Sahu arrested

गैंगस्टर अमन साहू गिरोह के दो गुर्गे गिरफ्तार, गिरफ्त में आया कुख्यात मिलावट - ATS arrested two criminals

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एटीएस एसपी ऋषभ झा का बयान (वीडियो- ईटीवी भारत)
दोनों जेल से ही संभाल रहे गैंग

झारखंड में सक्रिय खतरनाक गैंगस्टर्स में से एक अमन साहू जेल में रहने के बावजूद लगातार अपनी ताकत बढ़ा रहा है. चिंता की बात तो यह है कि अमन साहू और लॉरेंस बिश्नोई के गैंग का गठजोड़ हो चुका है और अब ये गिरोह साथ मिलकर वारदातों को अंजाम देने में भी जुटे हैं. दो दिन पूर्व रायपुर पुलिस ने लारेंस और अमन गिरोह के चार अपराधियों को गिरफ्तार किया था. पकड़े गए अपराधी रायपुर में एक बड़ी वारदात को अंजाम देने के लिए जुटे थे. लेकिन उससे पहले ही पकड़े गए. मामले की जानकारी मिलने के बाद झारखंड एटीएस की एक टीम ने रायपुर पहुच गिरफ्तार अपराधियों से पूछताछ भी की है. सबसे खतरनाक बात तो यह है कि अमन और लॉरेंस बिश्नोई दोनों ही जेल में बंद है और वहीं से अपने गैंग का संचालन कर रहे हैं.

झारखंड में अमन का आतंक

झारखंड में एक्सटॉर्शन के काले धंधे में अमन साहू का सिक्का चलता है, उस पर से लॉरेंस बिश्नोई का साथ अमन के काले साम्राज्य को और मजबूती प्रदान कर रहा है. झारखंड एटीएस के एसपी ऋषभ झा ने बताया कि रायपुर में हुई गिरफ्तारी ने लारेंस और अमन के बीच की दोस्ती को प्रमाणित कर दिया है. अब तक जो जानकारी मिली है उसके अनुसार दोनो गैंग हथियार से लेकर कई दूसरे धंधे एक साथ मिलकर कर रहे हैं.

मयंक सिंह ने दोनो गैंग को मिलाया

लॉरेंस बिश्नोई गिरोह और अमन गिरोह के बीच मलेशिया में बैठा मयंक सिंह प्रमुख कड़ी है. मयंक सिंह ने ही लॉरेंस बिश्नोई और अमन को एक साथ मिलाया है.
दरअसल अमन साहू को आतंक के अपने साम्राज्य को बढ़ाने के लिए एक ऐसे शख्स की जरूरत थी जो उसे टेक्निकल सपोर्ट दे सके. इस काम के लिए अमन ने जेल में रहते हुए ही लारेंस से सम्पर्क किया. जिसके बाद लॉरेंस ने अपने भरोसेमंद साथी मयंक सिंह उर्फ सुनील मीणा को अमन साहू को के साथ जोड़ दिया.

हालांकि, बीते दिनों ही झारखंड एटीएस ने मयंक सिंह का असली चेहरा खोज निकाला और मामले में एटीएस ने सुनील मीणा के राजस्थान स्थित घर पर इश्तेहार भी चस्पा किया है. मयंक सिंह वर्तमान में भारत छोड़ मलेशिया में शिफ्ट हो गया है और वही से अमन साहू के गैंग का संचालन कर रहा है.

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Last Updated : May 29, 2024, 8:29 PM IST
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