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बिहार में बाढ़, शिक्षा.. स्वास्थ्य से कृषि तक नीति आयोग की बैठक में किन मुद्दों पर होगी बात? - Niti Aayog meeting

Nitish Kumar नीति आयोग की रिपोर्ट में बिहार विकास के ज्यादातर पैमाने पर निचले पायदान पर है. केंद्र की ओर से बजट में विशेष ध्यान रखा गया है. इसके बाद भी विपक्ष सरकार पर स्पेशल स्टेटस के लिए जबरदस्त दबाव बना रहा है. विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान इसका नजारा भी देखने को मिला. इन सब के बीच सबकी नजर नीति आयोग की बैठक पर टिकी है, जिसमें बिहार के पांच दिग्गज नेता शामिल हो रहा हैं. पढ़ें, विस्तार से.

नीतीश कुमार.
नीतीश कुमार. (फाइल फोटो) (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jul 26, 2024, 10:26 PM IST

Updated : Jul 27, 2024, 8:04 AM IST

पटनाः दिल्ली में नीति आयोग की बैठक 27 जुलाई को होने वाली है. जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर सकते हैं. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस बैठक में शामिल नहीं होंगे. लेकिन, बिहार की ओर से पांच दिग्गज नेता इस बैठक में शामिल होंगे. इनमें लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान, हम पार्टी के संरक्षक और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी, केंद्रीय मंत्री ललन सिंह के अलावा उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा बैठक में हिस्सा लेने जा रहे हैं.

स्पेशल स्टेटस का मुद्दा उठाने की उम्मीदः जदयू की ओर से स्पेशल स्टेटस के मुद्दे को उठाया जाएगा. पार्टी के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने संकेत दिये हैं कि जदयू स्पेशल स्टेटस की मांग से पीछे नहीं हटी है. पैकेज स्पेशल स्टेटस की दिशा में ही एक कदम है. जदयू नेता और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह नीति आयोग की बैठक में बिहार के लिए स्पेशल स्टेटस का मुद्दा उठा सकते हैं. बता दें कि आम बजट में केंद्र सरकार की ओर से बिहार के लिए अलग-अलग योजनाओं में 69000 करोड़ पैकेज की घोषणा की गई है.

गरीबी मामले में निचले पायदान पर बिहारः अर्थशास्त्री डॉक्टर अविरल पांडे का मानना है कि नीति आयोग के इंडेक्स में बिहार निचले स्थान पर है. बिहार में 33.7% लोग गरीबी रेखा से नीचे हैं. इसके अलावा पलायन बड़ी समस्या है. शिक्षा और रोजगार के लिए लोग पलायन कर रहे हैं. लगभग 40 लाख आबादी पलायन कर चुकी है. ऐसे में नीति आयोग को ह्यूमन इंडेक्स में सुधार के लिए बिहार को रोड मैप दे सकती है. इसके अलावा हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार की जरूरत है.

"बिहार के 17 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं तो 19 जिले सूखे से प्रभावित हैं. ऐसी स्थिति से निपटने के लिए भी नीति आयोग की पहल अपेक्षित है. पहली बार तीन केंद्रीय मंत्री और दो-दो उपमुख्यमंत्री बैठक में शामिल हो रहे हैं. उम्मीद की जा रही है कि यह नेता बिहार के विकास के लिए अपने विचार से नीति आयोग के समक्ष अलग नजरिया पेश कर सकते हैं."- डॉक्टर अविरल पांडे, अर्थशास्त्री

इसे भी पढ़ेंः बिहार विधानसभा का मानसून सत्र संपन्न: अनुपूरक बजट सहित 7 विधेयक पारित, सरकार को घेरने में विपक्ष बुरी तरह नाकाम - Bihar Assembly Monsoon session ends

इसे भी पढ़ेंः जर्जर स्कूल भवन में जान हथेली पर रखकर पढ़ने को मजबूर बच्चे, कोरियावां के प्राथमिक विद्यालय की दुर्दशा पर ग्रामीणों में आक्रोश - Masaurhi Koriawan Primary School

पटनाः दिल्ली में नीति आयोग की बैठक 27 जुलाई को होने वाली है. जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर सकते हैं. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस बैठक में शामिल नहीं होंगे. लेकिन, बिहार की ओर से पांच दिग्गज नेता इस बैठक में शामिल होंगे. इनमें लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान, हम पार्टी के संरक्षक और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी, केंद्रीय मंत्री ललन सिंह के अलावा उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा बैठक में हिस्सा लेने जा रहे हैं.

स्पेशल स्टेटस का मुद्दा उठाने की उम्मीदः जदयू की ओर से स्पेशल स्टेटस के मुद्दे को उठाया जाएगा. पार्टी के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने संकेत दिये हैं कि जदयू स्पेशल स्टेटस की मांग से पीछे नहीं हटी है. पैकेज स्पेशल स्टेटस की दिशा में ही एक कदम है. जदयू नेता और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह नीति आयोग की बैठक में बिहार के लिए स्पेशल स्टेटस का मुद्दा उठा सकते हैं. बता दें कि आम बजट में केंद्र सरकार की ओर से बिहार के लिए अलग-अलग योजनाओं में 69000 करोड़ पैकेज की घोषणा की गई है.

गरीबी मामले में निचले पायदान पर बिहारः अर्थशास्त्री डॉक्टर अविरल पांडे का मानना है कि नीति आयोग के इंडेक्स में बिहार निचले स्थान पर है. बिहार में 33.7% लोग गरीबी रेखा से नीचे हैं. इसके अलावा पलायन बड़ी समस्या है. शिक्षा और रोजगार के लिए लोग पलायन कर रहे हैं. लगभग 40 लाख आबादी पलायन कर चुकी है. ऐसे में नीति आयोग को ह्यूमन इंडेक्स में सुधार के लिए बिहार को रोड मैप दे सकती है. इसके अलावा हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार की जरूरत है.

"बिहार के 17 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं तो 19 जिले सूखे से प्रभावित हैं. ऐसी स्थिति से निपटने के लिए भी नीति आयोग की पहल अपेक्षित है. पहली बार तीन केंद्रीय मंत्री और दो-दो उपमुख्यमंत्री बैठक में शामिल हो रहे हैं. उम्मीद की जा रही है कि यह नेता बिहार के विकास के लिए अपने विचार से नीति आयोग के समक्ष अलग नजरिया पेश कर सकते हैं."- डॉक्टर अविरल पांडे, अर्थशास्त्री

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Last Updated : Jul 27, 2024, 8:04 AM IST
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