लखनऊ: इस साल के अंत तक देश की पहली नाइट सफारी का आनंद पर्यटक उठा सकेंगे. इसके लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कुकरैल वन क्षेत्र को चुना है. यही नहीं लखनऊ चिड़ियाघर भी कुकरैल में ही शिफ्ट होगा. दावा तो ये भी किया जा रहा है कि, सिंगापुर की तर्ज पर बन रही लखनऊ की ये नाइट सफारी विश्व की छह नाइट सफारी से कहीं ज्यादा खूबसूरत होगी. अभी तक देश में डे सफारी तो हैं, लेकिन एक भी नाइट सफारी नहीं है. पर्यटकों को रात में वन्य जीवों को दीदार करने का मौका मिलेगा.
150 एकड़ में जू और 350 एकड़ में नाइट सफारी: बता दें कि, कुकरैल रेंज के पूर्वी और पश्चिमी ब्लॉक को मिलाकर नाइट सफारी और चिड़ियाघर का निर्माण किया जा रहा. सिंगापुर की तर्ज पर बनने वाली यह सफारी अब तक की विश्व की सभी नाइट सफारी में खास होने वाली है. लखनऊ के इंदिरा नगर स्थित कुकरैल वन में 150 एकड़ में नया चिड़ियाघर और 350 एकड़ में नाइट सफारी बनेगी. जिसमें 75 एकड़ में तेंदुआ सफारी, 60 एकड़ में भालू सफारी और 75 एकड़ में टाइगर सफारी होगी.
एक ही स्थान पर नाइट सफारी,जू और एडवेंचर्स का लुत्फ: नाइट सफारी में आने वाले पर्यटकों के लिए खास व्यवस्थाएं की जा रही हैं. इनमें पर्यटकों के लिए कैनेपी वॉक, कैंपिंग गतिविधि, माउंटेन बाइक ट्रैक, दीवार पर्वतारोहण, ट्री टॉप रेस्टोरेंट, नेचर ट्रेल और फूड कोर्ट की व्यवस्थाएं होंगी. नाइट सफारी में खूबसूरत एंट्री गेट, एक्सप्लेन सेंटर, बटरफ्लाई इंटरप्रिटेशन सेंटर बनाया जाएगा. फिलहाल राजधानी के कुकरैल संरक्षित वन में मगरमच्छ, घड़ियाल और कछुआ का अभ्यारण्य स्थित है. वन्यजीवों को बाड़े में न रखकर खुले आकाश में कैटल ग्रेड में रखा जाएगा. रात में जानवरों का दीदार हो सके इसके लिए चंद्रमा की रोशनी की जैसी हल्की लाइट्स लगाई जाएंगी. ओपन जीप से टूरिस्ट रात के समय में जानवरों को देख सकेंगे.
देश में 13 ओपन डे सफारी: अभी तक देश में 13 ओपन डे सफारी हैं, इनमें सात बेस्ट डेस्टिनेशन हैं. कान्हा राष्ट्रीय उद्यान, सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान, जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क, बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान, रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान और बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान शामिल हैं. इटावा लायन सफारी है. लेकिन एक भी नाइट सफारी नहीं है, इसलिए लखनऊ की पहली नाइट सफारी बेहद खास होने वाली है. यहां कुकरैल नदी को चैनलाइज कर इसे खूबसूरत रिवर फ्रंट के तौर पर डेवलप किया जाएगा. ऐसे में जब भी पर्यटक नाइट सफारी में आएंगे तो उन्हें एक ही स्थान पर चिड़ियाघर, बायोडायवर्सिटी पार्क, रिवरफ्रंट और वर्ल्ड क्लास नाइट सफारी का लुत्फ उठाने को मिल सकेगा.
वन्य जीवों और पक्षियों की शिफ्टिंग के लिए खास इंतजाम: फिलहाल लखनऊ के हजरतगंज में वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान 29 हेक्टेयर में फैला हुआ है. यहां पर 100 से अधिक प्रजातियों के 1000 से ज्यादा जानवर और पशु पक्षी मौजूद हैं. यहां से वन्यजीवों की शिफ्टिंग के लिए स्पेशल पिंजरा लाया जाएगा. 12 टाइगर, एक वाइट टाइगर, हिप्पो और जिराफ हैं. इन्हें इसी पिंजरे से नाइट सफारी ले जाया जाएगा. मोटे तारों से खास पिंजरा बनाया जाएगा जिससे सभी वन्य जीव सुरक्षित रहें. मछलियों को शिफ्ट करने के लिए स्पेशल एक्वेरियम इस्तेमाल होगा. लखनऊ के प्राणी उद्यान की अगर बात की जाए तो यहां पर शेर, चीता, तेंदुआ, फिशिंग कैट के अलावा स्लॉथ बियर, इंडियन ब्लैक बियर, लोमड़ी, गीदड़ और जंगली कैट शामिल हैं. दरियाई घोड़ा, जिराफ और कई तरह के हिरणों की भी प्रजातियां हैं.
लखनऊ में दुनिया की छठवीं नाइट सफारी: उत्तर प्रदेश के वन और पर्यावरण, जन्तु उद्यान मंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना का कहना है कि, विश्व की छह नाइट सफारी में से देश की यह पहली नाइट सफारी होगी. खुशी की बात ये है कि यह उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बन रही है. हमें पूरी उम्मीद है कि इसी साल नाइट सफारी शुरू हो जाएगी और लोग इस नाइट सफारी में रात में सैर कर सकेंगे.