छपरा: बिहार में सारण जिला परिषद की अध्यक्ष जय मित्रा देवी के विरुद्ध लाया गया अविश्वास प्रस्ताव पारित हो गया. गुरुवार वार को जिलाधिकारी अमन समीर की अध्यक्षता में विशेष बैठक बुलाई गई. अविश्वास प्रस्ताव गुरुवार को समाहरणालय सभागार में ध्वनि मत से पारित हो गया. ऐसे में अविश्वास प्रस्ताव को लेकर पूरे दिन गहमागहमी बनी रही. वहीं सुरक्षा के भी कड़े बंदोबस्त किए गए थे.
चली गई जय मित्रा देवी की कुर्सी: दअरसल निर्धारित समय से कुछ देर के बाद तक बैठक में जिला परिषद अध्यक्ष सहित सभी 47 सदस्य उपस्थित हुए. उसके बाद जिलाधिकारी अमन समीर की मौजूदगी में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हुई और सभी उपस्थित सदस्यों की उपस्थिति पंजी में दर्ज की गई. मदतान में अध्यक्ष के विरुद्ध लाये गये अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 29 मत पड़े और अविश्वास प्रस्ताव के विपक्ष में 18 मत पड़े. तत्पश्चात जिला परिषद अध्यक्ष जय मित्रा देवी की कुर्सी आखिरकार चली गई.
बैलेट पेपर से हुई वोटिंग: बता दें कि बैठक की अध्यक्षता कर रहे जिलाधिकारी अमन समीर द्वारा अविश्वास प्रस्ताव में लगाये गये आरोपों को पढ़कर सदस्यों को सुनाया गया. इसके उपरांत पक्ष एवं विपक्ष के सदस्यों द्वारा इन आरोपों को लेकर आपस में चर्चा की गई. चर्चा समाप्त होने के उपरांत मत विभाजन की प्रक्रिया अपनाई गई. इससे पूर्व सभी सदस्यों को मत विभाजन की प्रक्रिया एवं बैलेट पेपर के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई.
''हमारे साथ हमारे ही लोगों द्वारा विश्वासघात किया गया है. अभी तो मैं हारी हूं, पद रिक्त हुआ है. आगे फिर चुनाव होगा, फिर हमारी लड़ाई जारी रहेगी.''- जय मित्र देवी, पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष, सारण
पक्ष में 29 तो विवक्ष में पड़े 18 मत: अविश्वास प्रस्ताव में अध्यक्ष के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव को लेकर मत विभाजन किया गया. सभी उपस्थित सदस्यों को एक एक कर नाम लेकर पुकारा गया और उन्हें जिला पदाधिकारी द्वारा हस्ताक्षरित बैलेट पेपर उपलब्ध कराया गया. मतदान के उपरांत मतों की गणना की गई. अध्यक्ष के विरुद्ध लाये गये अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 29 मत पड़े और अविश्वास प्रस्ताव के विपक्ष में 18 मत पड़े. अध्यक्ष के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पारित करते हुए अध्यक्ष का पद रिक्त घोषित किया गया.
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