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अपनी ही महिला प्रधान के खिलाफ बीएपी का अविश्वास प्रस्ताव, प्रधान के पति लड़े थे निर्दलीय उपचुनाव - NO CONFIDENCE MOTION

डूंगरपुर की चिखली पंचायत समिति से बीएपी की महिला प्रधान शर्मिला ताबियाड के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव.

NO CONFIDENCE MOTION
प्रधान शर्मिला ताबियाड के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 30, 2024, 4:28 PM IST

डूंगरपुर : जिले की चिखली पंचायत समिति से भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) की महिला प्रधान शर्मिला ताबियाड के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया है. बीएपी के छह सदस्य अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए और उसे जिला परिषद के सीईओ को सौंपा. दरअसल, प्रधान शर्मिला ताबियाड के पति बदामीलाल ताबियाड डेढ़ माह पहले हुए चौरासी विधानसभा उपचुनाव में बीएपी से बगावत कर निर्दलीय चुनाव में खड़े हुए थे. ऐसे में इस अविश्वास प्रस्ताव को बगावत से जोड़कर देखा जा रहा है. चिखली पंचायत समिति में कुल 17 मेंबर हैं.

चिखली पंचायत समिति के 6 मेंबर का एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को डूंगरपुर जिला परिषद पहुंचा. वार्ड संख्या 10 कोचरी से सदस्य शीला पारगी, वार्ड 17 से प्रियंका, वार्ड 3 से मणि, वार्ड 15 धनगांव से निर्मला, पंचकुंडी वार्ड से संगीता डामोर और वार्ड 6 डूंगरसारण से भूरालाल रोत ने अविश्वास प्रस्ताव की कॉपी जिला परिषद के सीईओ को सौंपी. इसको लेकर जिला परिषद डूंगरपुर के सीईओ हनुमान प्रसाद राठौड़ ने कहा कि चिखली से 6 सदस्य आए थे, जिन्होंने प्रधान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की कॉपी दी है. इसकी जांच करवाई जाएगी. उसके बाद आगे की कार्रवाई होगी.

प्रधान के खिलाफ बीएपी का अविश्वास प्रस्ताव (ETV BHARAT Dungarpur)

इसे भी पढ़ें - अमित शाह से मिले बीएपी सांसद राजकुमार रोत, आदिवासी रेजिमेंट की मांग समेत कई मुद्दों पर की बात - AMIT SHAH AND RAJKUMAR ROAT MEETING

प्रधान शर्मिला ताबियाड के पति बदामीलाल ताबियाड ने बताया कि चौरासी विधानसभा उपचुनाव में वे बीएपी से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़े थे. इसलिए राजनीतिक द्वेष से उन्हें और उनकी प्रधान पत्नी को टारगेट किया जा रहा है. बाकी विकास को लेकर कोई मुद्दा नहीं है. हालांकि, सदस्यों की ओर से कहा गया कि प्रधान की ओर से पंचायत समिति की बैठक आहूत नहीं की जा रही है. पंचायत समिति की ओर से विकास को लेकर कोई काम नहीं करवाया जा रहा है. वहीं, सदस्यों की पूरी तरह से अनदेखी की जा रही है. बजट का उपयोग भी नहीं हो रहा है. सदस्यों ने प्रधान के कामकाज को लेकर नाराजगी जताते हुए अविश्वास प्रस्ताव दिया है. कोचरी से सदस्य शीला पारगी ने अन्य सदस्यों के भी अविश्वास प्रस्ताव में साथ होने का दावा किया है.

17 में से 6 लेकर आए अविश्वास प्रस्ताव : चिखली पंचायत समिति में कुल 17 सदस्य हैं, जिसमें भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) के पास 12 सदस्यों के साथ बहुमत है. प्रधान शर्मिला भारत आदिवासी पार्टी की मेंबर हैं. वहीं, अविश्वास प्रस्ताव देने वाले सभी 6 मेंबर भी भारत आदिवासी पार्टी के ही हैं. पंचायत समिति में भाजपा के 4 और कांग्रेस का 1 सदस्य है. अविश्वास प्रस्ताव के लिए 2 तिहाई बहुमत की जरूरत है. अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान होने पर ये आंकड़ा जुटाना बीएपी के लिए भी मुश्किल होगा.

इसे भी पढ़ें - राजेंद्र राठौड़ ने साधा बीएपी पर निशाना, कहा-अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता, विकास तो डबल इंजन से होगा - RATHORE TARGETS BAP IN CHAURASI

प्रधान के पति ने बगावत कर लड़ा था उपचुनाव : चिखली प्रधान शर्मिला ताबियाड के पति बदामीलाल ताबियाड ने चौरासी विधानसभा उपचुनाव में बीएपी से बगावत कर दी थी. बीएपी से टिकट न मिलने पर बदामीलाल ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था. उसके बाद बीएपी ने बदामीलाल को पार्टी से निष्कासित कर दिया था. बीएपी से बगावत करने के बाद से ही प्रधान को भी हटाने को लेकर रणनीति बन गई थी. ऐसे में अविश्वास प्रस्ताव के पूरे मामले को बगावत से जोड़कर देखा जा रहा है. हालांकि, अविश्वास प्रस्ताव में कितने मेंबर बीएपी जुटा पाती है, यह अविश्वास प्रस्ताव के लिए मतदान होने पर ही पता चलेगा.

