शिमला: हिमाचल में विधानसभा की तीन सीटों पर हुए उपचुनाव का शनिवार को नतीजा घोषित हो गया. जिसके कांगड़ा जिला के देहरा और सोलन जिला के नालागढ़ विधानसभा में कांग्रेस बड़े मतों के अंतर से चुनाव जीती है. वहीं, सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू को उपचुनाव में अपने ही गृह जिला में दूसरी बार हार का मुंह देखना पड़ा है. इससे पहले 4 जून को छह विधानसभा सीटों पर घोषित उपचुनाव के परिणाम में सीएम सुक्खू के हाथों से हमीरपुर जिला के तहत बड़सर सीट छिटक गई थीं. ऐसे में आज भी हमीरपुर सीट पर आया चुनाव परिणाम कांग्रेस के लिए निराशाजनक रहा है.
हालांकि उपचुनाव में तीन में दो सीटों पर मिली जीत की खुशी का उत्साह मनाने के लिए पार्टी समर्थक सीएम के सरकारी निवास ओक ओवर पहुंचे थे, लेकिन यहां पर जीत का बड़ा जश्न नजर नहीं आया. सीएम सुक्खू के गृह जिला के हमीरपुर सीट पर कांग्रेस को हार से मिली निराशा की खामोशी सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के चेहरे पर खिली हल्की मुस्कान के पीछे नजर आ रही थी.
जश्न में नाटी की परंपरा: हिमाचल में किसी भी उत्सव या फिर जीत के जश्न में पहाड़ी वाद्य यंत्रों के साथ नाटी की परंपरा रही है, लेकिन शनिवार को सीएम के सरकारी निवास ओक ओवर में नाटी में झूमते समर्थक नजर आए न वाद्य यंत्रों की गूंज सुनाई थी. हालांकि, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को बधाई देने पहुंचे कार्यकर्ताओं ने पटाखे फोड़ कर जीत का उत्साह जरूर मनाया. वहीं सीएम को जीत की बधाई देने कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, आयुष मंत्री यादवेंद्र गोमा, कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष संजय अवस्थी, विधायक हरीश जनारथा, विधायक नगर निगम के मेयर सुरेन्द्र चौहान आदि पहुंचे थे.
उपचुनाव के गृह जिला में दूसरी हार: हिमाचल में विधानसभा सभा की तीन सीटों पर आए चुनाव परिणामों का सुक्खू सरकार पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है. सरकार पहले ही 38 विधायकों के संख्या बल के साथ स्थिर थी. अब उपचुनाव में देहरा और नालागढ़ विधानसभा सीट पर जीत के साथ कांग्रेस विधायकों की संख्या 40 हो गई हैं, लेकिन हमीरपुर में उपचुनाव के परिणाम सीएम की उम्मीदों के मुताबिक नहीं आए हैं. यहां दो उपचुनाव में तीन सीटों में से कांग्रेस की दो सीटों पर हार हुई है. ऐसे में कहीं न कहीं हार की पीड़ा सुक्खू को परेशान कर रही है.
वरिष्ठ पत्रकार एवं राजनीति के जानकार उदयवीर पठानिया का कहना है कि उपचुनाव के नतीजों से सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा. प्रदेश में कांग्रेस सरकार पहले की स्पष्ट बहुमत के साथ स्थिर है. लेकिन सीएम के गृह जिला में उपचुनाव में मिली हार से विपक्ष को सवाल खड़े करने का अवसर मिल गया है.
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