नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने न्यूज क्लिक के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ के खिलाफ यूएपीए के तहत दर्ज एफआईआर को निरस्त करने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है. जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा की बेंच ने नोटिस जारी किया है. मामले की अगली सुनवाई जुलाई में होगी.
आज सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की ओर से पेश वकील जोहेब हुसैन ने हाईकोर्ट की ओर से नोटिस जारी करने का विरोध किया. हुसैन ने कहा कि इस मामले के एक सह-आरोपी और न्यूज क्लिक के एचआर हेड अमित चक्रवर्ती सरकारी गवाह बन गए हैं. जोहेब हुसैन की दलील का वरिष्ठ वकील दायन कृष्णन ने विरोध किया. तब कोर्ट ने कहा कि नोटिस जारी करने के बाद आप अपना पक्ष रखें. इसके पहले ये याचिका हाईकोर्ट में चार बार लिस्ट हो चुकी है, लेकिन हाईकोर्ट ने नोटिस जारी नहीं किया.
बता दें कि 22 दिसंबर 2023 को ही कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को न्यूज क्लिक के खिलाफ यूएपीए के तहत लगे आरोपों की जांच के लिए 60 दिनों का समय और दिया था. तब दिल्ली पुलिस ने कहा था कि इस मामले की जांच के लिए और समय की जरूरत है. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने जांच के लिए 90 दिन और दिए जाने की मांग की थी. वहीं, कोर्ट ने 9 जनवरी को अमित चक्रवर्ती को सरकारी गवाह बनने की अनुमति दी थी.
प्रबीर पुरकायस्थ और अमित चक्रवर्ती को दिल्ली पुलिस ने 3 अक्टूबर 2023 को गिरफ्तार किया था. दोनों को न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी खबर के आधार पर गिरफ्तार किया था. न्यूयॉर्क टाइम्स में खबर छपी थी कि न्यूज क्लिक को चीनी प्रोपेगेंडा को बढ़ाने के लिए पैसे मिले हैं. तीन अक्टूबर 2023 को इस मामले में कई पत्रकारों, यूट्यूबर्स और कार्टूनिस्ट के यहां छापा पड़ा था. जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने प्रबीर पुरकायस्थ और अमित चक्रवर्ती को गिरफ्तार किया था.
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के मुताबिक, न्यूज क्लिक को चलाने वाली कंपनी पीपीके न्यूजक्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड ने देश को बदनाम करने के लिए पेड न्यूज के जरिए विदेशों से धन हासिल किया.
गोरखपुर मनीष गुप्ता मर्डर केस: दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने गोरखपुर में कथित तौर पर पुलिस की ओर से कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता की पीटकर हत्या करने के आरोपी जगत नारायण सिंह को जेल से कोर्ट ले आने के लिए अलग वाहन उपलब्ध कराने की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी. स्पेशल जज अतुल कृष्ण अग्रवाल ने यह आदेश दिया है. कोर्ट ने डीएपी की तीसरी बटालियन के डीसीपी की रिपोर्ट पर गौर करते हुए पाया कि जगत नारायण सिंह को जेल से कोर्ट लाते समय किसी कैदी ने प्रताड़ित नहीं किया. इसके अलावा जगत नारायण सिंह को जेल में भी प्रताड़ित करने की कोई शिकायत नहीं है.
डीएपी की रिपोर्ट के मुताबिक जगत नारायण सिंह को कोर्ट लाते समय एसएजी की विशेष सुविधा दी गई है. डीएपी ने कहा कि फिलहाल कैदी को अलग से वाहन उपलब्ध कराने के लिए न तो वाहन उपलब्ध है और न ही मैनपावर. कोर्ट ने रोहिणी जेल अधीक्षक को निर्देश दिया कि वे जगत नारायण सिंह की सहमति से चाहें तो मामले की सुनवाई के दौरान वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेश करा सकते हैं.