नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने हथियार डीलर संजय भंडारी से जुड़े मनी लाउंड्रिंग के मामले में ट्रायल कोर्ट में चल रही कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. हाईकोर्ट ने भंडारी के खिलाफ ट्रायल कोर्ट में चल रही कार्रवाई पर रोक लगाने से इनकार करते हुए संजय भंडारी की नीयत पर सवाल खड़े किए. उनके खिलाफ पीएमएलए और एफईओ के तहत केस चल रहा है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि इस मामले में असाधारण अधिकार क्षेत्र के इस्तेमाल की कोई आवश्यकता नहीं है.
हाईकोर्ट ने कहा कि संजय भंडारी ने याचिका में अपने यूनाइटेड किंगडम के पते को छिपाया, जिससे उसकी नीयत पर सवाल खड़े होते हैं. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि संजय भंडारी अपनी याचिका में कोई भी ऐसा तथ्य नहीं दे पाया जिसकी वजह से कोर्ट ईडी की भगोड़ा आर्थिक अपराधी कानून के तहत चल रही कार्रवाई पर रोक लगाए. हाईकोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता का दामन खुद साफ नहीं है.
संजय भंडारी के खिलाफ दाखिल पूरक चार्जशीट पर संज्ञान: बता दें कि राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दिसंबर 2023 में ईडी की ओर से संजय भंडारी के खिलाफ दाखिल पूरक चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. पूरक चार्जशीट में संयुक्त अरब अमीरात के बिजनेसमैन सीसी थम्पी और ब्रिटेन स्थित व्यवसायी सुमित चड्ढा का नाम शामिल किया है. उनमें से संजय भंडारी कथित तौर पर प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा के करीबी सहयोगी हैं. ईडी के मुताबिक उसने सुमित चड्ढा और उनकी पत्नी को समन जारी किया था, लेकिन दोनों जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए.
ईडी ने 2017 में भंडारी पर किया था मामला दर्ज : ईडी के चार्जशीट में आरोप था कि यूपीए के शासनकाल में भंडारी ने कमीशन लिया और लंदन में संपत्ति खरीदी जिसके लाभार्थी मालिक रॉबर्ट वाड्रा हैं. रॉबर्ट वाड्रा ने ईडी के आरोपों को गलत बताया था. इस मामले में पहले ईडी ने हथियार डीलर संजय भंडारी के मनी लाउंड्रिंग मामले में दक्षिण दिल्ली में पंचशील पार्क में पंचशील शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में स्थित संपत्ति को कब्जे में लिया था जो कि एसबी हॉस्पिटेलिटी एंड सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर रजिस्टर्ड कराया गया है. ईडी ने 2017 में भंडारी और दूसरे आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था.
फर्जी लेटरहेड पर पत्र लिखने के मामले में जगदीश टाइटलर और आर्म्स डीलर बरी
दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 2009 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को एक फर्जी लेटरहेड पर पत्र लिखने के मामले में कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर और आर्म्स डीलर अभिषेक वर्मा को बरी कर दिया है. स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने दोनों आरोपियों को बरी करने का आदेश दिया. टाइटलर और अभिषेक वर्मा के खिलाफ राऊज एवेन्यू कोर्ट ने आरोप तय किया था. दोनों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 420,471,511 और भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 8 के तहत सीबीआई ने मुकदमा दर्ज किया था.
वीजा के नियमों में छूट देने का आग्रह : इस मामले मे कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर और आर्म्स डीलर अभिषेक वर्मा पर आरोप था कि तत्कालीन गृह राज्यमंत्री अजय माकन के फर्जी लेटरहेड का इस्तेमाल किया गया और तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखकर 2009 में चीनी टेलीकॉम कंपनी के अधिकारियों के लिए वीजा के नियमों में छूट देने का आग्रह किया गया था. दोनों पर जेडटीई टेलीकॉम नामक कंपनी के चीनी अधिकारियों के साथ धोखाधड़ी कर पचास लाख रुपए ठगने का आरोप था. तत्कालीन गृह राज्यमंत्री अजय माकन ने सीबीआई में शिकायत दर्ज कराई थी.
ये भी पढ़ें :