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नए साल से उत्तराखंड रोडवेज की 194 बसों की दिल्ली में नो एंट्री! हो सकता है रोजाना 40 लाख का नुकसान

नए साल से दिल्ली में बीएस-6 मॉडल, इलेक्ट्रिक और सीएनजी बसों को ही एंट्री दी जाएगी.

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उत्तराखंड रोडवेज बस (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 7 hours ago

Updated : 5 hours ago

देहरादून: नए साल यानी एक जनवरी से उत्तराखंड परिवहन निगम को बड़ा नुकसान झेलना पड़ सकता है. क्योंकि उत्तराखंड परिवहन निगम की 194 बसें दिल्ली में प्रवेश नहीं कर पाएगी. इससे न सिर्फ उत्तराखंड से दिल्ली जाने वाले यात्रियों की परेशानी बढ़ेगी, बल्कि उत्तराखंड परिवहन निगम को भी रोजाना करीब 40 लाख का नुकसान होगा. हालांकि निगम ने दावा किया है कि जनवरी तक वो 194 में से 155 बसों का इंतजाम कर लेगा.

दरअसल, नए साल पर दिल्ली में केवल बीएस-6 और ग्रीन गाड़ियों को ही प्रवेश दिया जाएगा, लेकिन समस्या ये है कि उत्तराखंड परिवहन निगम के बेडे में बीएस-6 बसों की संख्या काफी कम है. ऐसे में 31 दिसंबर के बाद उत्तराखंड रोडवेज की बसों से दिल्ली सफर करने वाले यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता.

नए साल से उत्तराखंड रोडवेज की 194 बसों की दिल्ली में नो एंट्री! (ETV Bharat)

बता दें कि एयर पॉल्यूशन की बढ़ती समस्या को कम करने के लिए दिल्ली सरकार ने अपने यहां बीएस-6 के अलावा इलेक्ट्रिक और सीएनजी बसों को एंट्री देने की बात कही है. कई राज्यों के लिए तो दिल्ली में ये नियम पहले ही लागू हो चुका है. लेकिन उत्तराखंड परिवहन निगम को दिल्ली सरकार ने कुछ समय के लिए छूट दी थी. हालांकि अब ये छूट भी 31 दिसंबर को खत्म हो रही है.

उत्तराखंड के बेडे में मौजूद बीएस-6 बसों की संख्या: उत्तराखंड रोडवेज की रोजाना 500 से ज्यादा बसे दिल्ली और दिल्ली से होकर गुजरती है. इसमें से 168 बसें सीएनजी और 12 बसें बीएस-6 मॉडल की है. वहीं 130 बीएस-6 मॉडल की निगम की पर्वतीय बसें है. यानी वर्तमान में उत्तराखंड रोडवेज की दिल्ली जाने वाली 504 बसों में से 310 बसें की दिल्ली जाने लायक है. जबकि 194 बसें ऐसी है, जिनकी 31 दिसंबर 2024 के बाद दिल्ली में एंट्री नहीं हो पाएगी, जो उत्तराखंड परिवहन निगम के लिए बड़ी समस्या है.

वहीं इन परिस्थितियों में उत्तराखंड परिवहन निगम की क्या तैयारी है. इस पर निगम के अधिकारियों का कहना है कि वे सीएनजी की 40 अनुबंधित बसों को दिल्ली रूट पर चलाने का फैसला कर रहे है, जो जनवरी 2025 तक उन्हें मिल जाएगी. इसके अलावा 40 इलेक्ट्रिक बसों को अनुबंध को लेकर भी टेंडर प्रकिया जारी है. इसके अलावा 75 सीएनजी बसों को अनुबंध के आधार पर लेने की कार्रवाई जारी है. यानी परिवहन निगम 194 बसों को रिप्लेस करने के लिए फिलहाल 155 बसें अनुबंध के आधार पर लेने जा रही है.

परिवहन निगम की ओर से 194 बसों में से 155 बसों को अनुबंध के आधार पर रिप्लेस किया जाएगा. जबकि बची 39 बसों के लिए परिवहन निगम अलग व्यवस्था बनाने पर जोर दे रहा है. परिवहन निगम के अनुसार 155 बसें अनुबंध पर मिलने के बाद 39 बसों के लिए व्यवस्था की जाएगी. जिसके तहत दिल्ली व दिल्ली मार्गों के लिए 39 नई बसों को खरीदा जाएगा. फिर भी बजट की व्यवस्था नहीं बनती है तो फिर अनुबंध के आधार पर सीएनजी या फिर बीएस-6 मॉडल की डीजल बसों को लिया जाएगा.