डूंगरपुर : जिले की चिखली पंचायत समिति से भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) की महिला प्रधान शर्मिला ताबियाड के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया है. बीएपी के छह सदस्य अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए और उसे जिला परिषद के सीईओ को सौंपा. दरअसल, प्रधान शर्मिला ताबियाड के पति बदामीलाल ताबियाड डेढ़ माह पहले हुए चौरासी विधानसभा उपचुनाव में बीएपी से बगावत कर निर्दलीय चुनाव में खड़े हुए थे. ऐसे में इस अविश्वास प्रस्ताव को बगावत से जोड़कर देखा जा रहा है. चिखली पंचायत समिति में कुल 17 मेंबर हैं.

चिखली पंचायत समिति के 6 मेंबर का एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को डूंगरपुर जिला परिषद पहुंचा. वार्ड संख्या 10 कोचरी से सदस्य शीला पारगी, वार्ड 17 से प्रियंका, वार्ड 3 से मणि, वार्ड 15 धनगांव से निर्मला, पंचकुंडी वार्ड से संगीता डामोर और वार्ड 6 डूंगरसारण से भूरालाल रोत ने अविश्वास प्रस्ताव की कॉपी जिला परिषद के सीईओ को सौंपी. इसको लेकर जिला परिषद डूंगरपुर के सीईओ हनुमान प्रसाद राठौड़ ने कहा कि चिखली से 6 सदस्य आए थे, जिन्होंने प्रधान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की कॉपी दी है. इसकी जांच करवाई जाएगी. उसके बाद आगे की कार्रवाई होगी.

प्रधान के खिलाफ बीएपी का अविश्वास प्रस्ताव (ETV BHARAT Dungarpur)

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प्रधान शर्मिला ताबियाड के पति बदामीलाल ताबियाड ने बताया कि चौरासी विधानसभा उपचुनाव में वे बीएपी से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़े थे. इसलिए राजनीतिक द्वेष से उन्हें और उनकी प्रधान पत्नी को टारगेट किया जा रहा है. बाकी विकास को लेकर कोई मुद्दा नहीं है. हालांकि, सदस्यों की ओर से कहा गया कि प्रधान की ओर से पंचायत समिति की बैठक आहूत नहीं की जा रही है. पंचायत समिति की ओर से विकास को लेकर कोई काम नहीं करवाया जा रहा है. वहीं, सदस्यों की पूरी तरह से अनदेखी की जा रही है. बजट का उपयोग भी नहीं हो रहा है. सदस्यों ने प्रधान के कामकाज को लेकर नाराजगी जताते हुए अविश्वास प्रस्ताव दिया है. कोचरी से सदस्य शीला पारगी ने अन्य सदस्यों के भी अविश्वास प्रस्ताव में साथ होने का दावा किया है.

17 में से 6 लेकर आए अविश्वास प्रस्ताव : चिखली पंचायत समिति में कुल 17 सदस्य हैं, जिसमें भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) के पास 12 सदस्यों के साथ बहुमत है. प्रधान शर्मिला भारत आदिवासी पार्टी की मेंबर हैं. वहीं, अविश्वास प्रस्ताव देने वाले सभी 6 मेंबर भी भारत आदिवासी पार्टी के ही हैं. पंचायत समिति में भाजपा के 4 और कांग्रेस का 1 सदस्य है. अविश्वास प्रस्ताव के लिए 2 तिहाई बहुमत की जरूरत है. अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान होने पर ये आंकड़ा जुटाना बीएपी के लिए भी मुश्किल होगा.

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प्रधान के पति ने बगावत कर लड़ा था उपचुनाव : चिखली प्रधान शर्मिला ताबियाड के पति बदामीलाल ताबियाड ने चौरासी विधानसभा उपचुनाव में बीएपी से बगावत कर दी थी. बीएपी से टिकट न मिलने पर बदामीलाल ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था. उसके बाद बीएपी ने बदामीलाल को पार्टी से निष्कासित कर दिया था. बीएपी से बगावत करने के बाद से ही प्रधान को भी हटाने को लेकर रणनीति बन गई थी. ऐसे में अविश्वास प्रस्ताव के पूरे मामले को बगावत से जोड़कर देखा जा रहा है. हालांकि, अविश्वास प्रस्ताव में कितने मेंबर बीएपी जुटा पाती है, यह अविश्वास प्रस्ताव के लिए मतदान होने पर ही पता चलेगा.

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