नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा पुलिस ने दो परिवारों को खुशियां देने का काम किया है. पहला मामला एक लंबे से गायब बच्चे को उसके परिजनों से पुलिस ने मिलाया जबकि दूसरी मामला 18 महीने की गुमशुदा बच्ची को ढूंढकर उसके परिवार वालों को सौंपा. पुलिस की इस मानवीय पहल की सराहना सोशल मीडिया खूब हो रही है.
तीन दिन से लापता बच्चे को परिजनों से मिलवाया
तीन दिन पहले संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हुए पांच साल के बच्चे को पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए ढूंढ निकाला और बच्चे को परिवार को सौंप दिया. दरअसल बीते दिनों ये बच्चा लापता हो गया था, लावारिस हालत में मिले इस बच्चे को सेक्टर 12/22 स्थित साईं कृपा बाल आश्रम में रखा गया. डीसीपी महिला सुरक्षा प्रीति यादव ने बताया कि एएचटीयू द्वारा बच्चे की जब काउंसलिंग की गई तो उसने अपना नाम वंश बताया. बालक ने बताया की उसके दादा सूरजपुर में रहते है और किसी बड़े स्कूल में काम करते हैं. जिसके बाद टीम के सदस्य बच्चे को लेकर सूरजपुर और नॉलेज पार्क पहुंचे और लोगों से उसके बारे में पूछा.
काफी प्रयास के बाद भी बच्चे के परिजनों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल सकी. इसके बाद बच्चे द्वारा बताए गए गांव बडौदा को गूगल पर सर्च किया गया, तो पता चला कि संबंधित गांव बुलन्दशहर के थाना कोतवाली देहात के अंतर्गत आता है. इसके बाद टीम ने कोतवाली देहात बुलन्दशहर से बडौदा गांव के बारे में पूछा साथ ही प्रधान का नंबर लेकर बातचीत की. प्रधान ने बताया कि उसके गांव का लाला उर्फ जगत प्रसाद वर्तमान में अपने परिवार के साथ नोएडा में रहता है. वंश उन्हीं का बेटा है. टीम ने दादा चन्द्रप्रकाश उर्फ गुडडू को बालक वंश के बारे में जानकारी दी तो वे बहुत खुश हुए. मंगलवार को वंश के दादा चन्द्रप्रकाश व उसकी दादी राजकुमारी उसे लेने शेल्टर होम आए. साईंकृपा शेल्टर होम के सहयोग से और सीडब्ल्यूसी के आदेशानुसार बालक वंश को सकुशल दादा चन्द्रप्रकाश व दादी राजकुमारी के सुपुर्द किया गया. बच्चे को सूरजपुर पुलिस द्वारा शेल्टर होम में दाखिल किया गया था. लापता और गुमशुदा बच्चों की सकुशल बरामदगी के लिए एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग टीम द्वारा शेल्टर होम में बच्चों की काउंसलिंग की जाती है.
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18 महीने की लापता बच्ची को परिजनों से मिलाया
वहीं दूसरे मामले में संदिग्ध परिस्थितियों में घर से लापता हुई 18 महीने की बच्ची को पुलिस ने परिजनों से मंगलवार को मिला दिया. सेक्टर-39 थाना प्रभारी ने बताया कि मंगलवार को सलारपुर गांव के स्वरूपा गेट के पास एक 18 महीने की बच्ची को लावारिस हालत में रोते हुए लोगों ने देखा और इसकी सूचना पुलिस को दी. बच्ची अपना नाम और पता बताने में असमर्थ थी. सूचना मिलते ही एक महिला पुलिसकर्मी के नेतृत्व में बच्ची को परिजनों से मिलाने के लिए टीम बनाई गई. उसकी फोटो को सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर साझा किया गया. सलारपुर गांव की दुकानों व अन्य जगहों पर मौजूद लोगों को बच्ची की तस्वीर दिखाई गई और उसके बारे में जानने की कोशिश की गई. काफी प्रयास के बाद एक व्यक्ति ने बच्ची को पहचान लिया और उसके घर का पता दिया. इसके बाद पुलिस की टीम ने बच्ची के पिता से संपर्क किया,और परिवार को बच्ची सौंप दी. जानकारी में मालूम चला है कि बच्ची का नाम सोना है. वह महोबा के नितिन की बेटी है. बच्ची की मां का भंगेल स्थित एक अस्पताल में उपचार चल रहा है. बच्ची को लेकर पिता नितिन बाजार गया था. वहीं से वह गायब हो गई. बच्ची को पाकर पिता के चेहरे पर मुस्कान लौट आई और उन्होंने पुलिस का धन्यवाद किया.
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