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देहरादून: नए साल यानी एक जनवरी से उत्तराखंड परिवहन निगम को बड़ा नुकसान झेलना पड़ सकता है. क्योंकि उत्तराखंड परिवहन निगम की 194 बसें दिल्ली में प्रवेश नहीं कर पाएगी. इससे न सिर्फ उत्तराखंड से दिल्ली जाने वाले यात्रियों की परेशानी बढ़ेगी, बल्कि उत्तराखंड परिवहन निगम को भी रोजाना करीब 40 लाख का नुकसान होगा. हालांकि निगम ने दावा किया है कि जनवरी तक वो 194 में से 155 बसों का इंतजाम कर लेगा.

दरअसल, नए साल पर दिल्ली में केवल बीएस-6 और ग्रीन गाड़ियों को ही प्रवेश दिया जाएगा, लेकिन समस्या ये है कि उत्तराखंड परिवहन निगम के बेडे में बीएस-6 बसों की संख्या काफी कम है. ऐसे में 31 दिसंबर के बाद उत्तराखंड रोडवेज की बसों से दिल्ली सफर करने वाले यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता.

नए साल से उत्तराखंड रोडवेज की 194 बसों की दिल्ली में नो एंट्री! (ETV Bharat)

बता दें कि एयर पॉल्यूशन की बढ़ती समस्या को कम करने के लिए दिल्ली सरकार ने अपने यहां बीएस-6 के अलावा इलेक्ट्रिक और सीएनजी बसों को एंट्री देने की बात कही है. कई राज्यों के लिए तो दिल्ली में ये नियम पहले ही लागू हो चुका है. लेकिन उत्तराखंड परिवहन निगम को दिल्ली सरकार ने कुछ समय के लिए छूट दी थी. हालांकि अब ये छूट भी 31 दिसंबर को खत्म हो रही है.

उत्तराखंड के बेडे में मौजूद बीएस-6 बसों की संख्या: उत्तराखंड रोडवेज की रोजाना 500 से ज्यादा बसे दिल्ली और दिल्ली से होकर गुजरती है. इसमें से 168 बसें सीएनजी और 12 बसें बीएस-6 मॉडल की है. वहीं 130 बीएस-6 मॉडल की निगम की पर्वतीय बसें है. यानी वर्तमान में उत्तराखंड रोडवेज की दिल्ली जाने वाली 504 बसों में से 310 बसें की दिल्ली जाने लायक है. जबकि 194 बसें ऐसी है, जिनकी 31 दिसंबर 2024 के बाद दिल्ली में एंट्री नहीं हो पाएगी, जो उत्तराखंड परिवहन निगम के लिए बड़ी समस्या है.

वहीं इन परिस्थितियों में उत्तराखंड परिवहन निगम की क्या तैयारी है. इस पर निगम के अधिकारियों का कहना है कि वे सीएनजी की 40 अनुबंधित बसों को दिल्ली रूट पर चलाने का फैसला कर रहे है, जो जनवरी 2025 तक उन्हें मिल जाएगी. इसके अलावा 40 इलेक्ट्रिक बसों को अनुबंध को लेकर भी टेंडर प्रकिया जारी है. इसके अलावा 75 सीएनजी बसों को अनुबंध के आधार पर लेने की कार्रवाई जारी है. यानी परिवहन निगम 194 बसों को रिप्लेस करने के लिए फिलहाल 155 बसें अनुबंध के आधार पर लेने जा रही है.

परिवहन निगम की ओर से 194 बसों में से 155 बसों को अनुबंध के आधार पर रिप्लेस किया जाएगा. जबकि बची 39 बसों के लिए परिवहन निगम अलग व्यवस्था बनाने पर जोर दे रहा है. परिवहन निगम के अनुसार 155 बसें अनुबंध पर मिलने के बाद 39 बसों के लिए व्यवस्था की जाएगी. जिसके तहत दिल्ली व दिल्ली मार्गों के लिए 39 नई बसों को खरीदा जाएगा. फिर भी बजट की व्यवस्था नहीं बनती है तो फिर अनुबंध के आधार पर सीएनजी या फिर बीएस-6 मॉडल की डीजल बसों को लिया जाएगा.

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