ETV Bharat / state

बयाना के विजयगढ़ दुर्ग में नीलगाय का शिकार, आरोपी शिकारी फरार - NILGAI HUNTED IN BHARATPUR

भरतपुर जिले के बयाना में शिकारियों ने नीलगाय का शिकार कर लिया. ग्रामीणों ने शिकारियों को पकड़ने की कोशिश की, लेकिन वे भाग गए.

Nilgai Hunted in Bharatpur
बयाना के विजयगढ़ दुर्ग में नीलगाय का शिकार (ETV Bharat Bharatpur)
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 17, 2025, 1:54 PM IST

भरतपुर: जिले के बयाना में वन्यजीव संरक्षण और सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं. शिकारियों ने ऐतिहासिक विजयगढ़ किले के भीतर नीलगाय का शिकार कर वन्यजीव संरक्षण कानूनों की धज्जियां उड़ा दी. गुरुवार शाम को शिकारियों ने बंदूक से गोली मारकर एक नीलगाय को मौत के घाट उतार दिया और उसके अंग काटकर फरार हो गए. ये घटना न केवल वन्यजीवों की सुरक्षा में बड़ी चूक की ओर इशारा करती है, बल्कि स्थानीय प्रशासन और वन विभाग की लापरवाही को भी उजागर करती है.

ग्रामीणों ने सुनी गोली चलने की आवाज: स्थानीय फॉरेस्टर भूदेव मधु का कहना है कि मामले की जांच की जाएगी. हालांकि, उन्होंने यह भी संभावना जताई कि कभी-कभी तेंदुए भी नीलगाय पर हमला कर सकते हैं. मोरतालाब गांव के निवासियों के अनुसार गुरुवार शाम करीब 4 बजे चामड़ मंदिर की तरफ से गोली चलने की आवाज आई. जब ग्रामीण मौके पर पहुंचे, तो उन्होंने 4-5 शिकारियों को बंदूक लेकर भागते हुए देखा. घटनास्थल से करीब 200 मीटर की दूरी पर एक मृत नीलगाय पाई गई, जिसके शरीर पर छर्रों के निशान थे. हालांकि शिकारी नीलगाय की चमड़ी और मांस नहीं ले जा सके, लेकिन उसके अंग काटकर ले गए.

पढ़ें: श्रीगंगानगर में नीलगाय की हत्या के बाद फिर भड़का आक्रोश, वन्यजीव प्रेमियों ने प्रदर्शन की दी चेतावनी

चौकी स्थापित करने की मांग: स्थानीय लोगों ने बताया कि नीलगाय का मांस बड़े होटलों में 70 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बिकता है. एक नीलगाय से लगभग 250-300 किलो मांस निकलता है, जिससे शिकारियों को करीब 20-21 हजार रुपए की आमदनी होती है. ग्रामीणों ने वन विभाग से विजयगढ़ दुर्ग के अंदर चौकी स्थापित करने की मांग की है, ताकि इन घटनाओं को रोका जा सके.

भरतपुर: जिले के बयाना में वन्यजीव संरक्षण और सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं. शिकारियों ने ऐतिहासिक विजयगढ़ किले के भीतर नीलगाय का शिकार कर वन्यजीव संरक्षण कानूनों की धज्जियां उड़ा दी. गुरुवार शाम को शिकारियों ने बंदूक से गोली मारकर एक नीलगाय को मौत के घाट उतार दिया और उसके अंग काटकर फरार हो गए. ये घटना न केवल वन्यजीवों की सुरक्षा में बड़ी चूक की ओर इशारा करती है, बल्कि स्थानीय प्रशासन और वन विभाग की लापरवाही को भी उजागर करती है.

ग्रामीणों ने सुनी गोली चलने की आवाज: स्थानीय फॉरेस्टर भूदेव मधु का कहना है कि मामले की जांच की जाएगी. हालांकि, उन्होंने यह भी संभावना जताई कि कभी-कभी तेंदुए भी नीलगाय पर हमला कर सकते हैं. मोरतालाब गांव के निवासियों के अनुसार गुरुवार शाम करीब 4 बजे चामड़ मंदिर की तरफ से गोली चलने की आवाज आई. जब ग्रामीण मौके पर पहुंचे, तो उन्होंने 4-5 शिकारियों को बंदूक लेकर भागते हुए देखा. घटनास्थल से करीब 200 मीटर की दूरी पर एक मृत नीलगाय पाई गई, जिसके शरीर पर छर्रों के निशान थे. हालांकि शिकारी नीलगाय की चमड़ी और मांस नहीं ले जा सके, लेकिन उसके अंग काटकर ले गए.

पढ़ें: श्रीगंगानगर में नीलगाय की हत्या के बाद फिर भड़का आक्रोश, वन्यजीव प्रेमियों ने प्रदर्शन की दी चेतावनी

चौकी स्थापित करने की मांग: स्थानीय लोगों ने बताया कि नीलगाय का मांस बड़े होटलों में 70 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बिकता है. एक नीलगाय से लगभग 250-300 किलो मांस निकलता है, जिससे शिकारियों को करीब 20-21 हजार रुपए की आमदनी होती है. ग्रामीणों ने वन विभाग से विजयगढ़ दुर्ग के अंदर चौकी स्थापित करने की मांग की है, ताकि इन घटनाओं को रोका जा सके.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.