पटना: नियोजित शिक्षकों की लंबे समय से मांग रही है कि उन्हें राज्य कर्मी का दर्जा दिया जाए. सरकार ने इसके लिए सक्षमता परीक्षा ली थी. सक्षमता परीक्षा का परिणाम जारी हुए लगभग 3 महीने होने जा रहे हैं, लेकिन अब तक परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके नियोजित शिक्षकों की विशिष्ट शिक्षक के पद पर नियुक्ति नहीं हुई है. ना ही इन नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा दिया गया है.
राज्यकर्मी का दर्जा नहीं: बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमित विक्रम ने कहा कि तमाम अहर्ता रहने के बावजूद नियोजित शिक्षकों की योग्यता मापने के लिए सरकार ने दक्षता परीक्षा पहले ली. फिर भी राज्य कर्मी का दर्जा नहीं दिया. सक्षमता परीक्षा पास करने की शर्त रखी थी. नियोजित शिक्षक सक्षमता परीक्षा भी पास किये, लेकिन अब तक उन्हें राज्य कर्मी का दर्जा नहीं दिया जा रहा है.
च्वाइस जिला में ट्रांसफर नहींः बीपीएससी के पहले और दूसरे चरण में रिजल्ट आने के चंद दिनों में ही महीने भर के भीतर परीक्षा पास अभ्यर्थियों को शिक्षक के पद पर नियुक्ति हो गई. लेकिन सक्षमता परीक्षा पास करने के बावजूद नियोजित शिक्षकों की पोस्टिंग क्यों नहीं हो रही है यह समझ में नहीं आ रहा. अमित विक्रम ने कहा कि बहुत शिक्षकों को लंबे समय से ट्रांसफर की आवश्यकता है. इसी को लेकर शिक्षकों ने सक्षमता परीक्षा पास किया और उन्हें उनके च्वाइस का जिला नहीं मिल रहा है. महिला शिक्षिकाओं को ट्रांसफर की जरूरत है.
शिक्षकों में नाराजगीः सरकार ने कहा था की परीक्षा पास करने पर ही पोस्टिंग नई जगह पर कर दी जाएगी. उन्होंने कहा कि वह सरकार से मांग करते हैं कि जल्द से जल्द नियोजित शिक्षकों को विशिष्ट शिक्षक बनाया जाए और परीक्षा पास करने की तिथि से शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा दिया जाए. शिक्षक इसके लिए जगह-जगह भटक रहे हैं लेकिन सरकार की ओर से काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू नहीं हो रही है जिससे नाराजगी है.
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